बच्चों के बढ़ते anger का कारण और इससे बचने के उपाय

बच्चों का गुस्सा शांत करने के उपाय और इसके कारण

पेरेंट्स की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है कि वो इस बात को समझें कि उनकी और उनके बच्चे की सोच आपस में नहीं मिल सकती। हम पेरेंट्स जिस तरह सोचते हैं और चीजों को देखते हैं, हमारे बच्चे उन्हीं चीजों को उससे बिल्कुल अलग तरह से देखते हैं।

हम सब अपने बच्चों की परवरिश में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते। उन्हें हमेशा वो सब देने की कोशिश करते हैं, जिसकी कमी हमने हमारे बचपन में महसूस की थी। इसके साथ ही उन्हें अच्छे संस्कार देकर, एक अच्छा इंसान बनाने की पूरी कोशिश करते हैं।

इसके बावजूद भी हम में और हमारे बच्चों में एक गैप रह जाता है, जिसे समझ पाना हमारे लिए मुश्किल हो जाता है। इसी गैप को जेनरेशन गैप कहते हैं। ये पेरेंट्स की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है कि वो इस बात को समझें कि उनकी और उनके बच्चे की सोच आपस में नहीं मिल सकती। पेरेंट्स जिस तरह सोचते हैं और चीजों को देखते हैं, हमारे बच्चे उन्हीं चीजों को उससे बिल्कुल अलग तरह से देखते हैं।

बच्चों की दुनिया हमारी दुनिया से बहुत अलग होती है और जब उनकी दुनिया में कोई व्यक्ति कुछ भी चेंज करने की कोशिश करता है तो वो चिढ़ जाते हैं और उन्हें गुस्सा आने लगता है।

बच्चा अगर जूनियर है तो उसके लिए आगे आने वाली हर परिस्थिति का सामना करना बड़ा मुश्किल हो जाता है। घर में बच्चे आराम से रह लेते हैं, लेकिन जब उन्हें स्कूल में नए दोस्त बनाने होंगे और टीचर से भी बात करनी पड़ेगी, तब बच्चे अक्सर चिड़चिड़ा महसूस करने लगेंगे और उन्हें गुस्सा भी आएगा।

यहां पेरेंट्स की ये ज़िम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चों को गुस्से की लत (gussa kam karna) करने से रोकें। ज़ाहिर सी बात है, बच्चों के गुस्सा करने पर आप गुस्सा कम करने का मंत्र ज़रूर ढूंढेंगे।

बच्चों की गुस्सा करने की आदत को सुधारने के लिए ये आर्टिकल पूरा पढ़ें। इस आर्टिकल में हमनें बच्चों का गुस्सा शांत करने के उपाय यानी उनका गुस्सा कम करने का मंत्र बताया है।

गुस्सा क्या है? (What is anger?)

गुस्सा एक भावना है, जो हमें खुशी, दुख, रोना और प्यार की तरह ही महसूस होती है। हमारा दिमाग चार तरीके के केमिकल्स रिलीज करता है, जिसमें से एक गुस्से के लिए ज़िम्मेदार होता है। जब दिमाग में ‘सेरोटोनिन’ की कमी होती है तो हम गुस्से की भावना से भर जाते हैं। गुस्सा अक्सर हमारी इच्छा के मुताबिक काम न होने पर ही आता है। कोई ऐसा काम या प्रतिक्रिया जिसे हम न करना चाहे और फिर भी हमें करनी पड़े या जो हम चाहते हैं, वो न मिले तो हमें गुस्सा आता है।

बच्चों के बढ़ते गुस्से के क्या कारण हैं?  (Reasons of anger in children)

बच्चों में बढ़ते गुस्से की बहुत-सी वजह हो सकती हैं। एक बच्चा परिवार से निकल कर बाकी दुनिया की तरफ कदम बढ़ाता है। स्कूल में अन्य बच्चों से दोस्ती करता है। हालांकि, अचानक माहौल बदलने से उसे दोस्ती करने में कठिनाइयां होती हैं। किसी नए व्यक्ति से बात करने में झिझक और चिढ़ होती है। किसी बात के लिए उन्हें डांटा जाना भी उनको गुस्से से भर देता है। किसी चीज़ को पाने की इच्छा हो और वो उन्हें न मिले तो भी उन्हें बुरा लगता है और वो ज़िद और गुस्से से भर जाते हैं।

बच्चों को आकर्षण का केंद्र बनना बहुत पसंद होता है, उनको अपनी तारीफ सुनना जितना पसंद होता है, उतना ही बुरा इग्नोर किए जाने पर लगता है। उनकी तुलना किसी दूसरे बच्चे से किए जाने पर उनमें सेल्फ डाउट तो पैदा होता ही है, साथ ही गुस्सा भी बढ़ जाता है। अगर हम कोशिश करें तो बच्चों में गुस्से की आदत को कुछ हद तक सुधार सकते हैं

बच्चों का गुस्सा कैसे करें शांत? (How to cope up with children’s anger?)

