जब जीवन बहुत उलझा हुआ सा लगे या आप किसी भी वजह से परेशान होते हैं, तो एक प्यारा से पालतू जानवर किसी जादू की तरह से सुकून दे जाता है। उनकी मासूम आंखों में जो अपनापन होता है, वो किसी थेरेपी से कम नहीं। चाहे वो एक वफादार पेट डॉग हो, बिल्ली हो या फिर कोई भी चिड़िया। पालतू जानवरों की खासियत ही यही होती है कि वो बिना कुछ कहे ही हमारे मन को समझ लेते हैं।
सोचिए, ऑफिस से थककर लौटे हों और दरवाज़े पर कोई आपकी राह देख रहा हो, पूंछ हिलाता हुआ या मीठी सी आवाज़ में स्वागत करता हुआ। क्या इससे बड़ी खुशी कुछ हो सकती है? यही नहीं, पालतू जानवर हमें रोज़मर्रा की टेंशन से बाहर निकालते हैं। जब आप उन्हें खाना देते हैं, सहलाते हैं या उनके साथ खेलते हैं, तो दिमाग का सारा बोझ धीरे-धीरे हल्का हो जाता है। वो सिर्फ जानवर नहीं होते हैं, बल्कि परिवार का हिस्सा बन जाते हैं। उनके बिना घर अधूरा लगता है। और जब आप उन्हें अपनाते हैं, तो बदले में वो आपको निस्वार्थ प्यार, भरोसा और खुश रहने की एक अनोखी वजह दे जाते हैं।
तो चलिए नेशनल पेट डे (National Pet Day in hindi) के अवसर पर सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि पालतू जानवर आपको खुश और आपके मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखते हैं।
कब मनाया जाता है नेशनल पेट डे? (Kab manaya jata hai National Pet Day?)
हर साल 11 अप्रैल को नेशनल पेट डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद यही है कि हम अपने पालतू जानवरों के प्रति प्यार और ज़िम्मेदारी को महसूस करें। अक्सर लोग पेट पाल तो लेते हैं, लेकिन उनकी देखभाल में लापरवाही कर बैठते हैं। पेट को सिर्फ खाना-पानी देना ही काफी नहीं, उन्हें समय, प्यार और थोड़ी मस्ती भी चाहिए।
पालतू जानवर होते हैं दिल को सुकून देने वाले साथी (Paltu janwar hote hain dil ko sukun dene wale sathi)
पालतू जानवर सिर्फ साथी नहीं होते, वो हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए दवा बन जाते हैं। आजकल की तनाव भरी ज़िंदगी में, जहां हर कोई किसी न किसी दबाव में जी रहा है, पालतू जानवर दिल को सुकून देने वाले साथी साबित होते हैं।
बिना शर्त का प्यार और साथ
सबसे पहली और सबसे खास बात यह है कि पालतू जानवर हमें बिना किसी शर्त के प्यार करते हैं। उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि आप अमीर हैं या गरीब, खुश हैं या उदास, सफल हैं या नहीं। उनका प्यार सच्चा होता है। यही बिना शर्त का अपनापन हमें भावनात्मक तौर पर बहुत सुकून देता है। जब कोई इंसान अकेलापन महसूस करता है, तब एक पालतू जानवर उसकी दुनिया को फिर से रोशन कर सकता है।
तनाव को करता है कम
रिसर्च में साबित हो चुका है कि पालतू जानवरों के साथ समय बिताने से स्ट्रेस हार्मोन यानी कॉर्टिसोल का स्तर घटता है और ऑक्सिटोसिन जैसे अच्छे हार्मोन बढ़ते हैं। बस अपने डॉगी को दुलारना या अपनी बिल्ली की म्याऊं सुनना भी तनाव को आपसे दूर कर सकता है।
रूटीन और ज़िम्मेदारी का एहसास
पालतू जानवरों की देखभाल करना एक रूटीन बनाता है। सुबह-सुबह उन्हें खाना देना, टहलाने ले जाना, साफ-सफाई रखना, ये सब काम हमें एक्टिव और ज़िम्मेदार बनाते हैं। कई बार डिप्रेशन या चिंता में इंसान खुद की देखभाल नहीं करता, लेकिन जब कोई मासूम जीव हम पर निर्भर होता है, तो हम खुद-ब-खुद बेहतर बनने की कोशिश करते हैं।
एक्सरसाइज और आउटडोर एक्टिविटी
अगर आपके पास डॉग है, तो आपको हर रोज़ उसे टहलाने ले जाना ही पड़ेगा। ये आपके लिए भी रोज़ की वॉक बन जाती है, जिससे न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी फायदा होता है। खुली हवा में जाना, लोगों से मिलना, आसपास की हलचल देखना, सब कुछ मूड को अच्छा करता है।
भावनात्मक सहारा
कई बार हम अपने मन की बातें किसी इंसान से नहीं कह पाते, लेकिन अपने पालतू से दिल की बात कह देने में हिचक नहीं होती। वो भले हमारी भाषा न समझे, लेकिन हमारे मूड और भावनाओं को बहुत अच्छे से महसूस कर लेते हैं।
सामाजिक जुड़ाव में मदद
पालतू जानवर अक्सर हमें दूसरों से जोड़ते हैं। चाहे पार्क में दूसरी डॉग-ओनर्स से बात हो या सोशल मीडिया पर अपने प्यारे पेट की फोटोज शेयर करना, ये छोटी-छोटी बातें हमें समाज से जोड़ती हैं और अकेलेपन को दूर करती हैं।
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