सुबह के 3 बज रहे थे। बाइक की आवाज़ ने जॉन को गहरी नींद से जगने के लिए मज़बूर कर दिया। नींद की नशे में मतवाली आंखों के साथ वह बिस्तर से उठा और पहिया लगे लोहे के गेट को खोला। इसके बाद गोल्फ ग्रीन हाइट्स का नियॉन बोर्ड पर चमक उठा।
जॉन अपनी सुरक्षा गार्ड वाली भूमिका में आ गया, जैसे कोई आर्मी का जनरल बड़े ही फक्र के साथ अपनी सेना की रखवाली करता हो। वर्दी पहनने के दौरान ऐसी कोई भी चीज़ नहीं थी जो उसके दैनिक उत्साह (Daily excitement) को कम कर सके। यहां तक कि वहां रहने वाले लोगों की उदासीनता और तिरस्कार भी नौकरी के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को कमज़ोर नहीं कर सकी।
जॉन हर शाम वहां रहने वाले लोगों के आने वाले फूड पैकेट की डिलीवरी के बारे में रजिस्टर पर साइन करता। जब भी शहर के सबसे अच्छे रेस्तरां की स्वादिष्ट सुगंध उसके काउंटर तक पहुंचती तो उसकी भूख और बढ़ जाती। उस वक्त रोटी या उबले चावल भी उसे भूख से राहत नहीं दिला पाते थे। वह उन स्वादिष्ट खानों के लिए काफी तरसता था। काश कहीं से मिल जाते। लेकिन, उसकी किस्मत में ऐसे लजीज़ और खुशबूदार भोजन के पैकेट कहां नसीब थे। वह हर बार खुद को सांत्वना देकर शांत हो जाता।
उस रात जब जॉन फूड पैकेज लेने गया, तो उसने देखा कि यह कहीं अधिक भारी था। उसने अपार्टमेंट का नंबर देखा और वहां रहने वाले व्यक्ति को फोन किया, “सर, गेट पर आपके लिए रात का खाना आया है।”
उधर से करीब 30 साल के एक व्यक्ति ने शालीनता भरी आवाज़ में जवाब दिया,”मुझे बताने के लिए शुक्रिया जॉन”। “यह रात का खाना आपके लिए है। मुझे नहीं पता था कि आपको क्या पसंद है, इसलिए मैंने अपने सभी पसंदीदा खाने ऑर्डर कर दिए“।
भावुकता से जॉन का गला भरा आया। “मुझे नहीं पता कि इसके लिए आपको क्या कहूं। मेरे बारे में इतना सोचने की लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।”
वह युवक मुस्कुराते हुए बोला, “स्वादिष्ट व गर्म भोजन पर सभी का हक है और हम सभी इसके बारे में सोचते हैं”। इस अपार्टमेंट को सुरक्षित रखने के लिए रात-रात भर जगने के लिए धन्यवाद जॉन। इसके लिए मेरी ओर से आपको एक छोटी-सी भेंट थी। आप अब खाने का लुत्फ उठाइए।