डायबिटीज आपके मेंटल हेल्थ पर भी असर डालता है, कैसे रखें ख्याल?

मधुमेह मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह तनाव, चिंता, और अवसाद का वजह बन सकता है, क्योंकि रोगी को लगातार अपने ब्लड शुगर, दवाओं और जीवनशैली का ध्यान रखना पड़ता है। साथ ही, मधुमेह हमारी याददाश्त को भी कमजोर करता है।

एक वक्त था जब डायबिटीज यानी मधुमेह रोग ज़्यादातर उम्रदराज़ लोगों को ही होता था, पर आज के वक्त में ये खतरनाक बीमारी हर उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रही है। जब खून में शकर्रा यानी मिठास की मात्रा ज़्यादा हो जाती है तो, व्यक्ति डायबिटीज से ग्रस्त हो जाता है। 

अगर हम खुद को और अपने परिवार को डायबिटीज से दूर रखना चाहते हैं तो हमें अपने खाने में से शुगर को कम कर देना चाहिए। जो लोग एक बार डायबिटीज से ग्रस्त हो जाते हैं, उनका पूरी तरह इससे उबर पाना मुश्किल हो जाता है। पर डायबिटीज में अपना ध्यान रख कर हम खुद को काफी हद तक ठीक रख सकते हैं। 

डायबिटीज शरीर को तो कई तरह से नुकसान पहुंचाता ही ही, इसके साथ यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। डायबिटीज के जूझ रहे लोगों को खासतौर पर अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। 

आइये विश्व मधुमेह दिवस (Word Diabetes Day) पर जानते हैं, डायबिटीज में खुद की मेंटल हेल्थ का ध्यान कैसे रखें और विश्व मधुमेह दिवस या डायबिटीज डे से जुड़ी अन्य जानकारी।

विश्व मधुमेह दिवस कब है? (Vishva Madhumeh Divas kab hai?)

विश्व मधुमेह दिवस या डायबिटीज डे हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है। विश्व मधुमेह दिवस का दिन इंसुलिन की खोज करने वाले वैज्ञानिक, सर फ्रेडरिक बैंटिंग के जन्मदिन के पर मनाया जाता है, जिन्होंने 1922 में इंसुलिन की खोज की थी। विश्व मधुमेह दिवस (Diabetes day in hindi) का मकसद मधुमेह के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसको रोकने की तरफ ध्यान देना है।

कैसे मधुमेह हमारी मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है? (Kaise madhumeh humari mental health ko prabhavit karta hai?)

आपने विश्व मधुमेह दिवस (Madhumeh Divas in Hindi) से जुड़ी बातें तो जान लीं, तो अब चलिए जानते हैं कि मधुमेह की बीमारी हमारे मेंटल हेल्थ पर कैसे असर डालती है। 

ये तो आप जान ही गये कि मधुमेह मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह तनाव, चिंता, और अवसाद का वजह बन सकता है, क्योंकि रोगी को लगातार अपने ब्लड शुगर, दवाओं और जीवनशैली का ध्यान रखना पड़ता है। साथ ही, मधुमेह हमारी याददाश्त को भी कमजोर करता है। मधुमेह में रोगी आत्म-सम्मान में कमी, थकान, और अनिद्रा जैसी समस्याएं भी महसूस करता है, जो मानसिक स्वास्थ्य (Mental wellbeing) को और बिगाड़ सकती हैं।

डायबिटीज के दौरान ऐसे रखें मेंटल हेल्थ का ध्यान (Diabetes ke dauran aise rakhein mental health ka dhyaan)

डायबिटीज के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है, लेकिन हम कुछ तरीके अपनाकर अपना ख्याल रख सकते हैं:

योग या एक्सरसाइज

हमारी शारीरिक गतिविधियां ना केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित करती हैं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होती हैं, जिससे हम मधुमेह जैसी बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं। कसरत करने से शरीर में एंडोर्फिन रिलीज होते हैं, जो हमारे मूड को बेहतर बनाते हैं और तनाव को कम करते हैं।

संतुलित और पौष्टिक आहार

सही खान-पान से ना केवल डायबिटीज को कम किया जा सकता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी दुरुस्त बनाया जा सकता है। विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाना हमारे मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक स्थिरता के लिए अच्छा होता है।

तनाव कम लें 

तनाव डायबिटीज और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदेह है। मेडिटेशन, और गहरी सांस लेने से तनाव को कम किया जा सकता है, जिससे शुगर को संतुलित रखा जा सकता है।

सोशल सपोर्ट या अपनों का साथ 

परिवार, दोस्तों, या खास लोगों से बात करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। डायबिटीज को बढ़ने से रोकने के लिए अपनी भावनाओं को साझा करना और अपनों का साथ पाना मदद कर सकता है।

डायबिटीज के साथ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन अपना ख्याल रख कर हम अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल रख सकते हैं और मधुमेह को बढ़ने से रोक सकते हैं। 

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