बचपन की यादें

ऐसी 10 किताबें, जो आपके बचपन की यादें ताज़ा कर देती हैं

हम लोग फिर से अपने बचपन की कुछ ऐसी संक्षिप्त कहानियां और मिस्ट्री थ्रिलर से भरपूर किस्से को पढ़ना चाहते हैं, जिन्हें पहले कभी पढ़ा या सुना करते थे।

कभी-कभी बचपन में पढ़ी पसंदीदा किताब को देखने के बाद हमारी पुरानी यादें फिर से ताजा हो जाती हैं। मन में एक ऐसा भाव पैदा हो जाता है, जो उस किताब के साथ बिताए पल को एक नए ढंग से परिभाषित करती है। हम अपनी बच्चों की यादों के प्रति काफी नॉस्टैलजिक हो जाते हैं। बस किताब की कवर पर नजर पड़ना ही काफी है कि हम अपने आपको अतीत की यादों में जाने से नहीं रोक सकते हैं।

हालांकि, प्रत्येक इंसान का अपने बचपन की याद को करने का तरीका अलग-अलग होता है। लंबे समय से हमारे जेहन के गायब किताब के पन्नों को पलटने और उसके बाद एक सुखद यादों में खो जाने की चाह वास्तव में काफी सुकूनपूर्ण अनुभूति का अहसास कराता है।

ऐसे में हम लोग फिर से अपने बचपन की कुछ ऐसी संक्षिप्त कहानियां और मिस्ट्री थ्रिलर से भरपूर किस्से को पढ़ना चाहते हैं, जिन्हें कभी पढ़ा या सुना करते थे।

आइए चलते हैं अपनी यादों की एक सुखद यात्रा पर। क्या आप चलना चाहेंगे?

मालगुडी डेज, आरके नारायण (Malgudi Days, RK Narayan)

हैरी पॉटर और द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स के पहले ही मालगुडी डेज़ के जरिए आरके नारायण अपनी लेखनी के दम पर जादुई दुनिया की कहानियों का ताना-बाना बुन चुके थे। भारत के जान-माने लेखक आरके नारायण की किताब मालगुडी डेज़ छोटी-छोटी कहानियों का एक कथा संग्रह है। मालगुडी डेज़ की कहानी कनार्टक के एक गांव में रहने वाले स्वामी नाम के एक छोटे लड़के के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती है। इससे बचपन की यादें (Childhood memories) ताजी हो जाती हैं। इंसानी जीवन की गहराइयों को समझते हुए आरके नारायण ने अपने अतीत के पात्रों के जरिए बड़े ही आकर्षक व हास्य अंदाज में मानवीय संवदेनाओं का सजीव चित्रण किया है। इस किताब में हम एक फर्जी ज्योतिषी, एक गार्डेनर, एक गेटमैन, एक पोस्टमैन, एक डॉक्टर और एक छोटे व्यवसायी की कहानी पढ़ सकते हैं। साथ ही इन सभी व्यक्तियों के स्वभाव को लेखक ने बखूबी दर्शाया भी है। आरके नारायण की कहानियों में एक गजब का व्यंग्य और उसके कथानक में जबरदस्त ट्विस्ट देखने को मिलता है। इन्हें पढ़ने के बाद आपको कहानी खुद से जुड़ा हुआ महसूस होगा। उनकी कहानियां ऐसी लगती हैं, जैसे आपके साथ भी कुछ इसी तरह घटित हुआ हो। ये कहानियां आपके बचपन की यादों में ऐसे रच-बस जाती हैं कि उन्हें भूल पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

हैरी पॉटर की सीरीज, जेके राउलिंग (Harry Potter ki series, JK Rowling)

भले ही आपके भीतर पॉटर की दिवानगी हो या न हो, लेकिन जेके राउलिंग के उपन्यास ‘हैरी पॉटर की सीरीज से हर कोई अच्छी तरह वाकिफ है। यह बच्चों के साहित्य में अब तक की सबसे एडवेंचर्स सीरीज में से एक है, जिसे पढ़कर बचपन की यादें ताजी हो जाती हैं। हैरी पॉटर की कहानी एक हैरी नामक युवा जादूगर के जीवन से जुड़ी है। वह अज्ञात शक्तियों और लॉर्ड वोल्डेमॉर्ट के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ता है। जब उसकी उम्र 10 साल हो जाती है, तो अपने जन्मदिन पर हैरी को मालूम पड़ता है कि उसके भीतर जादुई शक्तियां मौजूद है और वह हॉगवर्ट्स स्कूल ऑफ विचक्राफ्ट एंड विजार्ड्री में एडमिशन ले लेता है। वहां उसकी मुलाकात रॉन वीसली और हर्मियोन ग्रेंजर जैसे दोस्तों से होती है। इसके बाद उन लोगों के एडवेंचर्स कारनामे शुरू हो जाते हैं। यह सीरीज आपको हैरी की इमोशनल और मैजिकल जर्नी की सैर कराती है। एक जादूगर के रूप में किन परेशानियों से जूझना पड़ता है, इसमें इन सारी चीजों को बखूबी बताया गया है। जादू से जुड़ी महानता, उनकी परेशानियों और दोस्ती के शानदार किस्से ऐसी दूसरी दुनिया को जन्म देते हैं, चाहे बच्चे हों या बुजुर्ग सभी वर्ग के लोग इससे प्रभावित हुए बिना रह पाएंगे। इससे बचपन की यादें ताजी हो जाती हैं।

