"खुश रहने के लिए महत्वपूर्ण बिंदु "

खुश रहने के लिए महत्वपूर्ण बिन्दु

खुशी एक शक्ति है, जो व्यक्ति को सकारात्मकता और आत्मविश्वास से भर देती है। हर व्यक्ति के लिए खुशी का अर्थ अलग होता है।

विद्यार्थियों के लिए परीक्षा में अच्छे अंक लाना ही उनकी खुशी होती है, तो किसी कर्मचारी के लिए अच्छे पद पर पहुंचना खुशी का कारण होता है। कुछ को घूमना-फिरना पसंद है, तो कोई संगीत में अपनी खुशी खोजता है। कहने का तात्पर्य यह है कि हर व्यक्ति उस जगह खुश रहता है, जहां उसका मन संतुष्टि पाता है और जिस चीज को वो सकारात्मक रूप से देखता है। किन्तु एक व्यक्ति ऐसा भी होता है, जो हर स्थिति में खुश रहता है। यह वो व्यक्ति है, जिसने आत्मा में सुषुप्त (सोया हुआ) मूल खुशी को जागृत कर लिया है। आज हम कुछ ऐसे ही तरीकों की चर्चा कर रहे हैं, जिनको अपना कर हम अपने मन को खुश रख सकते हैं।

खुद को अपनाएं 

खुश रहने के लिए सबसे ज़रूरी है कि हम खुद को बिना किसी शर्त के अपनाएं और खुद को प्यार करें। इस तरह हम अपना ध्यान रख पाते हैं और अपने स्वास्थ्य, अपने आत्मविश्वास और अपने मन की शांति को बनाए रख सकते हैं। खुद को प्यार करना कोई स्वार्थ नहीं है, बल्कि यह हमारे लिए जरूरी भी है, क्योंकि जब तक हम खुद को प्यार नहीं करेंगे, तो दूसरों को भी प्यार नहीं दे सकते। हमने सुना है कि जैसा व्यक्ति अपने बारे में सोचता है वैसा ही उसे दूसरा व्यक्ति भी नज़र आता है।

गड़े मुर्दे न उखाड़ें 

हर व्यक्ति के जीवन में कुछ अच्छे तो कुछ बुरे दिन ज़रूर आते हैं, किन्तु यह ज़रूरी नहीं है कि हम हर वक्त बीते हुए कल के बारे में विचार करके खुद को परेशान और दुखी रखें। हम अपने वर्तमान और भविष्य के बारे में विचार करें और उसे संवारने की कोशिश करें। इससे हमें इस वक्त भी खुशी मिलेगी और हम अपने भविष्य को लेकर भी संतुष्ट रहेंगे।

अपनी तुलना किसी से न करें  

तुलना हममें हीन भावना भी ला सकती है और घमंड भी, इसलिए तुलना से जितना हो सके उतना बचें। तुलना करते वक्त अगर हमको लगा कि कोई हमसे अच्छा और आगे है, तो हम खुद के प्रति गलत विचार बना लेते हैं और यदि हमको ऐसा लगा कि हम उससे अच्छे हैं, तो हममें घमंड आ सकता है, जो हमारे पतन का कारण बनेगा।

प्रर्याप्त नींद लें  

हर व्यक्ति को शरीर की आवश्यकता अनुसार पर्याप्त सोना या आराम करना जरूरी है। इससे हम मानसिक और शारीरिक दोनों रूपों से स्वस्थ रहते हैं, जो हमारी खुशी के लिए बहुत ज़रूरी है। नींद से पहले भी अपने मन को शांत रखना ज़रूरी है ताकि हम आध्यात्मिक-नैतिक चैन की नींद ले सकें। इसके लिए सोने से पहले टीवी, रेडियो और रोशनी इत्यादि बंद कर दें। मन शांत करने के लिए कोई अच्छी किताब पढ़ें या राजयोग का अभ्यास करें।

बड़े सपने देखें  

सपने देखने में हमारा कोई पैसा तो लगता नहीं किन्तु सपने हमको प्रेरित ज़रूर करते हैं। इसलिए हम बड़े-बड़े सपने देखें, जो हमें खुशी देते हों। जिनको पूरा करने के लिए हम मेहनत कर सकते हैं और जिनके पूरा होने पर हमको दोगुनी खुशी मिले।

इच्छाओं को कम करें 

इच्छाओं की बाढ़ में न बहें। हम अपनी इच्छाओं को ध्यान से चुनें और उन्हें ज़रूरत के हिसाब से पूरा करने की कोशिश करें, ताकि मन को संतुष्टि प्राप्त हो सके।

घृणा से बचें  

किसी से नफरत करना, किसी के प्रति बुरे विचार रखना या फिर किसी से बदले की भावना रखना भी हमें संतुष्ट नहीं रहने देता। घृणा करने वाले अपने बारे में ना सोचते हुए हमेशा दूसरों को नुकसान पहुंचाने के बारे में सोचते हैं, जिसकी वजह से ये अपना ही नुकसान कर लेते हैं। आप ऐसा बनने से ज़रूर बचें। अपने जीवन को समझें और जानें कि ये बहुत ही छोटा है। इसे व्यर्थ के कार्य में ना लगाते हुए खुद के लिए जीएं।

तनावमुक्त रहें 

तनाव व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन है, क्योंकि इसकी वजह से व्यक्ति ना सिर्फ खुद दुखी रहता है, बल्कि अपने आसपास के लोगों की खुशी भी छीन लेता है। तनावग्रस्त व्यक्ति का स्वभाव बदल जाता है। इनका चिड़चिड़ापन इनको किसी भी चीज पर ध्यान केन्द्रित नहीं करने देता, जिससे इनकी सफलता की संभावना कम हो जाती है। अतः खुश रहने के लिए तनावमुक्त होना बहुत ज़रूरी है।

झूठ न बोलें  

हमने सुना है कि एक झूठ को छुपाने के लिए सैकड़ों झूठ बोलने पड़ते हैं और इससे हमारे मन पर भारी बोझ पड़ जाता है। इन झूठों में ही हम हमेशा उलझे रहते हैं। हमें खुद समझ में नहीं आता कि हमें कब, क्या करना चाहिए और हमने कब, क्या किया या कहा था। इसलिए अपने मन को हल्का रखें और मन को हल्का रखने के लिए झूठ से बचें।

भयमुक्त रहें 

हमारे दुखों का कारण हमारा भय भी हो सकता है। भय, व्यक्ति को मन ही मन कमजोर बनाता जाता है और उसकी सकारात्मकता को छीन लेता है। भय किसी का भी हो सकता है, जैसे काम का भय, असफल होने का भय, मृत्यु का भय, किसी के खो जाने का भय या किसी के साथ रहने का भय इत्यादि। हम अपने भय को पहचानें और उसे दूर करने का प्रयास करें।

ध्यान करें 

हर चीज का समाधान राजयोग में मिल जाता है। राजयोग हमें मानसिक, आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से मजबूती प्रदान करता है। ये हमको सांसारिक आकर्षणों से दूर ले जाकर जीवन के असली लक्ष्य तक पहुंचता है। ध्यान में स्वयं पर और पिता परमात्मा पर केन्द्रित होना होता है। इससे मन खुश रहता है और संतुष्टि की चरम सीमा प्राप्त होती है।

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