यात्रा करना सभी को पसंद होता है। सफर से जुड़े हमारे कई यादगार अनुभव भी होते हैं। नई जगहों पर जाना, नए लोगों से मिलना, उनके तौर-तरीके सीखना और तनाव मुक्त समय बिताना। एक व्यक्ति को इससे ज़्यादा और क्या चाहिए! लेकिन कभी-कभी जब हम यात्रा करते हैं, तो अपने काम से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। इस बात से बेखबर होकर हम ऐसे काम कर जाते हैं, जो हमारे परिवेश को नुकसान पहुंचाते हैं। साथ ही जानवरों को भी खतरे में डालते हैं। इसलिए लगातार यात्रा करने वाले लोगों को वन्यजीव और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी ज़रूरी है। यात्रा करते समय हमें अपने कर्तव्यों को याद रखना चाहिए।
सिडनी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 2018 में अनुमान लगाया था कि वैश्विक पर्यटन का कार्बन फुटप्रिंट संपूर्ण कार्बन उत्सर्जन का लगभग 8 प्रतिशत हो सकता है। वहीं, पर्यटन का कुल वार्षिक कार्बन उत्सर्जन लगभग 4.3 बिलियन मीट्रिक टन है। हवाई जहाज की उड़ानों से लेकर नाव की सवारी और ठहरने तक सभी गतिविधियां टूरिजम कार्बन फुटप्रिंट में योगदान करती हैं। इसलिए हमें एक जागरूक यात्री बनना बहुत ज़रूरी है। साथ ही पर्यावरण के प्रति जागरूक (Environmentally conscious) यात्री होने के नाते यात्रा के दौरान कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के उपायों के बारे में जानना चाहिए।
प्राकृतिक और सांस्कृतिक पारिस्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना यात्रा करना एक बेहतर विकल्प है। लेकिन ऐसा कैसे कर सकते हैं? इसका सबसे पहला उपाय यही है कि पर्यावरण को प्रभावित करने वाले कार्यों को करने से बचें। हमने कुछ ऐसे सुझाव दिए हैं, जो आपकी यात्रा को पर्यावरण के अनुकूल बना सकते हैं।
यात्रा में अपने बैग को हल्का रखें (Yatra main apne bag ko halka rakhen)
पर्यावरण के प्रति जागरूक यात्री बनने का सफर घर से ही शुरू होता है। छुट्टी के लिए पैकिंग करते समय सिर्फ वही सामान ले जाएं, जिनकी जरूरत है। इसलिए हल्की पैकिंग करें। उदाहरण के लिए, यदि आप एक सप्ताह के लिए कहीं जा रहे हैं, तो आपको 7 जोड़ी जींस की ज़रूरत हो सकती है! जाहिर सी बात है कि आप यात्रा के दौरान अच्छा दिखना चाहते हैं। लेकिन अपने बैग के वज़न के बारे में सोचें, जो आपको सभी जगह अपने साथ ले जाना है। इसके अलावा जितना अधिक वज़न आपके सामान का होगा, ईंधन की खपत भी उतनी अधिक होगी। इससे कार्बन उत्सर्जन भी बढ़ेगा। ऐसा तब हो सकता है, जब आप हवाई जहाज से यात्रा कर रहे हैं। इसलिए पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए अपने बैग के वज़न को कम रखें। इस उपाय को करके हम पर्यावरण के प्रति जागरूक होने का परिचय देते हैं।
पानी का बोतल साथ रखें (Pani ka botal sath rakhen)
यात्रा बहुत आसान हो सकती है, यदि कचरे को कम करने का प्रयास किया जाए। इसलिए यात्रा के दौरान अपनी खुद की पानी की बोतल साथ ले जाएं। देखने में एक बहुत छोटा कदम है, लेकिन इससे पर्यावरण संरक्षण में मदद की जा सकती है और पर्यावरण के प्रति जागरूक भी रहा जा सकता है। यूएनईपी के अनुसार, “दुनिया भर में, हर मिनट 10 लाख पानी पीने की प्लास्टिक बोतल खरीदी जाती हैं।” इसके अलावा, जब आप अपना थर्मस या फ्लास्क ले जाते हैं, तो आपको बोतल बंद पानी नहीं खरीदना पड़ेगा। आप अपने बोतल को फिर से भर सकते हैं। आपका यह प्रयास न सिर्फ प्लास्टिक कचरे को कम करने में मदद करेगा, बल्कि आपको पर्यावरण के प्रति जागरूक यात्री भी बनाएगा।
स्थानीय बाज़ार से खरीदारी करें (Sthaniya bazar se kharidari karen)
आप जब छुट्टी पर जाते हैं और आपको कुछ खरीदना है, तो स्थानीय दुकानों या बाज़ारों में जाएं। आपका यह एक कदम क्षेत्र के किसानों और उत्पादकों की मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप किराने या जरूरत का सामान स्थानीय किसान के बाज़ार में खरीदते हैं, तो आप उन्हें कई तरीकों से मदद कर रहे हैं। सबसे पहले, आप उनकी आजीविका में मदद कर रहे हैं। दूसरी बात, कई स्थानीय उत्पादक अपने उत्पादों को ऑर्गेनिक व कीटनाशकों से मुक्त रखते हैं, जिससे वे गर्वांवित महसूस करते हैं। जब आप उनसे चीज़ें खरीदते हैं, तो आप ऐसे हानिकारक टॉक्सिन्स को कम कर रहे होते हैं, जो हवा की गुणवत्ता को बिगाड़ने में सहायक होते हैं। आपका यह कदम एक अच्छा व्यक्ति होने के साथ आपको पर्यावरण के प्रति जागरूक भी बनाता है।
परिवहन का सही साधन चुनें (Parivahan ka sahi sadhan chunen)
