जीवन में बदलाव कैसे लाएं

जीवन के मध्य पड़ाव में कैसे करें एक नई शुरुआत?

अगर कोई उस निश्चित वक्त से पहले या बाद कुछ करने की कोशिश करें तो वो बहुत अजीब नज़रों से देखा जाता है। यही वजह है कि हम जैसे बहुत से लोग जीवन के मध्य पड़ाव में कोई भी नयी शुरुआत करने से डरते हैं।

बचपन में स्कूल और जवानी में कॉलेज पूरा करने के बाद हमारा अगला पड़ाव होता है, कोई अच्छी सी नौकरी खोजना और उसके बाद शादी और बच्चों के साथ पूरी ज़िंदगी बिता देना। पुराने वक्त से ही इस तरह का जीवन जीना ही सबसे बढ़िया माना जाता है। 

अगर कोई व्यक्ति इस नियमित जीवन के किसी पड़ाव में कहीं पीछे रह जाता है तो उसे बाकी सब लोगों से बहुत कम मापा जाता है। वो अपने लोगों के बीच होते हुए भी उनसे अलग समझा जाता है। सोसाइटी ने अपनी सुविधा के अनुसार ज़िंदगी के पड़ावों को पूरा करने की एक उम्र भी तय कर रखी है। अगर कोई उस निश्चित उम्र से पहले या बाद कुछ करने की कोशिश करें तो वो बहुत अजीब नज़रों से देखा जाता है। यही वजह है कि हम जैसे बहुत से लोग जीवन के मध्य पड़ाव में कोई भी नयी शुरुआत करने से डरते है। 

पर मैं आपको बता दूं कि नई शुरुआत के लिए हमें बस खुद से पहल करने की ज़रूरत होती है। अपने सपने पूरे करने के लिए हिम्मत की ज़रूरत होती है। तो फिर देर किस बात की? चलिए मैं आपको बताती हूं कि नई शुरुआत करने के लिए अपने जीवन में बदलाव कैसे लाएं।

क्या नई शुरुआत करने की कोई उम्र होती है? (Kya nai shuruaat karne ki koi umr hoti hai?)

जब इस दुनिया में जन्म लेने और दुनिया से अलविदा कहने की कोई निश्चित उम्र तय नहीं होती तो फिर अपने सपने पूरे करने की या सपने देख कर नई शुरुआत करने की कोई एक उम्र कैसे हो सकती है? ‘जब जागो, तभी सबेरा’ वाली कहावत तो अपने ज़रूर कहीं ना कहीं सुनी ही होगी। तो बस बेफिक्र होकर अपने जीवन की नई शुरुआत कीजिये और वक्त और उम्र की परवाह मत कीजिये। 

जीवन में बदलाव कैसे लाएं? (Jeevan mein badlaav kaise laayein?)

कभी समाज के डर से तो कभी अपनी इच्छा शक्ति की कमी से हम अक्सर जीवन के मध्य पड़ावों में नई शुरुआत करने से घबरा जाते हैं, या किस्मत को दोष देने लगते हैं कि हमारी किस्मत में ही नहीं था वरना हमें वक्त रहते सफलता मिल पाती। 

इसके अलावा हम खुद ही खुद को नई शुरुआत करने से ये कहकर रोक रहे होते हैं कि “अब ये सब करने कि उम्र नहीं है या अब मुझसे नहीं होगा।” जीवन के मध्य में नई शुरुआत करना एक अच्छा अवसर हो सकता है। हमें बस सबसे पहले खुद को राज़ी करने कि ज़रूरत है कि हम नई शुरुआत कर सकते हैं। और उसी रास्ते पर चलने की ज़रूरत है, जो हमारे जीवन में बदलाव लाये।

कैसे करें जीवन की नई शुरुआत? (Kaise karein jeevan ki nai shuruaat?)

जीवन की नई शुरुआत करें इन स्टेप्स से:

खुद को समझना 

नई शुरुआत के लिए सबसे पहले खुद को जानना ज़रूरी है। अब तक आपने क्या सीखा और क्या हासिल किया है, इस पर ध्यान दें। अपनी सफलताओं और गलतियों से सीखें और आगे क्या करना चाहते हैं, यह तय करें।

लक्ष्य तय करें

आप जो करना चाहते हैं, उसके बारे में सोचें। लक्ष्य बनाएं और सफलता हासिल करने का जज़्बा रखें।

स्वास्थ्य का ख्याल रखें

जीवन के मध्य पड़ाव में नई शुरुआत करने से पहले शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना ज़रूरी है। नियमित व्यायाम, ध्यान और सकारात्मक सोच से मन और शरीर दोनों को स्वस्थ रखें।

कुछ नया सीखें

जब नई शुरुआत करने की ठान ही ली है तो कोई नया कौशल या जानकारी हासिल करें, जिससे आपको सफलता का रास्ता मिल सके और आप कामयाब होने के रास्ते पर चल सकें।

साथ मांगें 

नई शुरुआत के रास्ते में परिवार, दोस्तों या सहकर्मियों से साथ मांगें और उनसे बात करें। दूसरों से मिले सुझाव और साथ आपको खुशियां (Happiness) देगा। 

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