बड़ों का आदर करना छोटों का कर्तव्य माना जाता है। वहीं, बड़े-छोटे सबका सम्मान करना भी पर्सनैलिटी डेवलपमेंट का हिस्सा माना जाता है। ऐसे में दूसरों को इज्ज़त देने वालों की सराहना होती है। हालांकि, दूसरों की रेसपेक्ट करने के साथ-साथ खुद की रेसपेक्ट (Self Respect) करना भी उतना ही जरूरी है।
हमें बचपन से ही सिखाया जाता है कि आत्म सम्मान हमारे लिए कितना ज़रूरी है। हमने कई ऐसे किस्से सुने और पढ़ें हैं जिनमें अपने आत्म सम्मान को बचाने के लिए कितने ही राजाओं और संतों ने अपनी जान तक दे दी।
जीवन में कई बार ऐसा समय आता है कि खुद का सम्मान कर पाना मुश्किल हो जाता है। कई बार इसे बचाए रखने के लिए बड़ी कीमतें भी चुकानी पड़ती हैं। जीवन के हर पड़ाव और रिश्ते को संतुलित रखने के लिए सेल्फ रेसपेक्ट को बनाए रखना बहुत ज़रूरी होता है। हालांकि, कई बार लोग इगो (Ego) को आत्म सम्मान समझ लेते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। आत्म सम्मान और इगो अलग-अलग चीजें हैं।
दो तरह के लोग होते हैं, हाई सेल्फ एस्टीम वाले और लो सेल्फ एस्टीम वाले। हाई सेल्फ एस्टीम वाले लोग अपने बारे में काफी ज़्यादा अच्छी राय रखते हैं। वे जिस काम को करते हैं, उसमें उनका आत्म सम्मान झलकता है। वहीं लो सेल्फ एस्टीम वाला इंसान अपने बारे में नेगेटिव ज़्यादा सोचता है। ऐसे लोगों के रिश्तों में तनाव और उदासी दिखती है। लेकिन, कुछ प्रयास करके लो सेल्फ स्टीम वाला व्यक्ति भी अपने आत्म सम्मान को बढ़ा सकता है।
हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि आत्म सम्मान (aatm samman) क्यों ज़रूरी है और आत्म सम्मान कैसे बढ़ाएं।
सेल्फ रेसपेक्ट को बनाए रखने के कुछ आसान टिप्स
खुद के सम्मान को बनाए रखने के लिए अपनी अच्छाइयों और खामियों को समझें। इससे आप अपनी पर्सनैलिटी सुधार पाएंगे और खुद की इज्ज़त भी करने लगेंगे।
अगर आप खुद को नहीं जानेंगे, तो हमेशा खुद की तुलना दूसरों से करेंगे, जो आपके लिए नुकसान का कारण ही बनेगा। अगर आप खुद को दूसरों से न ही कम समझेंगे और न ही ज़्यादा, तो आप दूसरों की इज्ज़त करेंगे और बदले में दूसरे लोग भी आपकी रेसपेक्ट करेंगे।
कई बार ऐसा होता है कि आप गलत फैसला ले लेते हैं। ऐसे में आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस काफी कम हो जाता है। इसका असर यह होता है कि आप अपने सेल्फ रेसपेक्ट को भी नज़रअंदाज़ करने लग जाते हैं। इसलिए गलती होने पर खुद को सज़ा देने से बेहतर है कि गलती से सीखा जाए और उसे दोहराने की भूल न की जाए। इससे आपको जीवन में आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेगी।
वहीं, सेल्फ रेसपेक्ट को बनाए रखने के लिए खुद को पूरी तरह एक्सेप्ट करें। इससे आप अपने जीवन में अलग-अलग कारणों से होने वाले प्रेशर को कम होता पाएंगे, साथ ही लाइफ को खुशी-खुशी जी भी सकेंगे।
इसके अलावा अपने डिसीजन पर यकीन रखें, क्योंकि कोई भी फैसला करते वक्त अगर आप खुद पर ही डाउट करेंगे, तो डिसीजन के गलत होने का डर बना रहेगा। ऐसे में आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस लो होगा।
ज़िंदगी में सेल्फ रेसपेक्ट का होना क्यों ज़रूरी है?
आत्म सम्मान हमें समाज में सिर उठा कर जीने का मौका देता है। जब हम खुद की इज्ज़त नहीं करेंगे, तो कोई दूसरा भी हमारी इज्ज़त कैसे करेगा। इसलिए हमेशा वास्तविक रूप से सोचना चाहिए।
इसके साथ ही टारगेट अचीव करने के लिए हर दिन छोटे-छोटे ही सही, लेकिन नए कदम उठाने चाहिए। इससे आप सभी काम को समय पर पूरा कर लेंगे और खुद के प्रति आपका सेल्फ रेसपेक्ट भी बना रहेगा।
आप जब शर्मीले या शांत दिखते हैं, तो आपके सामने वाले को लगता है कि आपका कॉन्फिडेंस लो है। जिससे सामने वाला आपको कमतर आंकता है। इससे कहीं-न-कहीं आपके आत्म सम्मान को ठेस लगती है।
आत्म सम्मान बढ़ाने के लिए इन बातों पर भी दें ध्यान
सेल्फ रेसपेक्ट बढ़ाने के लिए अपने साथ अच्छा व्यवहार करें।
समय पर काम को पूरा करें। इससे आपके अंदर कॉन्फिडेंस बढ़ेगा, जिससे आपके मन में खुद के लिए इज्ज़त बढ़ेगी।
अपनी चीजों और काम की सराहाना करें। इससे अपने आप को दूसरों से कम नहीं समझेंगे और आपका सेल्फ रेसपेक्ट बना रहेगा।
खुद के फैसले खुद लें। जब आप अपने जीवन के निर्णय खुद लेते हैं और उनमें सफल रहते हैं, तो आप खुद की इज्ज़त पहले से अधिक कर पाते हैं।
स्वीकार करें कि आप भी इंसान हैं, आपसे भी गलतियां हो सकती हैं और आप उन्हें ठीक भी कर सकते हैं। खुद के प्रति सकारात्मक सोच रखकर आप अपना आत्म सम्मान बढ़ा सकते हैं।
आज आपने जाना आत्म सम्मान बढ़ाने के बारे में। ऐसे ही आर्टिकल पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी पर।