बुरा वक्त आना

बुरा वक्त है बीत जाएगा

अपने दिल की धड़कन को यूं बिस्तर पर लाचार पड़े देखकर उसका दिल टूट गया था। वह जानती थी कि उसे ही अब कुछ करना पड़ेगा।

आज का दिन बहुत खूबसूरत और खिली धूप वाला था, लेकिन इतना अच्छा मौसम भी कल्पना की उदासी को दूर नहीं कर पा रहा था। रोने के कारण उसकी आंखें लाल हो गई थी और उसके माथे पर चिंता की लकीरें साफ झलक रही थी। हालांकि, वह अपने बच्चों के सामने मुस्कुरा तो रही थी, लेकिन उसकी मुस्कान उसकी आंखों तक नहीं पहुंच रही थी।

पिछले कुछ महीने उसके लिए बहुत मुश्किल भरे थे। उसके पति राकेश को अस्पताल में भर्ती जो कराया गया था। यह तीन साल पहले की बात है, जब राकेश को हुई एक क्रॉनिक बीमारी का पता चला था। लेकिन उस वक्त (Time) के बाद से लेकर अब उनकी दर्द और पीड़ा बहुत बढ़ चुकी थी।

राकेश एक योद्धा था। कल्पना ने उसे बीमारी से पूरी ताकत के साथ लड़ते देखा था। लेकिन अब उसका पति धीरे-धीरे अपने जीवन की उम्मीद खोते हुए बीमारी के सामने घुटने टेकते दिखाई दे रहा था। अपने दिल की धड़कन को यूं बिस्तर पर लाचार पड़े देखकर उसका दिल टूट गया था। वह जानती थी कि उसे ही अब कुछ करना पड़ेगा। ऐसा कुछ जिससे राकेश की बीमारी से लड़ने की इच्छा बनी रहे और उसके मन में जीने की इच्छा दोबारा पैदा हो सके।

अगले दिन कल्पना ने अपनी 30 साल से जोड़कर रखी गई यादों को एक एल्बम में संजोया और अस्पताल के लिए निकल पड़ी। राकेश इतना कमजोर था कि मुस्कुरा भी नहीं सकता था। लेकिन एल्बम देखते ही उसने जिज्ञासा भरी मुस्कुराहट के साथ कहा, ‘गो ऑन, ओपन इट’।

एल्बम में सबसे पहली तस्वीर उनकी शादी की थी, जिसमें दोनों युवा मुस्कुराते और शर्माते दिखाई दे रहे थे। अगली फोटो उनकी पहली छुट्टियों की थी, जिसमें दोनों एक-दूसरे को गले लगा रहे थे। तीसरी फोटो में एक मुस्कुराता युवा पिता बनने पर अपने न्यू बॉर्न को निहार रहा था। एल्बम की बाकी तस्वीरें उनकी 30 वर्षों की यात्रा की सुनहरी यादों को संजोए हुए थी। ये सब तस्वीरें उस वक्त की गवाह थी जो उन्होंने एक साथ बिताए थे और जीवन में आए सभी तूफानों को कैसे एक-दूसरे का साथ लेकर उन्होंने पार किया था।

एल्बम के पन्ने पलटते हुए पुरानी बातों को याद कर राकेश की आंखें भर आई। कल्पना ने धीरे से उसका हाथ थामा और कहा, ‘‘हमने अच्छे और बुरे समय में, बीमारी में और स्वस्थ रहने में साथ रहने का वादा किया था। हमने कई मुसीबतों का एक साथ मिलकर सामना किया है। हम इससे भी लड़ सकते हैं’।

राकेश ने फुसफुसाते हुए कहा, ‘यस वी विल, माय लव’। कल्पना को वह मिल गया जो वह चाहती थी। राकेश के चहरे पर एक उम्मीद भरी मुस्कान

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