राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस: काम में उत्पादकता कितनी है ज़रूरी?

हमारी बेहतर उत्पादकता सिर्फ हमारे लिए ही नहीं बल्कि उस समुदाय या बिजनेस की तरक्की के लिए भी बहुत ज़रूरी है, जहां हम काम कर रहें होते हैं। एक उत्पादक व्यक्ति अपने भविष्य को तो मजबूत करता ही है और साथ ही अपने ऑफिस और बिजनेस के लिए बहुत अहम भूमिका निभाता है।

एक ज़िम्मेदार कर्मचारी हमेशा अपनी उत्पादकता की तरफ ध्यान देता है। हममें से कई लोगों के लिए, उत्पादकता का अर्थ है अपने काम में पूरी तरह से अच्छा प्रदर्शन करना। ये हमें अपने सम्मान की तरह महसूस होता है। हमारे अंदर उत्पादकता की भावना होने से ज़िंदगी में सफलता के आसार अधिक लगने लगते हैं। जब लोग उत्पादक होना चाहते हैं तो अक्सर यही सोचते हैं कि वे व्यक्तिगत रूप से ऐसा क्या कर सकते हैं कि वो अपने काम को वक्त पर पूरा भी कर पाएं और उत्पादकता का ध्यान भी रख लें। 

कई लोगों के लिए, उत्पादकता का मतलब है ‘करने योग्य’ कामों की लिस्ट बनाना और फिर एक जांच करना कि किस काम में उनकी उत्पादकता सबसे अधिक है। किसी काम में आपकी उत्पादकता दर्शाती है कि आप उस काम को पूरा करने में कितने कुशल हैं और वक्त पर काम खत्म कर लेते हैं या नहीं? लेकिन, सभी काम एक जैसे नहीं बनाए गए हैं। हम सब अपनी रूचि और क्षमता के अनुसार व्यवसाय और नौकरी का चुनाव करते हैं। फिर हर रोज़ हमारे हिस्से में आने वाले कामों को पूरा करते हैं। ऐसे में कामों को बेहतर तरीके से करना, वक्त पर पूरा करना और ज़्यादा से ज़्यादा काम करना ही प्रोडक्टिविटी या उत्पादकता कहलाती है। 

हमारी बेहतर उत्पादकता सिर्फ हमारे लिए ही नहीं बल्कि उस समुदाय या बिजनेस की तरक्की के लिए भी बहुत ज़रूरी है, जहां हम काम कर रहें होते हैं। एक उत्पादक व्यक्ति अपने भविष्य को तो मजबूत करता ही है और साथ ही अपने ऑफिस और बिजनेस के लिए बहुत अहम भूमिका निभाता है। चलिए हम राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस (National Productivity Day in hindi) से जुड़ी और बातें जानते हैं।

उत्पादक कैसे बनें? (Utpadak kaise banein?)

क्या कभी-कभी ऐसा महसूस होता है कि आपके पास करने के लिए बहुत सारे काम हैं, मगर उन्हें पूरा करने के लिए वक्त बहुत कम है? अगर आप ज़्यादा उत्पादक बनना चाहते हैं, तो अपने समय को बेहतर तरीके से व्यवस्थित करना बहुत ज़रूरी है। उत्पादकता एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल अक्सर व्यावसायिक सेटिंग्स में किया जाता है, हालांकि ये वास्तव में जीवन के सभी क्षेत्रों पर लागू हो सकता है। 

हमें जिंदगी के हर क्षेत्र में उत्पादक होने की ज़रूरत होती है। कामों को उत्पादक ढंग से करने के लिए ज़्यादतर लोग कहते हैं कि समय-प्रबंधन ज़रूरी है। हालांकि, यहां यह याद रखना आवश्यक है कि समय-प्रबंधन अलग है और उत्पादकता अलग। एक व्यक्ति कम समय में भी बेहतर प्रदर्शन दे सकता है और कोई अन्य व्यक्ति समय सीमा को व्यवस्थित करने के बाद भी प्रोडक्टिव नहीं हो पाता। ऐसा इसलिए होता है कि सबकी क्षमता और सोचने के दायरे अलग हैं। 

हमें अपनी क्षमताओं को बढ़ाना होगा। ज़रूरी और गैर ज़रूरी कामों को बांट लेना चाहिए। जल्दबाजी में कामों को निपटाने की जगह शांति से गहरी सांस लेकर काम में मन लगाएं। काम करते वक्त कोई और विचार या टेंशन दिमाग में न रखें। एक बार में एक ही काम हाथ में लें। कोशिश करें कि मल्टीटास्किंग से बचें, क्योंकि मल्टीटास्किंग से उत्पादकता पर असर पड़ता है। काम के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेना भी हमारी उत्पादकता बढ़ाने में मदद करता है।

उत्पादकता दिवस की शुरुआत (Utpadakta Divas ki shuruaat)

वाणिज्य (Commercial) और उद्योग मंत्रालय (Industrial Ministry) ने 1958 में एक स्वशासी संस्था (Autonomous Organization), राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (NPC- National Productivity Council) की स्थापना की। राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस यानी नेशनल प्रोडक्टिविटी डे उत्पादकता, नया काम और काम में कुशलता के महत्व को बताता है। राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस की शुरुआत भारत की उत्पादकता संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। 

1947 में आज़ादी के बाद, भारत को अपनी अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे को फिर से बनाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस लक्ष्य तक पहुंचने में उत्पादकता के महत्व को पहचानते हुए, सरकार ने 1958 में राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (एनपीसी) की स्थापना की। राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस का एक मात्र उद्देश्य उत्पादकता को बढ़ावा देना है। एनपीसी ने ट्रेनिंग प्रोग्राम, रिसर्च और कंसल्टिंग सर्विस के ज़रिए बहुत से क्षेत्रों में उत्पादकता के ज्ञान और सबसे बढ़िया तकनीकों को बढ़ावा दिया।  

कब मनाया जाता है उत्पादकता दिवस? (Kab manaya jata hai Utpadakta Divas?)

राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस हर साल 12 फरवरी को मनाया जाता है। राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस की नींव रखने वाली संस्था, राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद यानी एनपीसी, एक गैर-सरकारी संगठन है, जो भारत की उत्पादकता संस्कृति को बढ़ावा देती है। इसकी स्थापना 1958 में हुई थी। ये वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है। एनपीसी 12 फरवरी से 18 फरवरी तक राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस के रूप में एक सप्ताह तक चलने वाला उत्सव है। 

राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस 2024 की थीम (Rashtriya Utpadakta Divas 2024 ki theme)

राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस 2024 का विषय ‘इनोवेट’ है। इसमें दिखाना, ऊंचा उठाना, अग्रिम रहना, सतत और न्यायसंगत विकास के लिए समुदायों को आगे लाना शामिल है।

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