मानसिक स्वास्थ्य

इन 8 कारणों से हमें मानसिक स्वास्थ्य को सीरियसली लेना चाहिए

आज की तेज़ रफ्तार वाली और तनावपूर्ण ज़िंदगी में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान ना देना गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। मेंटल हेल्थ का मतलब केवल मानसिक बीमारियों से नहीं है बल्कि यह हमारे सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने के तरीकों से भी हुआ है।

हम सभी को मानसिक स्वास्थ्य को सीरियसली लेना चाहिए, क्योंकि यह हमारी ज़िंदगी के हर पहलू को प्रभावित करता है। आज की तेज़ रफ्तार वाली और तनावपूर्ण ज़िंदगी में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान ना देना गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। 

मेंटल हेल्थ का मतलब केवल मानसिक बीमारियों से नहीं है बल्कि यह हमारे सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने के तरीकों से भी जुड़ा हुआ है। जब हम अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रखते, तो इसका असर हमारे रिश्ते, वर्क परफॉर्मेंस के साथ-साथ जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर पड़ता है। तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं ना केवल एक इंसान को प्रभावित करती हैं बल्कि साथ में रहने वाले और आस-पास रहने वाले लोगों को भी प्रभावित करती हैं। इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना ना केवल खुद के डेवलपमेंट के लिए बहुत ही ज़रूरी है बल्कि समाज के लिए भी ज़रूरी है। 

तो चलिए सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) के बारे में बताएंगे। साथ ही किन कारणों से हमें मानसिक स्वास्थ्य को सीरियसली लेना चाहिए, इसके बारे में भी जानकारी देंगे।   

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? (Vishv Mansik Swasthya Divas kab aur kyun manaya jata hai?)

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने की शुरुआत 10 अक्टूबर 1992 को हुई थी। इस दिन को पहली बार मानसिक स्वास्थ्य संगठन द्वारा मनाया गया। इसको मनाने का मुख्य उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लोगों को जागरूक करना था। वहीं, विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पहली बार अमेरिका में मनाया गया। इसके बाद पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा। समय के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी और इसको लेकर अलग-अलग आयोजन किए जाने लगे।

इन 8 कारणों से हमें मेंटल हेल्थ को सीरियसली लेना चाहिए (In 8 karanon se humein mental health ko seriously lena chahiye)

हैप्पी लाइफ 

हमारा मानसिक स्वास्थ्य अगर सही रहता है, तो हम खुशी से अपना जीवन जी पाते हैं। रिसर्चों के अनुसार जो लोग मेंटल हेल्थ को लेकर जागरूक रहते हैं, वो अपने जीवन को बढ़िया तरीके से जी पाते हैं। हमें पता होना चाहिए कि खुशी और मानसिक स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। अगर हमारा मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है, तो अपने जीवन का आनंद बेहतर तरीके से उठा पाते हैं। 

अपने रिश्तों के लिए 

हमारा मेंटल हेल्थ अगर अच्छा रहता है, तो हमारा हर किसी के साथ रिश्ता अच्छा रहता है। हम ऑफिस के साथियों के साथ भी अच्छे से व्यवहार करते हैं और परिवार के लोगों से भी। वहीं, अगर हमें मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है, तो वो रिश्तों में किसी ने किसी तरह से समस्या पैदा करती है। इसलिए हमें बेहतर मेंटल हेल्थ पर ध्यान देना चाहिए। 

वर्क परफॉर्मेंस 

मानसिक स्वास्थ्य का अच्छा होना हमारे वर्क परफॉर्मेंस को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। रिसर्च के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य में सुधार से काम में उत्पादकता और संतोष बढ़ता है, जिससे हमारा करियर बेहतरीन तरीके से चलता है और सफलता के दरवाजे भी खुलते हैं। 

स्ट्रेस मैनेजमेंट 

अगर हम मानसिक स्वास्थ्य का सही तरीके से ध्यान रखते हैं, तो हम तनाव से दूर रह सकते हैं। साथ ही हम चिंता को भी कम कर पाते हैं। इसके साथ ही मेंटल हेल्थ सही रहने से हमारा मानसिक स्थिति काफी मजबूत रहती है, जिससे हम खराब से खराब परिस्थिति को बहुत ही आसानी से संभाल पाते हैं।  

हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से पा सकते हैं छुटकारा 

अगर हमारा मानसिक स्वास्थ्य सही नहीं रहता है, तो इसका असर हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। क्योंकि स्ट्रेस का संबंध शारीरिक बीमारियों से भी सीधे तौर पर होता है, जैसे हार्ट से जुड़ी बीमारी, हाई ब्लडप्रेशर आदि। मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों एक दूसरे पर गहरा प्रभाव डालते हैं। 

आत्मविश्वास के लिए 

अगर हमारा मेंटल हेल्थ सही रहता है, तो उसका असर हमारे आत्मविश्वास पर भी पड़ता है। खुद पर भरोसा रखने के लिए मानसिक स्वास्थ्य का बेहतर होना बहुत ही ज़रूरी है। जब हम अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं, तो खुद को स्वीकारने और प्यार करने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है, जो खुद के डेवलपमेंट के लिए बहुत ही ज़रूरी है। 

पॉजिटिव सोच के लिए

हमारा मानसिक स्वास्थ्य अगर सही रहता है, तो हमारी सोच पॉजिटिव रहती है। पॉजिटिव सोच से जीवन में चुनौतियों का सामना करने में आसानी होती है। साथ ही इससे हम खुद पर भरोसा रखते हुए जीवन के सफर में, आसानी से हरेक बाधा को पार कर लेते हैं।  

सही डिसीजन लेने के लिए 

मानसिक स्वास्थ्य का असर हमारे डिसीजन लेने की क्षमता पर भी पड़ता है। अगर मेंटल हेल्थ सही होता है, तो हम बहुत आसानी से और सही तरीके से सही और गलत में अंतर कर पाते हैं। इससे होता यह है कि हमें डिसीजन लेने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। 

इस आर्टिकल में हमने आपको मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बताया। साथ ही हमने यह भी जानकारी दी कि मेंटल हेल्थ को क्यों हमें संजीदगी से लेना चाहिए। 

यह आर्टिकल आपको कैसा लगा, हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।

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