अल्जाइमर क्या है

अल्जाइमर से जूझ रहे व्यक्ति का कैसे रखें ख्याल?

अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति का ध्यान रखना एक बेहद चुनौती से भरा और मुश्किल काम है। जो भी लोग अल्जाइमर पेशेंट का ध्यान रखते हैं उन्हें अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान भी बहुत अच्छी तरह रखना चाहिए।

मैं जब अपने गांव जाती हूं तो सरोज अंकल से मिलने ज़रूर जाती हूं। घर मेरा थोड़ा दूर होने की वजह से साल में मैं एक बार ही घर जा पाती हूं। सरोज अंकल मुझे हर साल भूल जाते हैं। वे अल्जाइमर के मरीज़ हैं। मगर, मैं हर बार उनके घर जाकर उनसे एक नए सिरे से मिलती हूं। ये करना मैंने खुद से नहीं सीखा बल्कि सरोज अंकल के परिवार वालों ने मुझे ऐसा करना सिखाया। उन्होनें मुझसे कहा कि सरोज अंकल रोज़ उन्हें देखते हैं फिर भी भूल जाते हैं तो मैं तो एक साल में आती हूं, तो उनसे यह कहकर ना मिलूं मैं उनसे पहले भी मिल चुकी हूं। वो फिर सोचने लगते हैं, मुझे याद नहीं कर पाते और बेचैन हो जाते हैं।

मैं हर बार उनसे ऐसे मिलती हूं जैसे पहली बार मिल रही हूं। कुछ देर पास बैठती हूं तो वो धीरे-धीरे वही बातें दोहराते हैं जो उन्हें ठीक तरह से याद रहती हैं, जो असल में सिर्फ उनके बच्चों के नाम और उनके बचपन की कुछ यादें हैं। उनका परिवार उनका बहुत अच्छी तरह से ध्यान रखता है। उन्हें देखकर मैंने काफी कुछ सीखा है। जो मैंने देखा और जो मैंने सीखा, वो आज मैं आपसे बताने वाली हूं।

तो चलिए इस विश्व अल्जाइमर दिवस (World Alzheimer’s Day) पर जानते हैं कि अल्जाइमर से जूझ रहे व्यक्ति का कैसे रखें ख्याल और साथ ही जानेंगे क्या उद्देश्य है अल्जाइमर दिवस (Alzheimer’s Day)मनाने का।

अल्जाइमर क्या है? (Alzheimer kya hai?)

अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है जो डिमेंशिया को जन्म दे सकती है। यह एक खास प्रकार का डिमेंशिया है, जिसमें दिमाग के सेल्स धीरे-धीरे नष्ट होने लगते हैं, जिससे याददाश्त और दिन प्रतिदिन की आदतें प्रभावित होती हैं। यह बीमारी दिमाग के द्वारा किए जाने वाले हर फंक्शन को प्रभावित करती है। इस बीमारी से जूझ रहें व्यक्ति में कुछ लक्षण साफ तौर पर देखे जा सकते हैं जैसे – भूलने की आदत, कुछ याद रख पाने में मुश्किल होना, कोई फैसला लेने में परेशानी होना। वैसे तो यह बीमारी ज़्यादतर 65 वर्ष से ऊपर के लोगों में देखी जाती है, लेकिन कुछ रेयर केस में यह कम उम्र के लोगों में भी नज़र आ सकती है।

अमूमन इस बीमारी के होने का कारण बढ़ती उम्र ही होती है, लेकिन कभी-कभी यह आनुवंशिक या सिर पर गहरी चोट लगने या बुरे जीवनशैली के कारण भी हो सकती है।

विश्व अल्जाइमर दिवस कब मनाया जाता है? (World Alzheimer Divas kab manaya jaata hai?)

हर साल 21 सितंबर के दिन विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है। हालांकि, 2012 से सितंबर के महीने को अल्जाइमर का महीना घोषित किया गया है। इसका मतलब है कि सिर्फ एक दिन ही नहीं बल्कि सितंबर के पूरे महीने को अल्माइजर महीने के रूप में मनाया जाता है।

क्या है अल्जाइमर दिवस मनाने का उद्देश्य? (Kya hai Alzheimer Divas manane ka uddeshya?)

