कैंसर बीमारी ही ऐसी है कि इसका नाम सुनते ही हम सभी को मौत का खौफ का सताने लगता है। लेकिन ज़रूरी है कि हम इससे डरे नहीं, बल्कि इसको लेकर अवेयर हो जाएं। कैंसर खतरनाक बीमारी है, लेकिन अगर हम समय से इसको लेकर जागरूक हो जाएं, तो इसका खतरा बहुत ही कम हो जाता है। कैंसर से हमें डरने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि इससे मुकाबला करने की ज़रूरत है, तभी हम इसे समय से हरा पाएंगे। ऐसा नहीं करने पर ही हमें इससे हार का सामना करना पड़ सकता है।
अगर शरीर के किसी भी हिस्से में कैंसर हो जाता है, तो वो एक इंसान को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से तोड़ देता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार कैंसर पूरी दुनिया में मौत का दूसरा कारण है। हालांकि, कैंसर अचानक से नहीं होता है बल्कि पहले इसके कुछ संकेत मिलते हैं। वो संकेत अगर समझ लिए जाएं, तो कैंसर बहुत अर्ली स्टेज में ही पहचाना जा सकता है। शुरुआती स्टेज में कैंसर पकड़ में आ गया तो इसे हराना आसान हो जाता है।
दुनियाभर के कैंसर सर्वाइवर्स के लिए एक खास दिन मनाया जाता है, जिसे कहते हैं कैंसर सर्वाइवर्स डे (Cancer Survivors Day)। तो चलिए कैंसर सर्वाइवर्स डे (Cancer Survivors Day) के अवसर पर सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कुछ लक्षणों की मदद से वक्त रहते कैसे आप कैंसर को पहचान सकते हैं और क्यूं मनाया जाता है कैंसर सर्वाइवर्स डे।
कैंसर सर्वाइवर्स को समर्पित है कैंसर सर्वाइवर्स डे (Cancer Survivors ko samarpit hai Cancer Survivors Day)
कैंसर सर्वाइवर्स अपनी ज़िंदगी में एक जंग लड़ते हैं। यह जंग ज़िंदगी और मौत की होती है। लेकिन, कैंसर होने का अर्थ यह नहीं होता कि किसी की ज़िंदगी खत्म हो गई। कैंसर सर्वाइवर्स भी अपनी ज़िंदगी खुलकर और खुशी से जी सकते हैं। इस दिन डॉक्टर, नर्स, कैंसर सर्वाइवर्स और कैंसर के मरीज़ एक जगह मिलते हैं और अपनी ज़िंदगी को सेलिब्रेट करते हैं। इसके अलावा इस दिन को मनाने का उद्देश्य है कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना और इसके लिए हो रही रिसर्च, खोज, इलाज को बढ़ावा देना। यह दिन कैंसर के मरीज़ों में बीमारी से लड़ने की इच्छाशक्ति पैदा करता है।
कब मनाया जाता है कैंसर सर्वाइवर्स डे? (Kab manaya jaata hai Cancer Survivors Day?)
कैंसर सर्वाइवर्स डे हर साल जून के पहले रविवार को मनाया जाता है। इस साल यह दिन 2 जून को मनाया जाएगा। इस दिन को पहली बार 5 जून 1988 को मनाया गया था।
कैंसर होने पर सबसे पहले होता है स्किन में बदलाव (Cancer hone par sabse pahle hota hai skin mein badlav)
अगर आपको अपनी स्किन में अचानक से बदलाव नज़र आने लगे हों या फिर किसी तिल का साइज बढ़ने लगे, रैशेज होने लगे, खुजली होने लगे, स्किन अजीब सी हो जाए, तो आपको सावधान हो जाने की ज़रूरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये स्किन कैंसर का सबसे पहला लक्षण है। आपकी स्किन किसी भी घाव को बहुत दिनों तक बने रहना भी इसी ओर इशारा करता है। ये स्थिति तब बनती है, जब स्किन की कोशिकाएं अनियमित तौर पर बढ़ने लगती है। वैसे स्किन कैंसर भी कई तरह के होते हैं। ऐसे में अगर आपको स्किन पर कुछ भी अजीब सा लगे या दिखे, तो इसे ज़रा भी लाइटली नहीं लें।
गांठ का बनना
