बाहर के शोर में अंदर की शांति ढूंढने के 5 तरीके

आज के समय में लोगों के पास बहुत तरह की सुविधाएं हैं, लेकिन मन की शांति नहीं है। पैसे से संसाधान तो खरीदे जा सकते हैं, लेकिन उससे शांति नहीं खरीदी जा सकती है। केवल जुबां को शांत रखने से शांति नहीं मिलती है बल्कि उसके लिए मन स्थिर रखना ज़रूरी है।

शांति आज के समय में हर किसी को चाहिए। शांति के बिना एक सफल और सही जीवन की हम परिकल्पना भी नहीं कर सकते हैं। शांति जीवन को पॉजिटिविटी की ओर ले जाती है। इसी को देखते हुए हर साल 21 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य मकसद है पूरी दुनिया में शांति बनाए रखना, जिससे मानव समाज सही तरीके से रह पाए।

आज के समय में लोगों के पास बहुत तरह की सुविधाएं हैं, लेकिन मन की शांति नहीं है। पैसे से संसाधान तो खरीदे जा सकते हैं, लेकिन उससे शांति नहीं खरीदी जा सकती है। केवल जुबां को शांत रखने से शांति नहीं मिलती है बल्कि उसके लिए मन स्थिर रखना भी ज़रूरी है।

अशांति का कारण, किसी भी इंसान का मन ही है। और जब तक मन शांत नहीं होगा, तब तक इंसान का जीवन सुखी नहीं हो सकता है। संत कबीर दास ने कहा है “हाथ में माला फेरने और जीभ से भजन करने से ईश्वर का सच्चा सुमिरन नहीं होता है, अगर मनुष्य का मन ही एकाग्र ना हो।”

सच्ची शांति का मतलब है कि समाज का सही निर्माण हो, जिसमें किसी तरह का भी भेदभाव ना हो। तो चलिए सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के बारे में बताने के साथ उसके महत्व के बारे में बताएंगे। साथ ही हम आपको बाहर के शोर में अंदर की शांति ढूंढने के तरीके भी बताएंगे।

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस कब मनाया जाता है? (Antarrashtriya Shanti Divas kab manaya jata hai?)

पूरे विश्व में 21 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस मनाया जाता है। इस दिन यूनाइटेड नेशनल जनरल असेंबली देशों और लोगों के बीच अहिंसा, शांति और युद्धविराम के आदर्शों को बढ़ावा देने का प्रयास करती है। इस दिन को मनाने का मकसद सिर्फ पूरी दुनिया में शांति कायम करना ही नहीं है, बल्कि ऐसी सोसाइटी को बनाना है, जिसमें हर कोई सुरक्षित महसूस कर सके। साथ ही सभी को यह एहसास हो कि वे आगे बढ़ सकते हैं और विकास कर सकते हैं। साल 2001 को इस दिवस को अधिकारिक तौर पर 21 सितंबर को मनाने की घोषणा हुई। इससे पहले यह वार्षिक महासभा के उद्घाटन सत्र, यानी सितंबर के तीसरे मंगलवार को मनाया जाता था।

अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस को मनाने के लिए अमेरिका के न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र घंटी (UN Peace Bell) बजाई जाती है। यह बेल जापान की ओर से संयुक्त राष्ट्र को दान में दी गई थी। जहां बेल लगाई गई है, वो उस स्थान का प्रतीक है, जहां गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। वहीं, कबूतर को शांति का प्रतीक माना जाता है।

अंदर की शांति कैसे ढूंढे? (Andar ki shanti kaise dhundhein?)

शांति और खुशी की जड़ें हमारे अंदर हैं, कोई शांति की खोज में मंदिर, मस्जिद में भटक रहा है, तो कोई शांति पाने के लिए गुरुद्वारा में सेवादार रहा। शांति और खुशी मन के अंदर खोजने पर ही मिलती है। हम यहां आपको बता रहें पांच ऐसे तरीके, जिससे आप बाहर के शोर में खुद को अंदर से शांत रख पाएंगे।

ध्यान लगाने की कोशिश करें

मन को शांत करने के लिए ध्यान लगाना बहुत ही ज़रूरी है। इससे मन को सुकून और शांति मिलती है। ध्यान लगाने के लिए शांत वातावरण में बैठें और गहरी सांस लें। ऐसी ही अपनी सांस पर आंखें बंद करके ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें। ऐसा करने से कंसट्रेशन बढ़ेगा और मन शांत रहेगा, जिससे आप अंदर की शांति ढूंढ पाएंगे। साथ ही खुश भी रह पाएंगे।

खुद को व्यस्त रखें

एक कहावत है कि खाली दिमाग शैतान का होता है। देखा जाए तो यह बात पूरी तरह से सही है। ऐसा आपने खुद भी महसूस किया होगा। जब आपके पास कोई भी काम नहीं रहता है, तो मन में उल्टे-सीधे विचार आने लगते हैं। जो परेशान करते हैं। इसलिए खुद के दिमाग को व्यस्त रखें।

एक्सरसाइज करें

अगर आपको शांति नहीं मिल रही है, तो इसका मतलब है कि आप तनाव में हैं। ऐसा होने पर आपके मन में अलग-अलग तरह के विचार आते रहेंगे और आप शांत नहीं रह पाएंगे। जब आपका दिमाग तनाव में है, तो शरीर भी तनाव में ज़रूर होगा। ऐसे समय में बॉडी और माइंड को आराम (Mental Wellbeing) और सुकून देने का सबसे बढ़िया तरीका है एक्सरसाइज करना।

विचारों से दूर ना भागें

हम सभी के पास दिमाग है, जिसमें अलग-अलग तरह के विचार आते रहते हैं। इसलिए अपने मन को शांत रखने का यह मतलब नहीं है कि हम विचारों से दूर भागें। ज़रूरी है कि मन में जो भी विचार आ रहे हैं, उसको लेकर परेशान नहीं हों, इसको सिर्फ मानसिक प्रक्रिया समझकर ज़्यादा ध्यान नहीं दें। लेकिन, जब भी आप खाली बैठे हों और दिमाग में विचार आने लगे तो कोशिश करें सकारात्मक सोचने की। सकारात्मक सोच दवा के जैसी होती है जो आपको बाहर के शोर में रहते हुए भी खुद को भीतर से शांत रखने में मदद करेगी।

जर्नलिंग करना शुरू करें

जब आप बाहर की समस्याऔं और मन के अलग-अलग विचारों से मुक्ति नहीं पा रहे हैं, तो मन को शांत रखने का सबसे बढ़िया तरीका है जर्नलिंग करना। मतलब अपने विचारों को लिखना या जो आस-पास चल रहा है उसको लिखना। लिखने से आपके विचारों को एक दिशा मिलती है ओर मन को हल्का महसूस होता है। इसलिए आज ही एक डायरी बना लें और खुद और आस-पास हो रही चीज़ों के बारे में लिखें।

इस आर्टिकल में हमने आपको विश्व शांति दिवस के बारे में बताया। साथ ही हमने आपको बाहर के शोर में खुद को कैसे शांत रख सकते हैं, इसके बारे में भी बताया। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा, हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। साथ ही इसी तरह के और भी ज्ञानवर्द्धक जानकारी के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।

X

आनंदमय और स्वस्थ जीवन आपसे कुछ ही क्लिक्स दूर है

सकारात्मकता, सुखी जीवन और प्रेरणा के अपने दैनिक फीड के लिए सदस्यता लें।