भगवद गीता कोट्स

इन 7 भगवद गीता कोट्स में छिपे हैं जीवन के गूढ़ रहस्य

सफल जीवन जीने के लिए सत्य का सहारा बहुत ही ज़रूरी है। सत्य को अपनाकर ही हम हर कष्ट से दूर रह सकते हैं, क्योंकि हमें वो शक्ति देता है, जिससे हम हमेशा झूठ को हरा सकते हैं।

भगवद गीता हिंदूओं का सबसे पूजनीय ग्रंथ, तो है ही, इसके साथ ही पूरी दुनिया के लोगों के लिए भी काफी पवित्र है। भगवद गीता सिर्फ एक ग्रंथ ही नहीं है बल्कि हज़ारों साल पहले कहे गए ऐसे उपदेश हैं, जो इंसान को जीने की कला सिखाती है। साथ ही जीवन के अलग-अलग रास्तों पर मार्गदर्शन करती है।

महाभारत के अनुसार कुरुक्षेत्र के मैदान में युद्ध शुरू होने से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने जो उपदेश अर्जुन को सुनाए थे, वहीं आगे गीता के नाम से प्रसिद्ध हुआ। गीता के 18 अध्यायों में लगभग 700 श्लोकों के माध्यम से श्रीकृष्ण ने अर्जुन को धर्म और कर्म से जुड़े उपदेश दिए हैं। गीता को कर्म और जीवन का विज्ञान भी बताया जाता है।

तो चलिए सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको भगवद गीता के 7 ऐसे कोट्स के बारे में बताएंगे, जिसमें जीवन के गूढ़ रहस्य छिपे हैं। साथ ही हम भगवद गीता (Bhagwad Gita in hindi) से जुड़ी और भी जानकारियां आपको देंगे।

भगवद गीता कब लिखी गई? (Bhagavad Gita kab likhi gayi?)

कहा जाता है कि भगवद गीता कलयुग के शुरू होने से मात्र 30 साल पहले लिखा गया था। मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के दिन कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन के नंदिघोष रथ पर सारथी के स्थान पर बैठे श्रीकृष्ण ने उन्हें गीता का उपदेश सुनाया था। इसलिए इसी तिथि को हर साल गीता जयंती भी मनाया जाता है। गीता का महत्व हिंदू धर्म में काफी ज़्यादा है। श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान इसलिए दिया था, क्योंकि वो अपने कर्तव्य से भटककर संन्यासी और वैरागी जैसा व्यवहार करने लगे थे और युद्ध छोड़ने की बात करने लगे थे। ऐसे में श्रीकृष्ण ने उन्हें उनका कर्तव्य निभाने के लिए गीता का ज्ञान दिया था। गीता को अर्जुन के अलावा संजय ने सुना, जिन्होंने धृतराष्ट्र को बताया। गीता में श्रीकृष्ण ने 574, अर्जुन ने 85, संजय ने 40 और धृतराष्ट्र ने 1 श्लोक कहा है।

भगवद गीता के कोट्स में छिपे हैं जीवन के रहस्य (Bhagavad Gita ke quotes mein chhipe hain jeevan ke rahasya)

सच्चाई का पालन करो, झूठ से दूर रहो।
सत्य ही जीवन की नींव व आधार है।

इन शब्दों के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया है कि सफल जीवन जीने के लिए सत्य का सहारा बहुत ही ज़रूरी है। सत्य को अपनाकर ही हम हर कष्ट से दूर रह सकते हैं, क्योंकि हमें वो शक्ति देता है, जिससे हम हमेशा झूठ को हरा सकते हैं। हालांकि, सच्चाई का पालन करना आज के समय में बहुत ही मुश्किल है, लेकिन सत्य के रास्ते पर चलने वाला कुछ देर के लिए परेशान ज़रूर हो सकता है, लेकिन आखिर में सत्य की ही विजय होती है।