बच्चों की गुस्सा करने की आदत धीरे-धीरे इतनी बढ़ जाती है कि फिर इसे सुधारना बहुत मुश्किल हो जाता है। कम उम्र का गुस्सा न केवल उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है। मगर, कुछ आदतों और तरीकों को अपनाकर हम बच्चों का गुस्सा कम करने के उपाय कर सकते हैं। नीचे दिए टिप्स आपके लिए गुस्सा कम करने का मंत्र साबित होंगे।

पढ़िए बच्चों का गुस्सा शांत करने के उपाय:

इमोशनल सपोर्ट है गुस्सा कम करने का मंत्र

अगर बच्चे के गुस्से को कम करना है तो उसे इमोशनल सपोर्ट देना बहुत ज़रूरी है। उन्हें बताएं कि आप उन्हें समझते हैं। आप उनके साथ हैं। आपको उन्हें समझाना होगा कि उनका किसी बात पर गुस्सा करना जायज़ है, पर अभी सिचुएशन ऐसी नहीं कि उनकी इच्छा पूरी की जा सके। यकीन मानिए अगर आप बच्चे को इस तरह समझाएंगे तो उसका गुस्सा अपने आप शांत हो जाएगा

रैपोबिल्डिंग करने से आएगी गुस्से में कमी

मनोविज्ञान में रैपोबिल्डिंग का मतलब है, बच्चे से दोस्ती करना। उन्हें खुद पर विश्वास दिलाना कि वो आप पर भरोसा कर सके और अपने मन की हर बात कह सके। इसके लिए आपको ज़्यादा मेहनत करने की ज़रूरत नहीं है, बच्चे के सामने बस खुद को हंसमुख बनाइए, उनके साथ खेलिए, उनसे बातें करिए। एक बार वो आप पर भरोसा करने लग जाए तो आप उससे उसके गुस्से का कारण पूछ कर गुस्से को कम करने में मदद कर सकते हैं। यकीन करें, ये तरीका आपके लिए गुस्से को कम करने का मंत्र बनेगा।

उल्टी गिनती गिनने से होगा गुस्सा कम

जब भी आपका बच्चा गुस्से में हो उससे कहें कि वो उल्टी गिनती गिनना शुरू करे। आप भी उसके साथ गिनती करें। इस एक्टीविटी से बच्चे का ध्यान उस बात से हट जाएगा, जिससे उसे गुस्सा आया था।

गुस्से में डांटें नहीं

बच्चा अगर गुस्से में है तो बदले में आप भी उस पर गुस्सा करने मत लग जाइए। उसे डांटिए मत और हाथ तो भूल कर भी मत उठाइए। ऐसा करने से आप अपने बच्चे का गुस्सा कम करने की जगह और बढ़ा देंगे और साथ ही उसके मन में आपके लिए नफरत भी पनप सकती है। डांट और मार की जगह उसे प्यार से समझाने की कोशिश करें।

गुस्सा कम करने के लिए दें पर्सनल स्पेस

बच्चे को गुस्सा आ रहा है तो उसे कुछ देर अकेला छोड़ दें। अकेला छोड़ने का मतलब ये नहीं कि आप उसे एक कमरे में बंद कर दें। अकेले छोड़ने का मतलब है कि उससे कुछ देर तक कोई बात ना करें। उसे खुद अपने गुस्से को शांत करने का मौका दें। बच्चों का गुस्सा उन्हीं की तरह मासूम होता है। देखिएगा वो कुछ देर में खुद गुस्सा करना छोड़कर फिर से पहले की तरह नॉर्मल हो जाएगा।

बच्चों के सामने गुस्सा करने से बचें

अगर आप चाहते हैं बच्चों का गुस्सा कम करने के उपाय आपके काम आएं तो यह मान लें कि बच्चा जो देखता है वही सीखता है, ये बात बिल्कुल सच है। इसलिए बच्चों के सामने कभी भी गुस्सा न करें। आपको अपनी आपसी लड़ाई-झगड़े को बच्चों के सामने लाने से बचना चाहिए।

मेडिटेशन और योग से गुस्से की आदत में दिखेगा बदलाव

योग और मेडिटेशन करना सिखाकर आप अपने बच्चों में कुछ अच्छी आदतें डाल सकते हैं। मेडिटेशन दिमाग को शांत करने में मदद करता है और गुस्से को कम करता है।

बच्चों का गुस्सा कम करने के उपाय पढ़कर आपको कैसा लगा और क्या ये टिप्स आपके लिए गुस्सा कम करने का मंत्र साबित हुए, हमें कमेंट कर के ज़रूर बताएं। अगर इन तरीकों को अपनाने के बाद भी बच्चा गुस्सा करना बंद नहीं कर रहा। तो आप अपने बच्चे को किसी चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट या थैरेपिस्ट को ज़रूर दिखाएं। ऐसे ही आर्टिकल्स को पढ़ने के लिए सोलवेदा से जुड़े रहें।

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