दिन में बहुत बार आईने के सामने खड़े होकर खुद को देखने की आदत में अब थोड़ा-सा बदलाव लाने का वक्त आ गया है। जी हां! अब खुद में कुछ बदलाव करने का वक्त है। आईने में खुद की खूबसूरती या कमियां निहारने का नहीं, बल्कि अब खुद की कमियां सुधारने का वक्त है।
मेरी ये बातें सुनकर आपको ज़रूर बहुत अजीब लग रहा होगा पर मैं जो भी कह रही हूं, वो सच है। यह सच में खुद को बदलने का वक्त है। आईने और आईने में खड़े शख्स को अब खुद से मिलवाने का वक्त आ गया है। क्या आपको पता है, आपके घर या दफ्तर में लगा वो साधारण सा आईना जिसमें आप हर रोज़ खुद को निहारते हैं, उस आईने के पास छिपा है, आपकी ज़िंदगी बदलने का खज़ाना? यह उसी खज़ाने को खोजने का वक्त है, क्योंकि यह राष्ट्रीय दर्पण की प्रशंसा दिवस मनाने का वक्त है। राष्ट्रीय दर्पण की प्रशंसा दिवस? ऐसा भी कोई दिवस होता है भला? तो इस बात का जबाव है, हां! ऐसा दिन भी मनाया जाता है, जो हमें हमारे आईने की तारीफ करने को कहता है। तो चलिए मैं आपको बताती हूं राष्ट्रीय दर्पण की प्रशंसा दिवस या (National Compliment Your Mirror Day) क्या है? और आपका आईना कैसे बदल सकता है आपकी ज़िंदगी?
राष्ट्रीय दर्पण की प्रशंसा दिवस कैसा दिन है? (Rashtriya Darpan ki Prashansa Divas kaisa din hai?)
हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि खुद से प्यार करना बहुत ज़रूरी है। पर बड़े होते-होते हम खुद में ही कहीं खो से जाते हैं। हम अपने आईने में खड़े होकर या तो खुद की कमियां गिन रहे होते हैं या आईने में दिख रही अपनी बाहरी सुंदरता को निहार रहे होते हैं। हमें अगर खुद से मिलना है तो हमें सबसे पहले अपने आईने से मिलना होगा। खुद से प्यार करने का और खुद का सम्मान करने का सबसे पहला तरीका यही है कि हम आईने में खड़े उस शख्स को अपना लें और उसकी तारीफ करें।
राष्ट्रीय दर्पण की प्रशंसा दिवस हमें खुद का सम्मान और खद से प्यार करने के लिए प्रेरित करता है। ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए भी हमें खुद को अपनाना पड़ता है और खुद को अपनाने की शुरुआत, आईने में खड़े खुद जैसे दिखने वाले प्रतिबिम्ब को अपनाकर होती है। आपने सैल्फ मैनिफैस्टेशन (Self manifestation) के बारे में तो सुना ही होगा? राष्ट्रीय दर्पण की प्रशंसा दिवस भी कुछ-कुछ सैल्फ मैनिफैस्टेशन जैसा ही है। खुद को आगे सफलता की ओर बढ़ाने के लिए हमें शीशे में खुद से बात करनी होती है और खुद को खुद के बारे में अच्छा-अच्छा बताना होता है, ताकि वे बातें हमारे अंदर बैठ जाएं और हम वो बन जाएं, जो हम हमेशा से बनना चाहते हैं।
दर्पण की प्रशंसा दिवस का इतिहास (Darpan ki Prashansa Divas ka itihaas)
आईने से बात करके, खुद को सफलता की तरफ ले जाने की बात 18वीं सदी में डेविड ह्यूम ने अपने लेखन लिखी थी। उन्होंने सुझाव दिया कि खुद को महत्व देना और अपने बारे में अच्छा-अच्छा सोचना बहुत ज़रूरी है क्योंकि हम खुद के बारे में जैसा सोचते हैं, हमारा व्यक्तित्व भी वैसा बनता जाता है।
फिर 1970 के दशक में, नई पीढ़ी को खुद के आत्मसम्मान और खुद के महत्व को समझाने के लिए यह विचार सामने आया कि खुद की ज़िंदगी को बदलने के लिए “सकारात्मक कैसे सोचें?” इसके लिए सुझाव दिया गया कि हमें अपनी खूबियों पर ध्यान देना होगा और आईने के सामने खड़े होकर खुद को खुद के बारे में अच्छी बातें बतानी होगीं। इसी तरह राष्ट्रीय दर्पण की प्रशंसा दिवस मनाया जाने लगा।
आपने आज आईने की तारीफ की? (Aapne aaj aaine ki tareef ki?)