सहनशील बनो, दूसरों की गलतियों को माफ करो।
सहिष्णुता में ही सच्ची महानता है।

अपने जीवन में हर कोई महान बनना चाहता है, लेकिन उसके लिए जो सबसे ज़्यादा ज़रूरी है, वो कि सहनशीलता। किसी की गलती पर हम परेशान ज़रूर होते हैं, लेकिन अगर हम उन गलतियों के लिए किसी को सज़ा देते हैं, तो सामने वाले को तो कष्ट होता ही है, हम भी कहीं ना कहीं तनाव में रहते हैं। लेकिन, हम अगर गलितियों के लिए किसी को माफ कर देते है, तो उसमें एक अलग तरह का आनंद मिलता है, जिसे सामने वाला भी याद रखता है और हम भी कहीं ना कहीं संतुष्टि महसूस करते हैं।

त्याग का महत्व समझो और स्वार्थ से दूर रहो।
त्याग से ही जीवन में सच्ची समृद्धि मिलती है।

त्याग शब्द में मानवता झलकती है। जब हम किसी भी चीज़ को लेकर स्वार्थी बन जाते हैं, तो अपने आसपास के लोगों को किसी ना किसी प्रकार से कष्ट ज़रूर पहुंचाते हैं। लेकिन जब हम त्याग को अपनाते हैं, तो हमारे आसपास के सभी लोग खुश रहते हैं, यही हमारी सच्ची समृद्धि होती है। हम खुद को किस तरह से लोगों की यादों में रहना चाहते हैं, ये पूरी तरह से त्याग पर निर्भर करता है।

हमेशा अपना काम करो, लेकिन उसके परिणाम की चिंता मत करो।
कर्म करते रहो, फल अपने आप मिलेगा।

जीवन में सफल होने के लिए अपना काम करते रहना बहुत ही ज़रूरी है। अगर हम अपने काम के परिणाम की ही चिंता करते रहेंगे, तो परेशान होकर अपना काम पूरा नहीं कर पाएंगे। इसलिए ज़रूरी है कि अपना कर्म बिना परिणाम सोचे करते रहना चाहिए। जब हम पूरी ईमानदारी से अपना कर्म करते रहेंगे, तो एक दिन सफलता ज़रूर मिलेगी।

धैर्य रखो, हर परिस्थिति का सामना शांति से करो।
धैर्य में ही सफलता का रहस्य छिपा हुआ है।

जीवन में किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए धैर्य रखना बहुत ज़रूरी है। क्योंकि धैर्य नहीं रहेगा, तो हम किसी भी काम को बहुत ही जल्दबाजी में करेंगे, ऐसे में काम का सही से पूरा होना बहुत ही मुश्किल है। धैर्य हमें वो ताकत देता है, जिसकी बदौलत हम किसी भी काम को बहुत ही अच्छी तरह से पूरा कर पाते हैं।

सभी से प्रेम करो, नफरत और द्वेष से दूर रहो।
प्रेम ही जीवन का सबसे बड़ा वरदान है।

प्रेम जीवन का अमूल्य खज़ाना है। इसकी बदौलत हम किसी भी ऊंचाई को आसानी से पा लेते हैं। प्रेम से हमें जीवन जीने की शक्ति और प्रेरणा मिलती है। इसलिए हमें नफरत और द्वेष से दूर रहते हुए प्रेम को अपनाना चाहिए।

अपने कर्तव्यों और ज़िम्मेदारियों का पालन करो।
स्वधर्म का पालन ही सच्ची सेवा है।

हम जब जन्म लेते हैं, तो अपने कर्तव्यों और ज़िम्मेदारियों को नहीं समझते हैं। लेकिन जैसे-जैसे बड़े होते हैं, हमें इन दोनों चीज़ों का अर्थ समझ आ जाता है। समाज या परिवार में रहने के लिए हमारे बहुत सारे कर्तव्य और ज़िम्मेदारियां होती हैं। इसे हमें निभाना चाहिए। अपनी ज़िम्मेदारी और कर्तव्य से पीछे जो भी भागता है, वो कभी भी सफलता को नहीं प्राप्त कर पाता है।

इस आर्टिकल में हमने आपको भगवद गीता के महत्वपूर्ण कोट्स से रूबरू करवाया। ये कोट्स हमें सही जीवन जीने के सलीके और तरीके के बारे में बताता है। इसी तरह के और भी ज्ञानवर्द्धक जानकारी के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।

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