इस दिन को मनाने के कई उद्देश्य हैं, जैसे लोगों के बीच अल्जाइमर की बीमारी को लेकर जागरूकता बढ़ाना, इससे जुड़े रिसर्च और इलाज को बढ़ावा देना, इसके लिए जागरूकता अभियान चलाना, अल्जाइमर रोगी के देखभाल करने वालों को सपोर्ट देना और इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के लिए सहानुभूति और संवेदनशीलता रखना।

कुछ इस तरह रखें अल्जाइमर पीड़ित लोगों का ध्यान (Kuch is tarah rakhein Alzheimer pidit logo ka dhyan)

अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति का ध्यान रखना एक बेहद चुनौती से भरा और मुश्किल काम है। जो भी लोग अल्जाइमर पेशेंट का ध्यान रखते हैं, उन्हें अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान भी बहुत अच्छी तरह रखना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कुछ टिप्स जो अल्जाइमर के रोगी का ध्यान रखने में करेंगे मदद।

फॉलो करें एक सिम्पल रूटीन

अल्जाइमर पीड़ित को छोटे छोटे काम करने या फैसले लेने में दिक्कत होती है। ऐसे में अगर आप उनकी ज़िंदगी आसान बनाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले उनके रूटीन को एकदम सरल रखना पड़ेगा। एक टाइम सुनिश्चित करें, जब आप उन्हें उठाएंगें, तैयार करेंगे या उनसे बैठकर बात करेंगे। जो भी काम करें वो धीरे-धीरे करें, अब चाहे उन्हें कपड़े पहनाना हो या खाना खिलाना। वो हर चीज़ को धीरे समझते हैं तो आपको उनके दिमाग की रफ्तार के साथ ही चलना पड़ेगा।

बातचीत करना सीखें

अल्जाइमर पीड़ित व्यक्ति अक्सर ठीक से शब्दों को समझ नहीं पाते, ना सुन पाते हैं। ऐसे में आपको उनसे किसी बच्चे की तरह बात करनी पड़ेगी यानी धीरे-धीरे और प्यार से। बातों को ज़्यादा घुमाकर फिराकर न बोलें। ठीक-ठीक साफ शब्दों में बात करें। ज़रूरत पड़े तो उन्हें इशारों में भी समझाएं।

सुरक्षा का रखें ध्यान

कई बार अल्जाइमर पेशेंट बाहर भटकने लगते हैं तो कभी बिना सोचे कहीं भी चलने लगते हैं। ऐसे में उन्हें चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। आप उनके कमरे को किसी भी नुकसान पहुंचाने वाली चीज़ों से ना भरें। घर के दरवाज़ों को बंद रखें ताकि वो गलती से कहीं बाहर ना निकल जाएं। अल्जाइमर पीड़ित ठीक से कुछ याद नहीं रख पाते, अगर वो कहीं भटक गए तो किसी को अपना पता भी नहीं बता सकते हैं।

सब्र करना और समझना सीखें

हो सकता है वो आपसे काफी सवाल करें। उनके दिमाग में भ्रम पैदा हो तो वो आपको कोई और समझ लें। लेकिन, आपको यहां सब्र से काम लेना होगा। आपको समझना होगा कि वो बीमार हैं और खुद भी परेशान हैं। उनसे हमेशा प्यार से पेश आएं। कभी भी उनके साथ बुरा बर्ताव ना करें।

रखें उनकी सेहत का ध्यान

ऐसे व्यक्ति की शारीरिक गतिविधि काफी कम हो जाती है। इस स्थिति में उन्हें थोड़ा बहुत एक्सरसाइज कराने की कोशिश करें। कभी कभी उनके साथ टहलने जाएं। उन्हें पौष्टिक भोजन दें और डॉक्टर द्वारा बताई गई हर बात को मानें।

उनका ध्यान रखने के लिए खुद का ध्यान रखें

आज कल लोग एकल परिवार में रहने लगें हैं। कई बार मां-बाप के पास एक ही बच्चा होता है। ऐसे में अपनी ज़िम्मेदारियों को देखते हुए खुद का ध्यान रखना भी बहुत ज़रूरी है। आप स्वस्थ रहेंगे तो अल्जाइमर पीड़ित को भी स्वस्थ रख पाएंगे।

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