नेल्सन मंडेला दिवस पर लें उनकी जिंदगी से प्रेरणा

राष्ट्रपति बनने से पूर्व वे दक्षिण अफ्रीका में सदियों से चल रहे रंगभेद का विरोध करने वाले अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और इसके सशस्त्र गुट (Armed group) उमखोंतो वे सिजवे के अध्यक्ष रहे।

नेल्सन रोलीहलाहला मंडेला दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपति थे। नेल्सन का उपनाम मदीबा था। राष्ट्रपति बनने से पूर्व वे दक्षिण अफ्रीका में सदियों से चल रहे रंगभेद का विरोध करने वाले अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और इसके सशस्त्र गुट (Armed group) उमखोंतो वे सिजवे के अध्यक्ष रहें।

उन्होंने अपना सारा जीवन दूसरों के हित के लिए जिया और संघर्ष किया। लोगों में अफ्रीकी लोगों को लेकर जो एक घृणा बनी रहती थी, मंडेला ने उसके खिलाफ आवाज़ उठाई और देश से त्वचा के रंगभेद को दूर किया। उन्हें इस संघर्ष में कई बार हताश भी होना पड़ा पर उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और लाख चुनौतियों के बाद भी वे डटकर मुकाबला करते रहे।

नेल्सन मंडेला के विचार महात्मा गांधी से बहुत मिलते थे। महात्मा गांधी की ही तरह मंडेला भी अहिंसक मार्ग के समर्थक थे। उन्होंने गांधीजी के विचारों को अपना प्रेरणा स्रोत माना था और सामान्य लोगों को भी अहिंसा को अपनाने की सलाह दी। आइए नेल्सन मंडेला दिवस (Nelson Mandela Divas) पर उनकी ज़िंदगी के बारे में थोड़ा विस्तार से जानते हैं।

क्यों मनाया जाता है नेल्सन मंडेला दिवस? (Why Nelson Mandela Day is celebrated?)

1990 में श्वेत सरकार से हुए एक समझौते के बाद उन्होंने नए दक्षिण अफ्रीका का निर्माण किया। वे दक्षिण अफ्रीका और समूचे विश्व में रंगभेद का विरोध करने के प्रतीक बन गए। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने उनके जन्मदिन को नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। 18 जुलाई को नेल्सन मंडेला दिवस के रूप में मनाया जाता है।

नेल्सन मंडेला कितने साल जेल में रहे? (For how long Nelson Mandela was in jail?)

5 अगस्त 1962 को उन्हें मजदूरों को हड़ताल के लिए उकसाने और बिना अनुमति देश छोड़ने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर मुकदमा चला और 12 जुलाई 1964 को उन्हें उम्रकैद की सज़ा सुनायी गई।

रंगभेद विरोधी संघर्ष के कारण, उन्होंने 27 वर्ष रॉबेन द्वीप के जेल में बिताए, जहां उन्हें कोयला खनिक का काम करना पड़ा था। फिर 11 फरवरी 1990 को उनकी रिहाई हुई। रिहाई के बाद समझौते और शांति की नीति से उन्होंने एक लोकतांत्रिक (Democratic) और बहुजातीय (Multiracial) अफ्रीका की नींव रखी।

नेल्सन मंडेला की मृत्यु कब हुई? (Death anniversay of Nelson Mandela)

5 दिसम्बर 2013 को फेफड़ों में संक्रमण हो जाने के कारण मंडेला की हॉटन, जोहान्सबर्ग स्थित अपने घर में मृत्यु हो गई। मृत्यु के समय ये 95 वर्ष के थे और उनका पूरा परिवार उनके साथ था। उनकी मृत्यु की घोषणा राष्ट्रपति जेकब ज़ूमा ने की।

सर नेल्सन मंडेला का जीवन दूसरों के हित में गुजरा। उन्होंने समान्य लोगों के लिए बहुत संघर्ष किए और रंगभेद को समाज से दूर किया। उन्होंने कभी भी आक्रामक या हिंसक रवैया नहीं अपनाया, हमेशा शांति और समझदारी से काम लिया।

उनका जीवन हमारे लिए बहुत बड़ी प्रेरणा बन सकती है। हमें मंडेला के विचारों से प्रभावित होकर अन्य लोगों के हित के बारे में हमेशा सोचना चाहिए और समाज में मौजूद बुराइयों को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा से जुड़े रहें।

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