मनुष्य को अपने विकास के लिए समाज की ज़रुरत होती है। समाज की प्रथम इकाई के रूप में परिवार का उदय हुआ। क्योंकि बिना परिवार के समाज की रचना के बारे में सोचा नहीं जा सकता है। अनेक मजबूरियों के कारण संयुक्त परिवार (Joint family) में बिखराव देखा जा रहा है। वर्तमान दौर में भी संयुक्त परिवार का महत्व कम नहीं हुआ है। तो आज मैं आपको बताने जा रहा हूं कि संयुक्त परिवार क्या होता है और वर्तमान दौर में इसकी क्यों ज़रुरत है। संयुक्त परिवार इंसान के जीवन में बहुत ही ज्यादा महत्व रखता है। भारत में दशकों पहले से ही लोग संयुक्त परिवार में रहते आ रहे हैं। इसमें एक ही घर में दादा-दादी, चाचा-चाची सहित अन्य लोग रहते हैं।
संयुक्त परिवार का मतलब है जीवन में खुशहाली (Sanyukt parivaar ka matlab hai jivan mein khushali)
संयुक्त परिवार का मतलब है ऐसा सुखी जीवन, जिसमें एक ही घर में दो-तीन पीढ़ी के लोग एक साथ रहते हैं। जहां एक ही किचन में सभी के लिए खाना बनता है और सभी एक साथ एक ही टेबल पर खाना खाते हैं। संयुक्त परिवार में संपत्तियों का बंटवारा नहीं होता है। परिवार के सभी लोग आपस में प्यार और खुशियों के बीच ज़िंदगी जीते हैं। संयुक्त परिवार में रहने से ज़िंदगी में मानसिक शांति के अलावा हमेशा एकजुटता का भरोसा रहता है। संयुक्त परिवार में किसी भी फैसले को लेने से पहले सभी की राय ली जाती है। हालांकि, आखिरी निर्णय परिवार के मुखिया को लेना होता है, जो परिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य होते हैं। सभी की राय लेकर निर्णय लेने से यह फायदा होता है कि गलतियां कम से कम होती है। साथ ही उस निर्णय के गलत होने पर भी सभी एक साथ मिलकर उसे ठीक करने में लगे रहते हैं। इससे लोगों को मानसिक तनाव (Mansik Tanav) का कम से कम सामना करना पड़ता है। वहीं, संयुक्त परिवार में सभी का खाना एक साथ बनाने और खाने से आपस में प्रेम बना रहता है। जो कि इंसान को हर विपरीत परिस्थिति में हिम्मत देता है। वहीं, घर का खर्च सभी मिलकर चलाते हैं, जिससे किसी एक व्यक्ति पर ज्यादा बोझ नहीं आता है। वहीं, अगर कोई एक लोग मुसीबत में पड़ जाता है, तो परिवार के सभी सदस्य उसके साथ खड़े होते हैं, जिससे सभी मुसीबतों का आसानी से सामना कर सकते हैं।
संयुक्त परिवार में रहने से बनी रहती है एकजुटता (Sanyukt parivaar main rahne se bani rahti hai ekjutta)
संयुक्त परिवार में रहने का जो सबसे ज्यादा फायदा है, वो यह है कि लोगों में एकजुटता बनी रहती है। जो आज के समय में बहुत ही कम देखने को मिलता है। इस तरह के परिवार में जहां बच्चों को दादा-दादी का प्यार मिलता है, वहीं परिवार के बुजुर्ग लोगों को भी सहारा मिलता है। इससे सभी एक-दूसरे के लिए ज़रूरी हो जाते हैं, जिससे परिवार में कभी किसी का महत्व कम नहीं होता है। वहीं, संयुक्त रूप से रहने में परिवार के सभी सदस्यों में आदर का भाव विकसित होता है। इससे बच्चे अपने से बड़ों का आदर करना सीख जाते हैं, जिससे वह जब स्कूल और कॉलेज में जाते हैं, तो वहां भी अपने से बड़ों का आदर करते हैं, जिससे समाज में उसे विशेष महत्व मिलता है। इस सीख व आदत को जीवन जीने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