नैन्सी ड्रू सीरीज, कैरोलिन कीने (The Nancy Drew Series, Carolyn Keene)

नैन्सी ड्रू सीरीज संभवत: हम में से अधिकतर लोगों के लिए अपनी पंसदीदा बुक कलेक्शन में से एक रही है। नैन्सी ड्रू सीरीज़ की कहानी जाने-माने युवा डिटेक्टिव नैन्सी और अलग-अलग केसों को सुलझाने के दौरान उसके थ्रिलिंग एडवेंचर्स एक्टिविटी पर आधारित है। अदम्य साहस और इंटेलिजेंस की बदौलत नैन्सी का व्यक्तित्व आज महिला सशक्तीकरण के लिए एक शानदार मिसाल के रूप में देखा जा रहा है। जब आप कैरोलिन कीने की कहानियों को पढ़ेंगे, तो आपको ये किस्से काफी हैरान करेंगे। साथ ही आपको मोटिवेट करने के साथ-साथ आपको अपनी क्षमताओं से रूबरू कराएंगे। इसके अलावा आपको बचपन की यादें दिलवाएंगे। नैन्सी ड्रू ने छोटे बच्चों के भीतर किसी मिस्ट्री को समझने और उसे हल करने के लिए एक दिशा दी है। बचपन के ये कारनामे हमारे मन-मस्तिष्क पर इस कदर हावी हो जाते हैं कि उन्हें कभी भूला नहीं जा सकता और इस तरह बचपन की यादें ताजी हो जाती हैं। आज भी यह हकीकत है कि महिलाएं अपनी सोच के आधार पर गलतियों को सुधारने और किसी भी सूरत में सच्चाई की तलाश में यकीन रखती हैं।

फेमस फाइव सीरीज, एनिड बेलीटन (The Famous Five Series, Enid Blyton)

एनिड बेलीटन की फेमस फाइव सीरीज की कहानी चार नन्हें बच्चों के ग्रुप और उनके डॉग टिम्मी के जीवन से संबंधित हैं। जो हमें बचपन की यादें दिलाते हैं। जूलियन किरिन और उनके भाई डिक, बहन ऐनी, चचेरे भाई जॉर्ज (जॉर्जिना) और उनका डॉग टिम्मी समर वेकेशन के समय खूब मस्ती करते हैं। इन किरदारों के जीवन से जुड़े अनछुए पहलुओं के माध्यम से बेलीटन ने हमारे बचपन की भूली-बिखरी यादों को ताजा करने की कोशिश की है। जूलियन और उसकी टीम बिना कुछ सोचे-समझे ऐसे-ऐसे रोमांचकारी काम करती है, जिसे हम कभी करने की मन में ख्याल भी नहीं ला सकते थे। वे सभी बाहर कैंप लगाकर पिकनिक मनाते थे। उनके हर काम में एक एडवेंचर देखने को मिलता था। द फेमस फाइव हमें अपनी दुनिया से हटकर एक नए संसार की यात्रा कराती है। साथ ही हमें तीव्र गति से बदल रहे समाज से बांधे रखने और एडवेंचर्स कहानियों से अच्छी तरह अवगत कराती है। उसके बगैर वास्तव में हम लोगों की बचपन की यादें बिल्कुल ही अपर्याप्त है।

चार्लोट्स वेब, ईबी व्हाइट (Charlotte’s Web, EB White)

