सर्दी का मौसम का उल्लेख होते ही मन में अनेक विचार कौंध जाते हैं। सर्द रातें, क्रिसमस, गर्म कपड़े, नर्म बिस्तर और शायद गेम ऑफ थ्रोन्स का सीजन भी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सर्दी का मौसम ऐसा होता है, जिसमें कुछ उदासी और अवसाद भी देखा जा सकता है। कनाडा के अथाबास्का विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर शेररी मेलरोज के एक अध्ययन के अनुसार, ‘जैसे ही सर्दियों में दिन के दौरान सूर्य की किरणें कम होती हैं, वैसे ही कुछ लोगों को सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर से जूझते देखा जा सकता है।’
आपके शरीर की आंतरिक घड़ी सर्दी के साथ तालमेल स्थापित करने में वक्त लेती है। सूर्य की किरणों के अभाव में आपका दिमाग नींद के लिए ज़रूरी हार्मोन मेलाटोनिन बड़ी मात्र में छोड़ता है, जो आपको सुस्त और आलसी महसूस करवाता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि सर्दियों में ही दिन खराब और निराशाजनक होते हैं।
बारिश का मौसम (Rainy Season) भी आपके मूड पर ऐसा ही असर डाल सकता है। वेबएमडी ब्लॉग ने एक सर्वेक्षण में किए गए नतीजों को उजागर किया है, जिसके अनुसार लगभग 9 फीसदी लोगों को बारिश का मौसम पसंद न करने वाले लोगों की श्रेणी में रखा जा सकता है। ये लोग बारिश का मौसम आने पर ज्यादा गुस्सैल और कम खुश दिखाई देते हैं और इनमें काफी तादाद में उतावलापन भी देखा जा सकता है।
हालांकि अच्छी खबर यह है कि सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर से निपटा जा सकता है। आप इसकी शुरुआत मौसम के आप पर पड़ने वाले प्रभाव (Effect) को लेकर स्वीकार करके कर सकते हैं। ऐसा करने के बाद ही आप इससे निपटने के उपायों पर काम कर सकते हैं, फिर चाहे इस समस्या से आप बारिश का मौसम आने पर परेशान होते हों या फिर सर्दियों में। चीज़ों को आसान बनाने के लिए हम आपको सर्दियों में आपके मूड पर पड़ने वाले प्रभाव से निपटने के कुछ उपाय बताते हैं।
रोशनी में रहें (Roshni main rahen)
बारिश का मौसम और सर्दियों में भले ही सूर्य का प्रकाश कम मिलता हो, लेकिन आप अपने मूड को बनाए रखने के लिए कृत्रिम प्रकाश का सहारा ले सकते हैं। जब बाहर मौसम बादल वाला हो तो अंधेरे में न बैठें। यदि आपकी लेटने और बिस्तर पर जाने की इच्छा हो रही हो तब भी आप लाइट चालू रखें। एक अध्ययन के अनुसार ब्लू लाइट के संपर्क में आने पर डोपामाइन और सीरोटोनिन का बनना बढ़ जाता है जो आपके मूड को खुशगवार बनाने में यह सहायक होता है।
न्यूयॉर्क के मैनहटन न्यूरोसाइकाइट्रिक विभाग की मनोचिकित्सक एमडी जुलिया सैमटॉन जो अपने उपचार के दौरान लाइट थेरेपी का उपयोग करती हैं, इससे निपटने के लिए एक और सलाह देती हैं। वेबएमडी से बातचीत में जुलिया कहती हैं, ‘मैं लोगों को सलाह देती हूं कि वे बाहर निकलकर उस वक्त भी घूमें जब बाहर ठंड हो या बरसात हो रही हो। बाहर भले ही ज्यादा उजाला नहीं होगा, लेकिन आप अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में रहेंगे, जिससे आपके शरीर के सिरकाडियन रिद्म (शरीर की आंतरिक घड़ी) को नियमित होने में सहायता मिलेगी और आपका मूड बेहतर हो जाएगा’।
कुछ मस्ती करें (Kuch masti karen)
बारिश का मौसम (Barish ka mausam) आने पर जब तेज़ बूंदाबांदी हो रही होती है, तो बाहर जाने का कार्यक्रम भी खत्म हो जाता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने घर में कुछ मज़ेदार नहीं कर सकते। अपनी अलमारी में रखे कुछ गेम्स निकालकर अपने परिजनों के साथ खेलकर मूड को बेहतर बनाएं। यदि आप अकेले हैं, तो फिर इसे किसी किताब को पढ़ने का मौका समझकर उसका आनंद लें। अगर फिर भी बारिश नहीं रुकती है और आप गेम खेलकर व किताब पढ़कर बोर हो गए हैं, तो कोई बढ़िया फिल्म देख लें। मौसम को लेकर कुढ़-कुढ़ाने की जगह खुद को कुछ अच्छा करने में व्यस्त रखें। यानी कुछ मस्ती कर मौसम को अपना मूड खराब करने का मौका न दें।