संयुक्त परिवार में रहने से लोगों को कभी भी अकेलेपन का शिकार नहीं होना पड़ता है। परिवार के सदस्य एक-दूसरे के साथ सभी बात शेयर कर पाते हैं, जिससे इंसान को मानसिक शांति मिलती है और इंसान कभी भी कोई गलत निर्णय नहीं लेता है। वहीं, संयुक्त परिवार में रहने से किसी एक सदस्य के कंधे पर काम का बोझ नहीं पड़ता है। घर के सभी सदस्यों के बीच काम का बंटवारा सामान रूप से होने से सारा काम आसानी से हो जाता है। साथ ही संयुक्त परिवार में बच्चों का लालन-पालन भी बहुत अच्छे से हो जाता है। रसोई का काम जहां परिवार की महिलाएं कर लेती हैं, तो बाहर का काम घर के पुरुष सदस्य पूरा करते हैं।
वहीं, संयुक्त परिवार में रहने से सुरक्षा को लेकर होने वाली चिंता भी बहुत कम हो जाती है। क्योंकि परिवार के दो सदस्य यदि कहीं बाहर गए हैं, तो घर में और सदस्य होते हैं, जो हर चीज़ की देखभाल अच्छी तरह से कर लेते हैं। इससे परिवार में सुरक्षा का भावना बनी रहती है। संयुक्त परिवार में रहने का जो सबसे ज्यादा फायदा है, वो यह है कि आपके साथ हमेशा बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद बना रहता है। यदि आप गलत रास्ते पर भी चले जाते हैं, तो परिवार के सभी सदस्य आपको सही रास्ते का ज्ञान देते हैं और आपके जीवन को सही दिशा देते हैं। वैसे भी कहावत है कि बुजुर्गों से जो शिक्षा मिलती है, वो किताबों में भी नहीं मिलती है।
संयुक्त परिवार के बहुत सारे फायदे हैं, लेकिन कुछ नुकसान भी है। हालांकि, ये नुकसान ऐसे नहीं है, जिससे कि आपके जीवन में ज्यादा प्रभाव पड़ता है। परिवार के अन्य सदस्यों से बात करके आप इन नुकसानों से बच सकते हैं। संयुक्त परिवार में रहने से जो सबसे ज्यादा दिक्कत होती है, वो यह है कि कोई भी निर्णय आप अकेले नहीं ले सकते हैं। निर्णय लेने से पहले आपको परिवार के सभी सदस्यों की सहमति की ज़रुरत होती है। कभी-कभी परिवार के सभी सदस्य किसी एक निर्णय पर सहमत नहीं हो पाते हैं, ऐसे में परिवार में मतभेद पनपता है।
वहीं, संयुक्त परिवार में रहने से प्राइवेसी की कमी का भी लोगों को सामना करना पड़ता है, क्योंकि परिवार के बाकी के सदस्य हमेशा आपके आसपास रहते हैं। इन सबके बावजूद भी संयुक्त परिवार में रहना सबसे सुखद अहसास होता है। क्योंकि यहां परिवार के सभी सदस्य एक-दूसरे से कंधे से कंधे मिलाकर चलते हैं, जिससे कभी भी परिवार का कोई भी सदस्य अकेलापन महसूस नहीं करता है। इसलिए आज के दौर में जब हम काम के दबाव सहित अन्य कारणों से मानसिक दबाव में रहते हैं, तो मानसिक तनाव को कम करने का सबसे बढ़िया उपाय संयुक्त परिवार है। संयुक्त परिवार में रहने से इंसान हमेशा खुशहाल महसूस करता है।
इसलिए संयुक्त परिवार इंसानी दुनिया को संतुलित रखने के लिए बहुत ही कारगर व्यवस्था है। यदि आपको यह लेख अच्छा लगा तो पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।