बी व्हाइट की चार्लोट्स वेब बाल साहित्य की सबसे अनोखी सामग्री में से एक है। दोस्ती और प्रेम पर आधारित इसकी कहानियां चाहे वह बच्चा हो या बुजुर्ग, सभी आयु वर्ग के लोग पढ़ना पसंद करते हैं। क्योंकि, प्रेम, दोस्ती और करुणा जैसे विषय सर्वव्यापी और अनंत हैं। चार्लोट्स वेब की कहानी विल्बर नामक सुअर और चार्लोट नामक एक चालाक मकड़ी पर आधारित है। पाठकों को झकझोर देने वाली उनकी कहानी को कभी कोई भूल नहीं सकता है और यह एक शानदार रचना है। यह पुस्तक हमें बचपन की यादें दिलाती है। अगर यह दुनिया एक समय जालिम हो सकती है, तो कुछ समय बाद काफी खूबसूरत और अत्यंत स्नेह वाली जगह भी बन सकती है। भले ही इसकी कहानी सच्चाई पर आधारित नहीं है, लेकिन ज़िंदगी की सच्चाई भी बयां करती है। यही कारण है कि हमारे मन-मस्तिष्क और हमारी बचपन की यादें का अहसास दिलाती है। जब भी आप इस किताब को पढ़ते हैं, तब आपके मन में चार्लोट के लिए प्यार और आंसू न निकले, यह संभव नहीं है। उनकी दोस्ती और आपसी प्रेम से आप खुश हुए बिना नहीं रह सकते। साथ ही जिंदगी के गूढ़ पहेलियां भी आपको काफी हैरान कर सकती है।

चार्ली एंड चॉकलेट फैक्ट्री, रोनाल्ड डाहल (Charlie and the Chocolate Factory, Roald Dahl)

लेखक रोनाल्ड डाहल अपने मनोहर संसार, मनोरंजक सृजन, हास्य-विनोद और हाजिर जवाबी की बदौलत बचपन से ही हमारी यादों में रच-बस गए हैं। चार्ली एंड द चॉकलेट फैक्ट्री कहानी एक लावारिश बच्चे की जीवन से संबंधित है। उसे विली वोंका की दिलकश चॉकलेट फैक्ट्री की सैर करने का मौका मिलता है। ओम्पा-लूमपास और मनमोहक चॉकलेट फैक्ट्री के बगैर हमलोगों की बचपन की यादें अपर्याप्त हैं। चार्ली एंड द चॉकलेट फैक्ट्री ने हमें सबसे नापसंद किरदारों से भी प्रेम करना सिखाया है। साथ ही यह भरोसा भी जगाया है कि कोरी कल्पना भी अक्सर शानदार हो सकती है। सबसे अहम चीज है कि हम लोगों के योद्धा चार्ली बकेट ने हमें जिंदगी में साहसी, ईमानदार और किसी के प्रति दया भाव रखने की बेहतरीन सीख दी है। यह अनमोल धरोहर हमें उन सबक की जानकारी देती है, जो आज के समय में भी हकीकत है। भले ही टेलीविजन का हमारे मन-मस्तिष्क पर पड़ने वाले कुप्रभाव हो या खुदगर्जी, तृष्णा और धन दिखाने का आडंबर ही क्यों न हो। इसे पढ़ने के बाद हमारी बचपन की यादें ताजी हो जाती हैं।

लिटिल वीमेन, लुईसा में अल्कॉट (Alcott in Little Women, Louisa)

लुईसा में अल्कॉट की लिटिल वीमेन हमलोगों के बचपन की सबसे प्यारी पुस्तकों में से एक है। इसे पढ़कर बचपन की यादें ताजी हो जाती हैं। यह फोर मार्च सिस्टर मेग, जो, बेथ और एमी की बचपन से लेकर युवा अवस्था तक पहुंचने की शानदार सफर की कहानी है। लिटिल वीमेन का कथानक प्रेम, बहनों के बीच आपसी संबंध और अनंत काल चलने वाले मुद्दे पर आधारित है। यह उपन्यास करीब 150 साल पहले का है। इसके बावजूद आज भी हम लोग फोर मार्च सिस्टर को बखूबी प्रेम करते हैं। यह सच है कि इसकी कहानी पुराने दौर की है, लेकिन आज भी इसके हर किरदार हम सभी के व्यक्तिगत जीवन से जुड़े हुए लग सकते हैं। अल्कॉट ने अपनी इस रचना के जरिए यह बताने की कोशिश की है कि महिलाएं किसी पुरुष से कम नहीं हैं। वो भी उनकी तरह कामयाब हो सकती हैं। इसके लिए उन्हें कहीं प्रेम तलाशने की आवश्यकता नहीं है। अगर आप चाहती है कि कुछ कर गुजरने का जज्बा आपके अंदर बना रहे, तो आप इस पुस्तक को जरूर पढ़ें। भले ही हालात खराब हों, लेकिन अपना जोश और जुनून बनाए रखना चाहिए। बचपन की यादें को फिर से ताजा करने के लिए इसे जरूर पढ़ना चाहिए।

जंगल बुक, रुडयार्ड किपलिंग (The Jungle Book, Rudyard Kipling)

