दिल और फर्ज़

बीते लम्हें लौटकर नहीं आते, लेकिन उन लम्हों की परछाई बनकर कोई भूला हुआ शख्स जब सामने आ जाता है, तो दिल के तूफान को संभालना मुश्किल हो जाता है।

रौशनी एक यंग और जानी मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ थी। अपने 5 साल के जीवन में उसने जाने कितने खतरनाक केसेस को हैंडल किया और बहुत सारे बच्चों और मांओ को नई ज़िंदगी दी। किसी से सच ही कहा है कि डॉक्टर के रूप में भगवान बसते हैं। और रौशनी इसकी जीती जागती मिसाल थी। 

एक दिन रौशनी अपने हॉस्पिटल में मरीजों के रूटीन चेकअप के दौरे पर थी कि तभी बाहर से एक औरत की बहुत ज़ोर-ज़ोर से रोने की आवाज़ आने लगी। तभी एक नर्स रौशनी के पास दौड़ कर आई और बोली, “मैम, जल्दी चलिए, पेशेंट की हालत बिगड़ रही है!” हॉस्पिटल में प्रेग्नेंट औरतों का यूं चीखते-चिल्लाते हुए डिलीवरी के लिए आना आम बात थी, पर उस औरत के रोने की आवाज़ों ने पूरे हॉस्पिटल को भर दिया था। “ओके! उसे फौरन ओटी में ले जाओ!” रौशनी ने नर्स से कहा और तुरंत अपने चैम्पर में ऑपरेशन की तैयारी करने चली गई। 

रौशनी जल्दी से अपने चैम्पर से निकली और उस औरत को देखने बढ़ी ही थी कि तभी उसकी नज़र उस औरत के साथ खड़े शख्स पर पड़ी। वो शख्स उस प्रेग्नेंट औरत का हाथ अपने हाथ में लिए हुए था और दर्द से चीखती हुई उस औरत को संभालने की नाकाम कोशिशे कर रहा था। रौशनी को डॉक्टर के कोट में आते देख वो शख्स दौड़ कर रौशनी के पास आया, और गिड़गिड़ाते हुए बोला, “मैम! प्लीज मैम मेरी पत्नी को और बच्चे को बचा लीजिये।” उसने रोते हुए रौशनी से कहा और वापस जाकर फिर से अपनी पत्नी का हाथ पकड़ लिया। अपनी पत्नी और बच्चे को बचाने की गुहार लगा रहे उस आदमी को देख कर रौशनी के तो जैसे पैर ही जम गये थे। 

सच में बीते लम्हें लौटकर नहीं आते, लेकिन उन लम्हों की परछाई बनकर कोई भूला हुआ शख्स जब सामने आ जाता है, तो दिल के तूफान को संभालना मुश्किल हो जाता है। कुछ ऐसा ही रौशनी के साथ भी हुआ था क्योंकि उसके सामने वो शख्स और कोई नहीं बल्कि उसका एक्स मंगेतर करन था।

करन और रौशनी कॉलेज के दिनों से एक दूसरे को डेट कर रहे थे और दोनों की सगाई भी हो चुकी थी। पर किस्मत ने इन दोनों प्यार करने वालों की कहानी में कुछ और ही लिख रखा था कि एक छोटी सी गलतफहमी के चलते दोनों अलग हो गये। अलग होने के इतने सालों बाद भी रौशनी के दिल में करन के लिए प्यार था, मगर उसे आज यहां ऐसे देख कर वो पूरी तरह टूट गई थी। वहीं करन ने अपनी पत्नी और बच्चे के लिए ऐसे मिन्नतें कीं, जैसे उसने रौशनी को पहचाना ही न हो। या अब उसे रौशनी कौन है इससे फर्क नहीं पड़ता, उसके लिए तो वो बस एक डॉक्टर है, जो उसकी बीवी को बचा सकती है।

“मैम! जल्दी चलिए! पेशेंट वेट कर रही है!” एक नर्स ने रौशनी से कहा तो वो अपने होश में वापस आई। मगर उसके दिलों दिमाग में अब एक नई जंग सी चलने लगी थी। यहां एक तरफ उसका टूटा दिल था वहीं दूसरी ओर उसका फर्ज़। तभी रौशनी ने अपना कोट ठीक किया और ऑपरेशन थिएटर की तरह अपना फर्ज़ निभाने चली गई।

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