दिनभर की भागदौड़ और तनाव से तो हम जूझते ही रहते हैं। इन्हीं के बीच हम अक्सर एंग्जाइटी या चिंता से घिर जाते हैं। मनोविज्ञान में बताया गया है कि एंग्जाइटी होना आम बात है, और हमारी ज़िंदगी के लिए थोड़ी बहुत एंग्जाइटी ज़रूरी भी है। यह एंग्जाइटी हमें हमारी ज़िंदगी के बहुत से लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करती है, जैसे- एग्जाम से पहले फेल होने का डर और चिंता हमें ज़्यादा से ज़्यादा मेहनत करने के लिए उकसाती है। हालांकि, ज़रूरत से ज़्यादा एंग्जाइटी हमारे लिए घातक भी है।
बिना किसी वजह के हर बात पर एंग्जाइटी महसूस होना सही नहीं है। जो काम बिना चिंता के निपट सकते हैं, उनके लिए भी एंग्जाइटी महसूस होना, हमें मानसिक अस्वस्थता की तरफ ढकेलता है। अगर आप अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में हर बात पर एंग्जाइटी महसूस कर रहे हैं, और इसे कम करना चाहते हैं तो चलिए मैं आपको बताती हूं कि कैसे आप अपनी चिंता कम करके, स्वस्थ रह सकते हैं, और गुनगुनाने जैसे घरेलू असरदार उपाय की मदद से एंग्जाइटी से दूर रह सकते हैं।
चिंता या एंग्जाइटी क्या है? (Chinta ya Anxiety kya hai?)
एंग्जाइटी हमारे मन की वह भावना है जो तब महसूस होती है, जब हम किसी चीज़ को लेकर घबराहट या डर महसूस करते हैं। इस डर या बेचैनी को हम एक स्वाभाविक भावना कह सकते हैं, क्योंकि हम सब ही किसी न किसी बात को लेकर, ऐसा महसूस करते हैं, और कुछ देर बाद शांत हो जाते हैं और सामान्य महसूस करते हैं।
थोड़ी सी एंग्जाइटी और डर हमें सुरक्षित रखने और खतरे से बचाने में मदद कर सकती है। लेकिन कभी-कभी यह एंग्जाइटी या चिंता हमें ऐसा महसूस करा सकती है कि हमारे हाथ में कुछ भी नहीं है, सब कुछ बिल्कुल ही खराब है, ऐसी स्थिति हमें दबाव भरी और असहनीय लग सकती है। लगातार चिंता करने से लंबे समय तक चिंता बनी रह सकती है, जिसका सीधा असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। अपने मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए हमें एंग्जाइटी को कम करना ही होगा।
क्या हैं एंग्जाइटी के घरेलू उपचार? (Kya hain Anxiety ka gharelu upchar?)
क्या आप जानते हैं कि हम खुद से ही घर पर कुछ तरीके अपना कर अपने एंग्जाइटी के स्तर को कम कर सकते हैं? अगर नहीं, तो चलिए जानते हैं कि कैसे हम एंग्जाइटी का घरेलू उपचार (Anxiety ka gharelu upchar) घर से शुरू कर सकते हैं।
एंग्जाइटी से बचने के तरीके:
योग करें
चिंता को दूर करने के सबसे पहले तरीके में आता है, योग और ध्यान करना। रोज़ सुबह कुछ देर ध्यान की मुद्रा में बैठना आपकी एंग्जाइटी को बहुत कम कर सकता है, इसलिए रोज़ नियमित रूप से ध्यान और योग ज़रूर करें।
बांटें दुख-दर्द को
चिंता कम करने के लिए आप अपनी भावनाओं को दूसरों के साथ बांट भी सकते हैं, जिससे आपको अच्छा महसूस होगा और चिंता कम करने में मदद मिलेगी।
पूरी होनी चाहिए नींद
चिंता से मुक्ति के बहुत से तरीकों में सबसे कारगर नींद पूरी करना माना जाता है। जब हम अच्छे से सोते हैं, तो हमारी मांसपेशियों को आराम मिलता है और हम एंग्जाइटी की समस्या से दूर रह पाते हैं।
गुनगुनाने से भी होती है एंग्जाइटी कम (Gungunane se hoti hai anxiety kam)
यूं तो नींद पूरी करने को एंग्जाइटी का रामबाण उपाय माना जाता है, पर क्या आप जानते हैं एंग्जाइटी को दूर करने के लिए गुनगुना या हम्मिंग (humming) भी बहुत अच्छा तरीका है? और क्या आप जानते हैं कि जब आप गुनगुनाते हैं, तो आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं और अपने नर्वस सिस्टम में भी सुधार करते हैं?
गुनगुनाते वक्त हमारा मुंह बंद होता है लेकिन गला काम कर रहा होता है, इससे गले में एक वाइब्रेशन होती है। एक रिसर्च के मुताबिक यह वाइब्रेशन वेगस नर्व (Vagus Nerve) को उत्तेजित करती है। वेगस नर्व हमारे अंगों और दिमाग के बीच के संचार के माध्यम की तरह काम करती है। गुनगुनाने से होने वाली वाइब्रेशन वेगस नर्व के माध्यम से ट्रैवल करती है और दिमाग को सिग्नल देती है आराम और सुकून की स्थिति पैदा करने के लिए। इसलिए जब हम गुनगुना रहे होते हैं तो न केवल हमारे दिल को आराम मिलता है, बल्कि दिमाग को भी सकारात्मक संकेत मिलता है, और हम बहुत ही हल्का महसूस करते हैं।
गुनगुनाने के खास तौर पर तीन फायदे होते हैं पहला स्ट्रेस हार्मोन कंट्रोल होता है, दूसरा दिल का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और तीसरा हमारा मूड अच्छा हो जाता है।
तो फिर याद करिए कि आपने आखिरी बार कब गुनगुनाया था? याद नहीं तो कोई बात नहीं। आज से ही चिंता के काले बादलों को दूर करने के लिए गुनगुनाना शुरू कर दीजिए। गुनगुनाने के लिए बस आपको अपना कोई भी पसंदीदा गाना चुनना है और उसे मन ही मन गुनगुनाना शुरू कर देना है। जब भी कभी खुद को लगातार एंग्जाइटी से घिरा महसूस हो, तो यह तरीका ज़रूर अपनाएं। गुनगुनाने से आपको सच में बहुत आराम मिलेगा।
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