रुडयार्ड किपलिंग की द जंगल बुक पढ़ने के बाद आप बचपन की यादें को याद किए बगैर नहीं रह सकते हैं। आप भी मोगली, भेड़िये के बच्चे और बघीरा के साथ जंगल में दौड़ते नजर आएंगे। 90 के दशक के समय के बच्चों की मन-मस्तिष्क और कल्पनाओं पर द जंगल बुक के किरदार मोगली, बलू, अकेला, बघीरा और शेर खान ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। द जंगल बुक में इंसानों का एक बच्चा मोगली भटककर जंगल में चला जाता है। जंगल में एक बदमाश बाघ उसे खाने की कोशिश करता है। इसी बीच एक भेड़िया उसे बचा लेता है और भेड़ियों का झुंड मोगली को अपने साथ रखता है। जानवर और इंसान की दोस्ती की यह कहानी सभी को काफी आकर्षित करती है। जैसे-जैसे मोगली बड़ा होता है, हम पाठकों का जोश भी मोगली की चहलकदमी के साथ बढ़ता जाता है। किपलिंग ने इस अपनी लेखनी के जरिए जंगल की दुनिया और उसमें रहने वाले जीव-जंतुओं के दर्द को बड़े ही बेहतर ढंग से दर्शाने की कोशिश की है। बचपन में पढ़ी गई यह किताब आज भी लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है और बचपन की यादों में ले जाती है।

विनी पूह, एए मिल्ने  (Winnie the Pooh, AA Milne)

अगर आपने बचपन से लेकर अब तक एए मिल्ने की पुस्तक ‘विनी द पूह’ नहीं पढ़ी है, तो इस शानदार रचना को एक बार जरूर पढ़ें। यह किताब हमें बचपन की यादें दिला देती है। विनी द पूह में एए मिल्ने ने पूह (भालू) और उसके मित्र सूअर का बच्चा (पिगलेट), उल्लू (आउल), टाइगर और गदहा (ईयोर ) जैसे किरदारों को इजाद कर यादगार बना दिया है। इसकी कहानी पूह और उसके साथियों की शरारत से संबंधित है। एए मिल्ने ने अपनी लेखनी और कल्पनाशक्ति की बदौलत ऐसा शानदार रेखाचित्र खींचा है कि कोई भी मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह सकता। जब कभी क्रिस्टोफर रॉबिन और पूह एक साथ होते हैं, तो वे हमेशा एडवेंचर्स काम करते रहते हैं। लेकिन, यह कहानी क्रिस्टोफर रॉबिन और पूह के अलावा सैकड़ों एकड़ में फैले जंगल के बीच रहने वाले दूसरे किरदारों के बिना अधूरी है। विनी द पूह की कहानी आज भी हमें अपने बचपन की यादें दिला देती हैं। जब हम लोग छोटे बच्चे थे और पेड़ की टहनियों पर खेलते थे। नदी में तैरना और अपने दोस्तों के साथ खूब बातें करना, इन यादों को ताजा कर देती है।

मटिल्डा, रोनाल्ड डाहल (Matilda, Roald Dahl)

जब हम लोग बच्चे थे, तब रोनाल्ड डाहल के नोवेल की हीरोइन मटिल्डा से काफी प्यार करते थे। वहीं, मटिल्डा पढ़ने की शौकिन थी। रोनाल्ड डाहल की किताब ‘मटिल्डा’ की कहानी मटिल्डा नामक युवती और उसके परिजन से संबंधित है। मटिल्डा के माता-पिता अच्छे स्वभाव के नहीं थे। वे नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी पढ़े। वे अपनी बेटी का कद्र भी नहीं करते थे। जबकि, वह बहुत ही समझदार थी। इससे परेशान होकर मटिल्डा अपने स्कूल की टीचर के साथ रहती थी। शिक्षक मटिल्डा को अपने घर में रखी थी और उसे बहुत प्यार भी करती थी।

मटिल्डा अपने शिक्षक और उसे जलने वाले क्लासमेट को कैसे सबक सिखाती थी, उसकी टेलीपैथिक शक्तियों को देखकर नि:संदेह हमें भी ईर्ष्या जरूर हो सकती है। इस पुस्तक से हमें एक सबक मिलती है कि किताब सबसे अच्छा दोस्त होता है। यदि किसी के पास किताबों का संग्रह है, तो उसे कभी भी अकेलापन महसूस नहीं होगा। मटिल्डा की कहानी बचपन की यादें दिलाने के लिए काफी है। मटिल्डा की जीवनगाथा हमें सच्चाई के साथ खड़े रहने की सीख देती है। यह विपरीत हालातों पर विजय पाने की प्रेरणा देती है। अगर आप बचपन की यादों में खोना चाहते हैं, तो यह किताब ज़रूर पढ़ें।

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