सकारात्मक विचारों की शक्ति

सकारात्मक विचारों की शक्ति जीवन में लाएगी शांति

हम जो कुछ भी कहते या सोचते हैं, उसका असर हमारी ज़िंदगी पर पड़ता है। तभी तो हम किसी की जुबां से कोई भी नकारात्मक बात सुनते ही, उसे सकारात्मक बात कहने और सोचने के लिए बोल देते हैं।

मैंने कहीं पढ़ा था कि, “हमारी सोच पर हमारा जीवन निर्भर करता है।” यानी जैसा हम सोचते हैं और जैसे हमारे विचार होते हैं, वैसा ही हमारा व्यक्तित्व बनता है और हम अपनी सोच और विचारों के आधार पर ही अपना जीवन जीते हैं। मतलब कि जैसी सोच वैसी ज़िंदगी। हमारी ज़िंदगी अच्छी होगी या नकारात्मकता से भरी हुई, ये सब हमारी सोच और विचारों की शक्ति के हाथों में ही है।

अक्सर अपने दोस्तों और परिवार के बीच मेरे मुंह से अचानक किसी नकारात्मक बात के जवाब में “शुभ- शुभ बोलो!” निकल जाता है। ऐसा शायद आपके साथ भी होता होगा। शुभ यानी कि अच्छा और सकारात्मक। इसका साफ मतलब है कि हम जाने-अंजाने में इस बात को मानते हैं कि हम जो कुछ भी कहते या सोचते हैं, उसका असर हमारी ज़िंदगी पर पड़ता है। तभी तो हम किसी की जुबां से कोई भी नकारात्मक बात सुनते ही, उसे सकारात्मक बात कहने और सोचने के लिए बोल देते हैं।

हालांकि, हर परिस्थिति में सकारात्मक सोच रखना बहुत मुश्किल है, पर हमें यह भी समझना होगा कि अगर हम एक बढ़िया ज़िंदगी जीना चाहते हैं, तो हमें अपनी सोच को अच्छा और सकारात्मक रखना होगा। दूसरी ओर यह भी ध्यान देने की बात है कि हम अपने विचार और सोच में आखिर कैसे सकारात्मकता ला सकते हैं? तो फिर चलिए सोलवेदा के साथ मिलकर इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं।

सकारात्मक विचारों में है शक्ति (Sakaratmak vicharon mein hai shakti)

क्या आप जानते हैं, विचारों में सकारात्मकता किसी बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज भी बन सकती है? जी हां! आपने बिल्कुल सही पढ़ा। हमारे सकारात्मक विचार हमारे दिमाग में कुछ हैप्पी हार्मोन्स जैसे- डोपामाइन और ऑक्सीटॉसिन, रिलीज़ करते हैं, जो हमारे दिमाग को बीमारी से लड़ने और उसे खत्म करने की ताकत देते हैं। तो देखा आपने सकारात्मक विचारों में कितनी शक्ति होती है। सकारात्मक विचारों की शक्ति बस यहीं खत्म नहीं होती। एक सर्वे में बताया गया कि जिन लोगों की सोच सकारात्मक होती है, उनको दिल का दौरा पड़ने की संभावना बाकी लोगों से तीन गुना कम होती है। सच में सकारात्मक विचारों की शक्ति हमारे लिए बहुत ज़रूरी है।

जीवन शांति और सुकून से भरा कैसे होगा? (Jeevan shanti aur sukoon se bhara kaise hoga?)

चिंता, फिक्र और नकारात्मकता से भरी ज़िंदगी कोई जीना नहीं चाहता। अब मैं हूं या आप, सब एक शांत, स्वस्थ और सुकून भरी ज़िंदगी जीना चाहते हैं। लेकिन, भाग-दौड़ से भरी ज़िंदगी और व्यस्त दिनचर्या में हमें ऐसी बहुत-सी वजहें मिल जाती हैं, जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य को खराब कर देती हैं और न चाहते हुए भी हमें नकारात्मकता से भर देती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नकारात्मक विचार रखना या सोचना, सकारात्मक विचार सोचने से ज़्यादा आसान है। लेकिन, हमें यह याद रखना चाहिए कि नकारात्मक विचार रखना या सोचना हमारे लिए बहुत हानिकारक भी है। इस हानि को दूर करने का एक ही उपाय है वो है सकारात्मक विचारों की शक्ति के साथ आगे बढ़ना। सकारात्मकता ही हमारे जीवन को तनाव मुक्त बना सकती है। तनाव रहित और सुकून भरा जीवन जीने के लिए विचारों में सकारात्मकता होना बहुत ज़रूरी है। सकारात्मकता के बलबूते पर ही हम खुश रहने की कला और खुद से प्यार करने की कला भी सीख सकते हैं।