आप अपने शरीर को ध्यान से देखें, अगर कहीं पर कोई गांठ महसूस हो रही है। ऐसा है, तो इसका तुरंत इलाज करा लें। आपके शरीर पर गांठ है, जो काफी दिनों से ठीक नहीं हो रहा है, तो सावधान हो जाएं। हो सकता है कि वो कैंसर की गांठ हो। कहा जाता है कि कई बार ये गांठ ब्रेस्ट कैंसर का भी कारण होता है। अगर आपको इस गांठ में किसी भी प्रकार का दर्द नहीं हो रहा है, तो भी इसे नज़रअंदाज़ नहीं करें, क्योंकि दर्द ना होने का मतलब ये कतई नहीं है कि इससे कोई नुकसान नहीं है। ऐसे ही अगर कभी मुंह में गांठ जैसा महसूस हो तो भी इसका जांव कराएं, क्योंकि ये मुंह के कैंसर का लक्षण हो सकता है।
तेज़ी से वज़न घटना और थकान होना
आपको अगर काफी दिनों से भूख नहीं लगने की समस्या हो रही है या फिर आपका वजन तेजी से घट रहा है, तो ये सामान्य नहीं है। ये भी कैंसर के लक्षणों में से एक है। अगर बहुत ज़्यादा फिजिकल वर्कआउट नहीं कर रहे हैं या फिर वजन घटाने के लिए कोई और उपाय नहीं कर रहे हैं, डायट में भी कुछ बदलाव नहीं किया है। इसके बाद भी आपका वज़न कम हो रहा है, तो ये पेट या फेफड़ों के कैंसर का लक्षण हो सकता है। इसके साथ ही बिना कारण के आप थके-थके रहते हैं, तो ये ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण हैं।
मुंह पर सफेद धब्बे आना
आपको महसूस हो कि मुंह पर सफेद धब्बे हो रहे हैं और बार-बार मुंह धोने के बाद भी अगर वो नहीं जा रहे हैं, तो लियुकोप्लाया कहते हैं। इसे भी मुंह के कैंसर के शुरुआती लक्षणों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि समय रहते हुए अगर आप सचेत नहीं हुए, तो यह कैंसर का रूप ले लेगा। वैसे मुंह में बार-बार छाले आन भी इसका लक्षण हो सकता है। इसके अलावा अगर मुंह से खून आ रहा है, तो ये भी मूंह के कैंसर का लक्षण हो सकता है।
यूरिन में ब्लड आना
अगर आप एक दिन में सामान्य से ज़्यादा बार टॉयलेट जा रहे हैं, तो ये किडनी के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। खासकर तब जब आपको महसूस हो कि हर बार यूरिन पास करने के दौरान आपको खून आ रहा है। इसके साथ-साथ अगर आपको कमर के निचले हिस्से में बराबर दर्द रहता है, तो भी डॉक्टर के पास जाकर जांच कराएं। किडनी के कैंसर के लक्षण काफी पहले से दिखने लगते हैं। किडनी में कैंसर के शुरुआती लक्षण हैं यूरिन में ब्लड आना और किडनी में इंफेक्शन।
लंबे समय तक दर्द का रहना
सिर दर्द, पेट दर्द या फिर पैरों में दर्द ये बहुत ही आम बात है, लेकिन अगर शरीर के किसी हिस्से में बराबर दर्द रहता है और दवाई का भी कोई असर नहीं हो रहा है, तो सावधान हो जाएं। क्योंकि से कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, हर दर्द में ऐसा हो, ये ज़रूरी नहीं है।
मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग
ज़्यादतर महिलाओं को 47 साल की उम्र के बार पीरीयड आने बंद हो जाते हैं। महिलाओं में इस स्थिति को मेनोपॉज कहते हैं। लेकिन चिंता की बात है कि जब मेनोपॉज के छह महीने के बाद अगर महिलाओं को अचानक से ब्लीडिंग होने लगे, तो ये कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। ऐसा होने पर डॉक्टर के पास जाकर जांच ज़रूर करवाएं।
बहुत ज़्यादा खुजली होना
शरीर के किसी हिस्से में बार-बार खुजली हो रही है, तो यह आम बात है। लेकिन, अगर इसकी वजह से बार-बार रेशेज हो रहे हैं या फिर स्किन लाल हो रही है और खुजली बंद नहीं हो रहा है, तो ये स्किन कैंसर के कारण हो सकते हैं। इसलिए अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें।
कैंसर सर्वाइवर्स डे के अवसर पर हमने इस आर्टिकल में आपको कैंसर के लक्षणों के बारे में बताया। इसी तरह की और भी जानकारी के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।