बाघों के बीच एक भालू

एक दिन मंगल अपने घर पहुंचा, तो उसकी आंखों के आसपास चोट के काले निशान दिख रहे थे। उस वक्त घर पर उसके माता-पिता नहीं थे। सिर्फ उसका बड़ा भाई पृथ्वी ही मौजूद था। उसने अपने छोटे भाई मंगल से इसकी वजह पूछी, तो उसने कोई जवाब देना मुनासिब नहीं समझा।

पृथ्वी की उम्र लगभग 28 साल होगी। वह स्वभाव से बहुत ही निडर और आत्मविश्वासी (Confident) था। बड़े होने के बाद से उसे दबंग लड़कों की धमकियों, बॉडी शेमिंग और गाली-गलौज का काफी सामना करना पड़ता था। हॉस्टल में रहने के दौरान उसे अपनी लड़ाई खुद ही लड़नी पड़ती थी।

वहीं, दूसरी ओर मंगल स्वभाव का बहुत ही संवदेनशील और कम बोलने वाला था। वह चश्मा पहनता था। उसकी चाल भी काफी सहमी-सहमी सी थी। दबंग लड़कों के खौफ के कारण वह काफी नर्वस महसूस करता था। कॉलेज में फ्रेशर होने के बावजूद उसे इसका कोई फायदा नहीं मिला। वह भी अपने बड़े भाई की तरह निडर और साहसी बनना चाहता था।

एक दिन मंगल अपने घर पहुंचा। उसकी आंखों के आसपास चोट के काले निशान दिख रहे थे। उस वक्त घर पर उसके माता-पिता नहीं थे। सिर्फ उसका बड़ा भाई पृथ्वी मौजूद था। उसने अपने छोटे भाई मंगल से इसकी वजह पूछी, तो उसने कोई जवाब देना मुनासिब नहीं समझा।

पृथ्वी ने मंगल से कहा “तुम उन बदमाश लड़कों से क्यों डरते हो? “वे सब के सब कायर हैं और कमजोर बच्चों को ही परेशान करते हैं। तुम्हें उन कायरों से हिम्मत के साथ मुकाबला करना पड़ेगा।”

“वे सारे मुझे बहुत ही नफरत और घृणा की नज़र से देखते हैं। वे सभी एक ही जैसे हैं और मुझे नहीं पता इन बदमाश लड़कों से कैसे लड़ूं”, मंगल ने उदासी भरी आवाज़ में जवाब दिया।

“जिस दिन इन चीज़ों की परवाह करना का छोड़ दोगे कि लोग तुम्हारे बारे में लोग क्या सोचेंगे और अपने मज़बूत पक्ष पर ध्यान देना शुरू कर दोगे, तो उस दिन से तुम्हें कोई परेशान नहीं कर पाएगा,” पृथ्वी ने अपने छोटे भाई से कहा। “आज से ही ऐसा करना शुरू कर दो।” पृथ्वी ने अपने भाई की आंखों के आसपास लगे चोट पर बर्फ की सेंकाई करने और नहा-धोकर जिम में आने को बोला। कहा- वह जिम में ही उसे मिलेगा।

अब जिम जाना पड़ेगा? मंगल ने मन-ही-मन सोचा। दरअसल, वह इन चीज़ों को बेकार समझता था। क्या.. अब मुझे वह एब्स और बाइसेप्स बनाने की ट्रेनिंग देगा, यह सोच-सोचकर मंगल आश्चर्यचकित हो रहा था। वह उस दिन जिम नहीं गया। हालांकि, अगले दिन रात में जब वह जिम गया, तो दिखा कि वहां करीब 20 से 30 लड़के मौजूद थे। उनमें से कई लड़के दिखने में बदमाश, उनकी कद-काठी लंबे-चौड़े, कंधे फैले हुए, चेहरे पर तेवर और उनके मुंह अजीब से लग रहे थे।

पहलवान जैसे दिखने वाले इन लड़कों के बीच एक भारी वजन का व्यक्ति अकेले ही वेट लिफ्टिंग कर रहा था। हर बार जब वह अपनी बाजूओं को ऊपर उठाता, तो उसके हाथ के साथ उसकी टी-शर्ट भी ऊपर उठ जाती। इससे वहां मौजूद लोगों को उसका बड़ा-सा पेट साफ दिख रहा था। उसकी जगह पर अगर कोई दूसरा व्यक्ति होता, तो उसे काफी असहज लग सकता था। यह सोचकर कि कहीं कोई उसका मजाक न उड़ा दे।

लेकिन, उस व्यक्ति को इन चीज़ों से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। लोग उसका मज़ाक उड़ाएंगे, इन बातों को बगैर सोचे वह वर्कआउट करने में मशगुल था। उसका ध्यान पूरी तरह अपने काम पर था। वह बाघों के जंगल में एक भालू की तरह निडर था। बिल्कुल बाघों की तरह खूंखार। “वास्तव में तुममें दम है,” मंगल ने अपने भाई को हैरानी भरी नज़रों से देखते हुए बुदबुदाया।

पृथ्वी की बॉडी पर सिक्स-पैक एब्स या उभरे हुए बाइसेप्स तो नहीं थे, लेकिन उसका आत्मविश्वास काफी मज़बूत और तेज़ था। यही वह अपने छोटे भाई को दिखाना भी चाहता था।

मंगल को भी अब समझ में आ गया। थोड़ी देर तक भाई को देखने के बाद मंगल मुड़ा और वहां से चल दिया। इस बार वह छोटे-छोटे कदम रखने की बजाय लंबी-लंबी छलांग लगा रहा था। उसके चेहरे पर भय की जगह एक आत्मविश्वास से भरी मुस्कान झलक रही थी।