कैसे आएगी विचारों में सकारात्मकता? (Kaise aayegi vicharon mein sakaratmakta?)

विचारों में सकारात्मकता लाना आसान भले ही न हो, पर नामुमकिन भी नहीं है। हमें सकारात्मक विचारों की शक्ति का लुत्फ उठाने के लिए बस कुछ बातों का ख्याल रखना पड़ता है और कुछ आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना होता है। जो लोग आपके आस-पास रहते हैं, अगर उनमें से कुछ लोग ऐसे हैं, जो हर वक्त नकारात्मक बातें करते हैं तो बेहतर होगा कि आप उनसे दूरी बना लें। ऐसे व्यक्ति अपने नकारात्मक विचारों से खुद को तो नकारात्मकता से भरपूर रखते ही हैं, साथ ही आपको भी नेगेटिव एनर्जी से भर देते हैं।

आपको सिर्फ दूसरों की नकारात्मकता से परहेज़ नहीं करना है, बल्कि खुद के नकारात्मक विचारों को भी खुद से दूर रखने की कोशिश करनी चाहिए। जब भी मन में चिंता या कोई नकारात्मक विचार आए तो उसको दूर करने के लिए अपना ध्यान दूसरी जगह लगाने की कोशिश करें। अपना कोई मनपसंद गाना सुन लें या थोड़ी देर मेडिटेशन करने बैठ जाएं। इसके अलावा थोड़ी देर बाहर किसी पार्क में नंगे पैर टहलना भी आपकी मदद कर सकता है। अगली बार जब भी खुद को नकारात्मकता से भरा महसूस करें तो खुद को सकारात्मक बनाने के लिए ये सभी उपाय ज़रूर करें।

सकारात्मक विचार हमारी कैसे मदद करते हैं? (Sakaratmak vichar humari kaise karte hain madad?)

सकारात्मक विचार और इसकी शक्ति, ज़िंदगी के हर मोड़ पर हमारी मदद करती है। आइए जानते हैं ज़िंदगी के वो कौन-से मोड़ हैं, जहां सकारात्मक सोच और विचार हमारी मदद करते हैं।

शारीरिक तौर पर

जैसा कि मैं पहले ही आपको बता चुकी हूं कि सकारात्मक विचारों की शक्ति इतनी तेज़ होती है कि उसमें हमारे शरीर में मौजूद बीमारियों को कम और खत्म करने की ताकत होती है। जब हम अपनी सोच और विचारों को सकारात्मक रखते हैं, तो इससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है और हमें कोई नई बीमारी नहीं जकड़ पाती।

मानसिक तौर पर

जब मन में चल रहे विचार सकारात्मक होंगे तो मन का शांत रहना तो ज़ाहिर-सी बात है। नकारात्मकता से तनाव, चिंता, डिप्रेशन और बेचैनी हमारे दिमाग को जकड़ती है, इससे पीछा छुड़ाने में सकारात्मक विचार बहुत फायदेमंद हैं।

कार्य क्षेत्र में

कहते हैं, जब मन चंगा तो कठौती में गंगा। यानी मन के शांत और संतुष्ट होने से सब काम अच्छे होते हैं। जब मन बहुत हल्का महसूस करता है, तो हमारा दिमाग अच्छे से सारे कामों को समय पर पूरा कर लेता है।

रिश्ते बेहतर होते हैं

मन की शांति हमारे आपसी रिश्तों में भी निखार लाने का काम करती है। हमारे सकारात्मक विचार और सोच, हमें ज़िदंगी को खूबसूरत ढंग से देखने का मौका देते हैं। इससे हम अपने रिश्तों में पहले से ज़्यादा अपनापन और गहराई महसूस कर पाते हैं।

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