“द क्वीन ऑफ हिल स्टेशन” ऊटी, जो आपकी यादों में बस जाती है

ऊटी जिसे द क्वीन ऑफ हिल स्टेशन के नाम से भी जाना जाता है। आइए, इस आर्टिकल के ज़रिए आपको ऊटी की सैर करवाते हैं और साथ ही जानेंगे वहां की खास जगहों के बारे में जहां पर मैं गया। जानने के लिए पढ़ें ये लेख।

मैं ठहरा घूमंतू सो निकल पड़ा अपने नए सफर की ओर। इस बार मैं तमिलनाडु के ऊटी (Ooty) की ओर निकल पड़ा हूं। क्योंकि अपने दोस्तों से मैंने इस जगह के बारे में काफी कुछ सुन रखा था। वहीं, मैं पहाड़ों, हरियाली, बादलों और धुंध के बीच कुछ वक्त बिताना चाहता था। यहां पहुंचना काफी आसान है, बेंगलुरु से ये करीब 280 किलोमीटर की दूरी पर है, वहीं यहां के बस स्टैंड से आपको आसानी से स्टेट ट्रांसपोर्ट या पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बसें मिल जाएंगी। मैं भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बस में अपना टिकट कटाकर सफर पर निकल पड़ा। ऊटी पहुंचते ही यहां मुझे लोकल लैंग्वेज को लेकर थोड़ी दिक्कत हुई, क्योंकि यहां पर ज्यादातर लोग तमिल बोलते हैं, लेकिन कर्नाटक के पास होने की वजह से यहां पर कुछ लोग कन्नाडिगा भी बोलते हैं। मैंने चाय के बागान के बारे में काफी कुछ सुना था, ऐसे में मैंने चाय के बागान के पास ही अपना रिजॉर्ट बुक किया।

यहां पहुंचते-पहुंचते शाम हो चुकी थी और मौसम में ठंडक का एहसास हो रहा था। मैं थका था, तो रिजॉर्ट में ही खाना खाकर सो गया, ताकि सुबह जल्दी उठ सकूं। सुबह का नज़ारा मेरे लाइफ के अबतक के सबसे खुशनुमा नजारे में से एक था। क्योंकि सूरज के उगने के पहले ही मैं उठ गया था और मैं चाय के बागान में सैर करने निकल गया। धुंध इतनी ज्यादा थी कि 50 मीटर दूर तक देखना भी मुश्किल था। लेकिन, जैसे-जैसे धुंध छटती गई ऊटी की वादियों की सुंदरता बढ़ती गई। बादलों से घिरे पठारनुमा चाय के बागान को चाय की चुस्की लेते हुए देखने का अपना ही मजा है।

इसके बाद मैंने लोगों से यहां के बेस्ट प्लेस के बारे में पूछा तो उन्होंने मुझे कुन्नूर के बारे में बताया और वहां जाने के लिए टैक्सी बुक की। लेकिन, इससे पहले मैं ऊटी लेक गया, ये लेक काफी बड़ा तो था ही साथ ही कई लोग बोटिंग का आनंद ले रहे थे। ऐसे में मैंने भी बोटिंग के लिए टिकट कटवा ली। यहां पर छोटे बच्चों के लिए झूले थे, वहीं बड़े लोगों के लिए गेम जोन और घुड़सवारी करने के साथ-साथ शॉपिंग भी कर सकते हैं। यहीं पर थ्रेड गार्डन भी है, अगर आपको फूल अपनी ओर आकर्षित करते हैं, तो यहां पर भी आप समय गुजार सकते हैं। ये ऊटी लेक के ठीक बगल में है। अगर आप एक जगह पर खड़े होकर पूरे शहर को देखना चाहते हैं तो आप डिवाइन गार्डन भी जा सकते हैं।

शहर से 25 किलोमीटर दूर है कुन्नूर (Sehar se 25 kilometre dur hai kunnur) 

