हर साल दुनियाभर के लोग कुछ समय के लिए आराम फरमाने और अपने जीवन को यादगार बनाने के लिए प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों की सैर करने जाते हैं। यह न सिर्फ उन्हें रोज़मर्रा की ज़िंदगी की ऊहापोह से दूर रखता है, बल्कि बाहरी दुनिया को देखने और समझने में मदद भी करता है। हम सबमें हर कोई एफिल टॉवर के पास एक फोटो क्लिक करना चाहते हैं और उसकी टिप को पकड़ने की कोशिश करते हुए दिखाना चाहते हैं। कोई जयपुर के राजशाही किलों की यात्रा कर इतिहास की कहानियों से रूबरू होता है। या फिर ऑस्ट्रेलियन कोस्ट और ग्रेट बैरियर रीफ को तैरकर पार करना चाहता है। दुनिया में इसके अलावा और भी कुछ हैं, लोग इस बारे में भूल जाते हैं।
ज़रूरी नहीं है कि प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल आपको वो सारे सुकून दे देते हैं, जिसकी आपको तलाश है। अक्सर ऐसे जगहों पर भीड़-भाड़ और काफी शोर-शराबा होता है। बीते दो साल से यात्राओं पर प्रतिबंध लगने के चलते लोगों में अब फेमस डेस्टिनेशन को लेकर नज़रिया बदला है। अब लोग ऐसी जगहों पर जाना पंसद कर रहे हैं, जहां शांति और सुरक्षा हो। एयरबीएनबी और यूगोभ की एक साझा सर्वे के मुताबिक, कई भारतीय अब नेचर गेटवे और ऑफबीट यात्रा को तरजीह दे रहे हैं। ऑफबीट यात्रा (Offbeat Trip) आपको एकांत, शोर-शराबे से राहत और प्रकृति से जुड़ने का एक बेहतर मौका देती है। शायद हम सभी को इसकी ज़रूरत भी महसूस होती है।
आइए जानते हैं उन फायदों के बारे में जो ऑफबीट यात्रा ऑफर करते हैं। साथ ही वे महामारी के बाद की दुनिया में ‘अगली बड़ी चीज़’ क्यों हो सकते हैं।
अपने वर्तमान पलों को खुल कर जिएं (Apne vartman pal ko khul kar jiyen)
सस्ते एयरलाइन टिकट और ठहरने के विकल्पों के साथ अपने ड्रिम डेस्टिशन पर जाना पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है। हजारों लोगों के पास अपने मनपंसद जगह की यात्रा करने की लंबी लिस्ट रहती है, लेकिन ये दर्शनीय स्थल शायद ही आपके मन को वो सुकून दे पाते है जिसकी चाह होती है।
जब आप बैठने और आराम करने के लिए एक शांत जगह खोजने की कोशिश करेंगे, तो अनगिनत लोग आपके कंधे से कंधा रगड़ कर निकल जाएंगे। सड़कों पर वेंडर्स, दूसरे पर्यटकों और कैब व गाड़ियों की एक बाढ़ सी आ जाएगी। ऐसे में आपको हमेशा अपने पैर की उंगलियों पर खड़े रहने को मज़बूर होना पड़ेगा। छोटी जगहों और ऑफबीट यात्रा पर शायद ही कभी ऐसी भीड़-भाड़ होती है। ऐसी जगहों पर आपको शांत जगह खोजने या लोगों से खचाखच भरी सड़क को पार करने की शायद ही सोचने की जरूरत पड़े। आप चाहें तो सूर्य की रोशनी का मज़ा ले सकते हैं या ठंडी हवाओं के बीच ताज़गी का आनंद ले सकते हैं। वो सुकून पा सकते हैं, जो आप चाहते हैं। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आप उन पलों को खुलकर जी सकते हैं।
सुकून देने वाली जगह की तलाश (Sukun dene wali jagah ki talash)
ट्रैफिक, रोज़मर्रा की जरूरतों को पूरा करने और तकनीक के कारण ज़िंदगी में भाग-दौड़ और शोर काफी बढ़ गया है। चाहे सुबह-सुबह वैक्यूम क्लीनर की आवाज़ हो, कारों के हॉर्न का शोर हो या कर्मचारियों की बड़बड़ाहट की हो। शोर-गुल हमारे जीवन का हिस्सा बन गया है। न केवल घर पर बल्कि कई पर्यटन स्थलों पर भी शोर हमारा साए की तरह पीछा करता है। शांति और सुकून पाने की चाह के कारण कई पर्यटक ऑफबीट यात्रा पर जाना पंसद करते हैं। बस वहां जाकर अपना मोबाइल बंद करें या साइलेंट मोड में करके प्राकृतिक दृश्यों का भरपूर आनंद ले सकें। जहां न कोई शोर-शराबा हो और न ही लोगों से खचाखच भरी सड़क। सिर्फ और सिर्फ पक्षियों की मधुर आवाज़ हो, झरनों से कल-कल बहता पानी हो और आसपास के मैदानों से बहने वाली ठंडी हवा हो। इस तरह के अनुभव आपके तनाव को तुरंत छूमंतर कर सकते हैं। साथ ही आपकी थकी हुई आत्मा में जीवन का नया संचार पैदा कर सकते हैं।