अपने वाहन में यात्रा करना बेशक आसान है, जहां कहीं भी जाना हो जा सकते हैं। लेकिन अगर आप एक छोटी दूरी की यात्रा कर रहें है, तो परिवहन का सही साधन चुनने के बारे में सोचें। इसका मतलब यह है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट, कारपूलिंग, बाइकिंग या पैदल भी जा सकते हैं। आप न केवल अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में सक्षम होंगे, बल्कि आप उस स्थान का एक अलग ही अनुभव पा सकेंगे। जो कि पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का भी तरीका है।
स्ट्रॉ को कहें ‘ना‘ (Straw ko kahen na)
आप सोच रहे होंगे कि प्रदूषण के अन्य कारक होने के बावजूद भी आपको स्ट्रॉ पर ध्यान क्यों देना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि प्लास्टिक के स्ट्रॉ का उपयोग करना कोई छोटी समस्या नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर दिन करीब 15,342 टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। सबसे बुरी बात यह है कि सभी प्रकार की प्लास्टिक रिसाइकिल नहीं की जा सकती हैं। यह चिंता का विषय है, विशेष रूप से स्ट्रॉ एक बार उपयोग होने वाला प्लस्टिक है। वे हमेशा समुद्र तट या नालियों में फेंके जाते हैं। यह प्लास्टिक स्ट्रॉ समुद्री जीवों के जीवन के लिए खतरा है, जिसके मुख्य अपराधी जाने-अनजाने में हम खुद हैं। इसलिए पर्यावरण के प्रति जागरूक यात्री होने के नाते आपको स्ट्रॉ के लिए ना कहना चाहिए।
जंगल सफारी के दौरान रहें सावधान (Jungle safari ke dauran rahen savdhan)
पर्यावरण को नुकसान पहुचाएं बिना यात्रा करने के लिए आपको अपनी जिम्मेदारी खुद लेनी होगी। इसलिए यदि आप थाईलैंड में हाथी अभयारण्य की यात्रा या तंजानिया में अफ्रीकी सफारी पर जाने की सोच रहे हैं, तो आपको किसी भी टूर ऑपरेटर को चुनने से पहले सारी जानकारियां जुटा लेनी चाहिए। उन स्थानों का चयन करें, जहां जानवरों को बिना हानि पहुंचाए उनके प्राकृतिक आवास को आप देख और समझ सकें।
होटल को अपना घर समझें (Hotel ko apna ghar samjhen)
आपको छुट्टियों के दौरान रहने के लिए पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने वाली जगह आसानी से मिल सकती हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आप वहां कुछ भी कर सकते हैं। पर्यावरण के प्रति जागरूक यात्री होने के नाते आपको होटल को अपने घर की तरह समझना चाहिए। जब आप कमरे से बाहर निकले तो लाइट बंद कर दें, नहाते समय पानी बचाएं, होटल के तौलिए का फिर से इस्तेमाल करें और अपने कमरे को साफ रखें। ये छोटे-छोटे काम आपकी यात्रा को इको-फ्रेंडली बना सकते हैं। जो पर्यावरण के प्रति जागरूक होने के लिए बहुत ज़रूरी है।
कचरे को कम करने पर ध्यान दें (Kachre ko kam karne par dhyan den)
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना यात्रा करने का एक और आसान तरीका है, जितना हो सके कचरे को कम करने का प्रयास करें। रियूज होने वाले बैग, स्टोरेज कंटेनर व तौलिए का इस्तेमाल करें। कोशिश करें कि हवाई यात्रा के लिए इलेक्ट्रॉनिक टिकट खरीदें। बिना पैकेजिंग के फल और सब्जियां खरीदें। सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग से बचें। इको-फ्रेंडली होटल में ही ठहरें। ये कुछ तरीके हैं, जिनसे आप पर्यावरण की मदद कर सकते हैं और अपनी यात्रा को सुखद बना सकते हैं।
शाकाहारी भोजन ज्यादा से ज्यादा करें (Shakahari bhojan jyada se jyada karen)
यदि आप यात्रा करते समय अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करना चाहते हैं, तो अपने भोजन विकल्पों के बारे में अधिक जागरूक रहें। जलवायु परिवर्तन सहित पर्यावरणीय मुद्दों में एनिमल एग्रीकल्चर का बहुत बड़ा योगदान है। डाउन टू अर्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, “पशुधन में वृद्धि से वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 14.5 प्रतिशत उत्पन्न होता है, जो पर्यावरण के लिए खतरा है।” इसलिए, मांस और अंडे का सेवन कम करके आप ग्रीनहाउस गैस में कमी ला सकते हैं।
आसपास के जगहों पर जाएं (Aaspas ke jaghon par jayen)
आपके घर से गंतव्य की दूरी जितनी कम होगी, आपका कार्बन फुटप्रिंट उतना ही कम होगा। इसके अलावा स्थायी यात्रा के लिए आसपास के ऑफबीट जगहों की यात्रा करना सबसे अच्छा विकल्प है। बेशक आपको लगता होगा कि आप उस जगह के बारे में सब कुछ जानते हैं, लेकिन जैसे ही आप वहां पहुंचेंगे, आपकी राय बदल सकती है। आपको महसूस होगा कि उस जगह पर आपकी कल्पना से भी अधिक देखने और समझने के लिए है। इस तरह से आप पर्यावरण के प्रति जागरूक यात्री बन सकते हैं।