कुन्नूर के बारे में मैंने जैसा सुना था, नज़ारा भी ठीक वैसा ही देखने को मिला। रास्ते में खूब सारे चाय के बागान देखने को मिले, प्राकृतिक वादियों से होते हुए मैं कुन्नूर पहुंचा। यहां के चाय के बागान काफी खूबसूरत हैं। जब भी मैं किताबों में सीढ़ीनुमा खेती के बारे में पढ़ता था तब शायद समझ नहीं पाता था, लेकिन जब मैंने यहां पर सीढ़ीनुमा स्टाइल में चाय की खेती देखी तो सीढ़ीनुमा खेती को अच्छी तरह समझ गया। यहां पर स्लीपिंग लेडी व्यू प्वाइंट भी जा सकते हैं। ये वो जगह है जहां मैं खुद को बादलों से भी ऊपर महसूस कर रहा था।

बोटानिकल गार्डेन की कर सकते हैं सैर (Botanical Garden ki kar sakte hain sair)

1848 में बनाए गए बोटानिकल गार्डेन सुकून के पल बिताने के लिए काफी अच्छी जगह है। यहां आकर हरी घास में जब मैं लेटा तो मेरी सारी थकान ही गायब हो गई। यहां पेड़, हरी घास और फूलों की बगिया देख मन व आंखों को सुकून पहुंचा सकते हैं।

पाइन फॉरेस्ट को करीब से देखने का मौका (Pine Forest ko karib se dekhne ka mauka)

पियाक्रा जाने के रास्ते में आप पाइन फॉरेस्ट को भी करीब से देख सकते हैं। यहां पर अधिकतर पेड़ पाइन के हैं, इसलिए इसे पाइन फॉरेस्ट के नाम से जाना जाता है। पाइन के पेड़ लंबे-लंबे होते हैं। इस जंगल के पास ही एक लेक है, जिसके करीब बैठकर प्रकृति का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो ट्री पार्क भी जा सकते हैं। यहां के नजारे देख आपको ऐसा ही लगेगा मानो जैसे किसी फिल्म का सुंदर सीन हो। वहीं पियाक्रा गए और बोटिंग का लुत्फ न उठाया, तो सफर अधूरा रह जाएगा। यहां पहुंचते ही हमने बोटिंग की। इसके अलावा पियाक्रा जाने के रास्ते में वाटर फॉल भी पड़ता है, मौका मिले तो यहां भी कुछ समय रुक नजारों का आनंद ले सकते हैं।

चॉकलेट के शौकीन लोगों के लिए है खास जगह (Chocolate ke shaukeen logon ke liye hai khas jagah)

ऊटी आए और चॉकलेट टेस्ट न किया, तो मज़ा फीका रह जाएगा। अगर, आपको चॉकलेट पसंद है तो ऊटी में आपको जगह-जगह पर चॉकलेट की दुकानें देखने को मिल जाएंगी। जहां पर आप इसे खाने के साथ खरीद भी सकते हैं।

रोज गार्नेड है खास, दिखता है पूरा शहर (Rose garden hai khaas, dikhta hai pura sehar)

ऊटी में रोज गार्डेन भी है। यहां पर कई किस्मों के गुलाब के फूलों के साथ अन्य प्रजातियों के फूल देखने को मिल जाएंगे। वहीं, इस जगह की एक और खास बात ये है कि इसके टॉप पर जाते ही आपको पूरे शहर का व्यू देखने को मिलता है। जो वाकइ में शानदार है।

उडगमण्डलम स्टेशन पर पहुंच कर करें टॉय ट्रेन की सवारी (Udhagamandalam station par pahunch kar karen Toy Train ki savari)

ऊटी स्टेशन को उडगमण्डलम स्टेशन के नाम से भी जानते हैं। यहां पर पहुंचकर टॉय ट्रेन की सवारी कर सकते हैं। टॉय ट्रेन में सफर करने के लिए मैंने स्टेशन पहुंच टिकट कटवाया और बैठ गया ट्रेन में… सफर की बात करूं तो इस ट्रेन में सफर करना काफी यादगार रहा। क्योंकि सफर के दौरान आपको खूबसूरत नजारे देखने को मिल जाएंगे। ऐसे में यहां आए तो टॉय ट्रेन की सवारी करना न भूलिएगा।

कुल मिलाकर कहूं तो ऊटी में मुझे खूबसूरत लोकेशन के साथ यहां के बाजार, चॉकलेट सहित तमाम चीज़ों ने मेरा ध्यान अपनी ओर खींचा और खूब सारी यादें जोड़ा। ऐसे ही खास डेस्टिनेशंस को जानने के लिए सोलवेदा पर पढ़ें अन्य ट्रेवल लोकेशन और करें उसकी सैर।