प्रकृति का अनुभव (Prakriti ka anubhav)
प्रकृति के बीच अपने भीतर की शांति की तलाश करने और चिकित्सा लाभ के लिए हम लोग हर साल घूमने-फिरने की योजना बनाते हैं। लेकिन भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में अक्सर हम इन बातों को भूल जाते हैं। इससे पहले फुर्सत के पलों में कभी-न-कभी हम सभी समुद्र तट के किनारे लहरों का खूब आनंद लिए होंगे। ज़रा सोचिए कि पिछली बार प्रकृति के बीच चहलकदमी करने और सुकून व ताज़ी हवा लेने के लिए आप कब बाहर गए थे? शायद काफी समय पहले गए होंगे। ऑफबीट यात्रा या छोटी जगहों की यात्रा करके आप उन पलों की भरपाई कर सकते हैं, जिन्हें आप खो चुके हैं।
इसलिए आप ऐसी जगह की तलाश करें, जहां आप प्रकृति के बीच हरी-भरी वादियों से आने वाली ठंडी-ठंडी हवाओं का लुत्फ उठा सकते हैं। ऐसी हसीन जगह जहां सूरज की रोशनी पड़ने पर आपकी नींद खुल जाए और सांझ आपको सोने के लिए मज़बूर कर दे।
नई संस्कृति को सीखना (Nayi Sanskriti ko sikhna)
किताबें आपको किसी जगह के बारे में सिर्फ सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान कर सकती हैं। जब तक आप उस जगह पर घूमकर अनुभव नहीं ले लेते, तब तक वास्तविक खुशी की अनुभूति कर पाना मुश्किल है। अलग-अलग जगहों पर घूमने का मतलब है कि आप वहां के रहने वाले लोगों की संस्कृति, खानपान और भाषा से अवगत होते हैं। किसी भी संस्कृति से रूबरू होने का बेहतर तरीका है कि आप पारंपरिक पर्यटन स्थलों पर जाने की बजाय उन छोटी-छोटी जगहों पर घूमने के लिए जाएं, जहां यह सब कुछ मिले। वहां जाकर आप स्थानीय लोगों से बात करें और उनकी कहानियों को सुनें। अब तक जिन चीज़ों का स्वाद नहीं लिया है उनका लुत्फ उठाएं। कोशिश करें कि स्थानीय लोगों की बोली और भाषा सीखें। जब आप किसी ऑफबीट यात्रा पर जाते हैं, तो आपको देखने का एक मौका मिलता है कि कैसे वहां के स्थानीय लोग अपना जीवन-यापन करते हैं।
खुद की नए सिरे से तलाश (Khud ki naye sire se talash)
लोगों के घूमने-फिरने की एक बड़ी वजह खुद को नए ढंग से तलाशना है। शहरी जीवन जीने के दौरान लोग खुद भूल जाते हैं कि वे कौन हैं। यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है। आपकी खुद की क्या पंसद या नापसंद है। ऐसी कौन-सी चीज़ है, जो आपको गुदगुदाने पर विवश कर दे। आपको कौन सी चीज़ गुस्सा दिलाती है। आपकी अंतरात्मा की आवाज़ क्या चाहती है और आप अपनी ज़िंदगी में क्या कर रहे हैं? अगर आप अपनी इन जिज्ञासाओं का उत्तर चाहते हैं, तो आपको ऑफबीट यात्रा पर जरूर जाना चाहिए। इसके अलावा आप काफी खुशी महसूस करेंगे। खुद को समझने के लिए शांतचित माहौल की जरूरत पड़ती है। अगर आप अपने अंदर की आवाज़ को सुनना चाहते हैं, तो आपका दिलो-दिमाग स्थिर होना चाहिए। चिंता और तनाव का कोई संकेत नहीं दिखना चाहिए, जिससे आंतरिक शांति भंग हो। ऐसे में ऑफबीट यात्रा आपको वो सभी अवसर देता है, जो आप चाहते हैं। चाहे वह शांति हो या सुकून। इन चीज़ों को पाकर आपका मन खुलकर कुलांचे भर सकता है। इस तरह अपने आपको बेहतर ढंग से समझ सकते हैं, जिसे आप खुद ही भूला दिए थे।