दोस्तों से संपर्क बनाएं (Doston se sampark banayen)
यदि आप अकेले रहते हैं, तो बारिश का मौसम आने पर तेज़ बूंदाबांदी होने पर आप घर में रहेंगे और फिर आप खुद को अकेला और निराश महसूस करेंगे। आपकी समझ में यह नहीं आएगा कि क्या किया जाए। या फिर आलस की वजह से आपका कुछ भी करने को मन नहीं करेगा। जब मौसम आपको घर से बाहर निकलने से रोके तो आप अपने दोस्तों के साथ बातचीत कर अपना मन बहला सकते हैं। अपना फोन उठाकर किसी मित्र को मैसेज भेजें, जिससे आपने लंबे समय से बात नहीं की है। या फिर कुछ मित्रों के साथ एक साथ बात कर अपना वक्त खुशी-खुशी गुज़ारें।
सूर्य के प्रकाश में ज्यादा से ज्यादा रहें (Surya ke prakash mein jyada se jyada rahe)
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर से आपके मन में निराशा आ सकती है। यह डिसऑर्डर आपको निराशा और थकावट की भावना से भर सकता है। अत: बारिश का मौसम और सर्दियों में भले ही बाहर ज्यादा सूर्यप्रकाश न हो, आप जितना हो सके उतना ज्यादा वक्त सूर्य के साथ बिताने का प्रयास करें ताकि आपका मूड फ्रेश हो सके। ट्राइसिटी मेडिकल सेंटर के अनुसार, ‘सूर्य के संपर्क में आते ही आपके शरीर में सेरोटोनिन का रिसाव होता है, जो आपको एसएडी से बचाने में काम आता है। इसी प्रकार सूर्य के संपर्क में आने वालों को अवसाद और चिंता से मुक्ति मिलती है। इस उपाय को अन्य उपचारों के साथ करने से ज्यादा लाभ मिलता है।’ ऐसे में अब जैसे ही सूर्योदय हो आप अपने घर से निकलकर इसका आनंद उठाएं।
विटामिन डी की जांच करें (Vitamin D ki janch kare)
विटामिन डी जिसे सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है। इसके बारे में कहा जाता है कि वह अन्य बीमारियों के साथ ही अवसाद निवारण में भी काम आता है। आप विटामिन डी को प्रकृति का वरदान कह सकते हैं, जो आपकी मानसिक बीमारियों से सूर्योदय के साथ ही लड़ना शुरू कर देता है। यदि आपमें विटामिन डी की कमी है तो काले बादल जो सूर्य को काफी देर तक ढंक कर रखते हैं, आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। ऐसे में आपको समय-समय पर विटामिन डी की जांच करवाते रहनी चाहिए, ताकि बारिश का मौसम या सर्दी का मौसम आए तो सूर्य की कमी आपकी मानसिक परेशानी में इज़ाफा न कर सके।
नियमित व्यायाम करें, अवसाद को दूर रखें (Niyamit Vyayam ke, avsad ko dur rakhe)
यदि आप व्यायाम करने के लिए कोई कारण तलाश रहे हैं तो लीजिए कारण हाज़िर है। व्यायाम आपको मौसमी अवसाद से दूर रखकर मानसिक रूप से स्वस्थ रखेगा। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अध्ययन में पाया गया है कि हल्के अथवा मध्यम अवसाद से जूझ रहे लोगों के लिए व्यायाम काफी आराम देने वाला साबित होता है। हॉर्वर्ड मेडिकल स्कूल में मनोचिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. माइकल क्रेग मिलर कहते हैं कि, ‘कुछ लोगों में यह एंटीडिप्रेसेंट का काम करता है। हालांकि तीव्र मानसिक अवसाद से जूझ रहे व्यक्ति के लिए केवल व्यायाम करना ही काफी नहीं होता।’ बेहतर होगा यदि आप उस वक्त जूते पहनकर घर से बाहर निकल जाएं। जब बाहर दिन में नीला आकाश हो, तो पर्याप्त मात्रा में सूर्यप्रकाश आपको मुफ्त मिलने वाला है। तो फिर मौसम के अनुमान का पता लगाएं और मानसिक अवसाद को दौड़ते हुए भगाएं। ऐसा करने से आपको मौसमी परेशानी से बचने में सहायता मिलेगी।
खुश और संतुष्ट रहें (Khush or santusht rahe)
यदि आप हमेशा ही खुश और संतुष्ट रहते हैं तो बारिश का मौसम और सर्दियां आपको ऐसा करने का एक और मौका मुहैया करवाती है। मोमबत्ती जलाएं, जरूरी तेल का उपयोग करें, हल्का संगीत सुनें, अपना पसंदीदा खाना ऑर्डर करें, गर्म पानी से नहाएं। बारिश का मौसम का मज़ा उठाएं। खुद को खुश रखें क्योंकि आप इसके हकदार हैं।