कहते हैं, खुद की ज़िंदगी बदलने की शुरुआत हमें खुद से ही करनी पड़ती है। यह पूरी तरह से हमारे हाथ में होता है कि हम खुद को कमियों से भरी और उदास ज़िंदगी देना चाहते हैं या खुशियों (Happiness) से भरी खुशनुमा ज़िंदगी देना चाहते हैं।
अगर आप भी अपने जीवन को बदलना चाहते हैं तो आज से ही अपने आईने की तारीफ करना शुरू कर दीजिए। रोज़ अपने आईने से खुद के बारे में सकारात्मक बातें करने से हमारा सारा जीवन सकारात्मकता की ओर चलने लगता है। अगर आपको मेरी बातों पर यकीन नहीं तो खुद अपना कर देख लीजिए। रोज़ सुबह कुछ देर आईने से अपने बारे में अच्छी बातें करना शुरू कीजिए और फिर अपनी ज़िंदगी में आए, उन सकारात्मक बदलावों का मज़ा लीजिए।
हर दिन आइने से करें 10 पॉजिटिव बातें (Har din aaine se karein 10 positive baatein)
मैंने इस पूरे आर्टिकल में आपको ये तो बता दिया कि आपको आईने से खुद के बारे में अच्छी बातें करनी हैं और आईने की तारीफ करनी है, पर यह अभी तक नहीं बताया कि वो कौन सी बातें हैं जिन्हें हमें आईने से करना चाहिए। तो फिक्र मत कीजिए मैं अभी आपको बता देती हूं कि आईने से यह 10 बातें करके आप अपना सेल्फ कॉन्फिडेंस तो बढ़ा ही सकते हैं, साथ ही अपनी ज़िंदगी को सफलता के मुकाम तक पहुंचा सकते हैं।
हर दिन करें आईने से ये 10 सकारात्मक बातें:
मैं बहुत अच्छा लग रहा हूं या मैं बहुत अच्छी लग रही हूं।
मैं जो भी हूं, खुद के लिए बढ़िया हूं।
मैंने हर परिस्थिति को अकेले संभाला है, मुझमें हर हालात का सामना करने की शक्ति है।
मैं कभी हार नहीं मानूंगी/मानूंगा।
मैं खुद से प्यार करता हूं/ करती हूं।
मेरी मुस्कान बहुत प्यारी है।
मुझे हंसते रहना पसंद है।
मुझे लोगों से प्यार से बात करना आता है।
मैं एक बेहतर इंसान हूं।
मुझे अपनी ज़िंदगी को बदलना आता है।
इस 10 बातों के अलावा भी अगर आपके कुछ सपने हैं, कुछ गोल्स हैं तो उससे जुड़ी अच्छी बातें आईने से करें। ऐसे ही कुछ आत्मविश्वास से भरी बातें न केवल आपकी ज़िंदगी को सकारात्मकता से भर देंगी बल्कि आपको कामयाबी की ओर भी ले जाएंगी। आईने के सामने खुद से सकारात्मक बातें करके आप अपनी बाहरी और आंतरिक सुंदरता को संवार सकते हैं। तो फिर देर किस बात की? आप भी आज से ही अपने आईने की तारीफ यानी खुद की तारीफ करना शुरू कर दीजिए।
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