कर्मचारी सराहना दिवस

कर्मचारी सराहना दिवस: क्या कर्मचारी परिवार का हिस्सा होते हैं?

कंपनी का परिवार जैसा महसूस होना कई कारणों पर निर्भर करता है। ऐसा भी हो सकता है कि कड़ी मेहनत के बाद अगर कर्मचारी की सरहाना न की जाए, उसे आगे बढ़ने न दिया जाए तो वो कंपनी को कभी परिवार की तरह स्वीकार नहीं कर पाएगा।

मुझे याद है जब मैंने अपनी पहली कंपनी जॉइन की थी। घर छोड़कर किसी और शहर में शिफ्ट होना, पूरा दिन नए लोगों के साथ काम करना मेरे लिए काफी मुश्किल था। मुझे याद है उस वक्त मुझे हमेशा यह सुनने को मिलता था कि कंपनी एक परिवार की तरह होती है और हम सभी काम करने वाले उस परिवार का हिस्सा।

मुझे उस वक्त इस बात पर बड़ी चिढ़ होती थी कि एक परिवार मेरा मेरे घर पर है, हर जगह परिवार बनाने की ज़रूरत ही क्या है। लेकिन, जब मुझे दूसरी नौकरी मिली और पहली कंपनी को अलविदा कहने का वक्त आया तब मुझे लगा कि शायद ये कंपनी सच में मेरे लिए परिवार जैसी बन गई थी। लंबे समय तक मुझे पुराने साथी, वहां का माहौल याद आता रहा, मानो एक परिवार मेरा उस कंपनी में छूट गया हो। लेकिन, कुछ दिनों बाद नई कंपनी में ढलते ही वहां भी मुझे परिवार जैसा लगने लग जाता है।

कंपनी का परिवार जैसा महसूस होना कई कारणों पर निर्भर करता है। ऐसा भी हो सकता है कि कड़ी मेहनत के बाद अगर कर्मचारी की सरहाना न की जाए, उसे आगे बढ़ने न दिया जाए तो वो कंपनी को कभी परिवार की तरह स्वीकार नहीं कर पाएगा। वहीं, अगर स्टाफ भी कंपनी की तरफ पूरी तरह से ईमानदार न रहें तो कंपनी भी उसे परिवार के रूप में स्वीकार नहीं कर पाएगी।

आइए कंपनी और कर्मचारी के बीच के रिश्ते को मनाने वाले दिन यानी कर्मचारी सराहना दिवस (Employee Appreciation Day) के बारे में विस्तार से जानते हैं।

कंपनी और कर्मचारी के बीच का रिश्ता (Company aur karmchari ke beech ka rishta)

किसी भी कंपनी के लिए उसके सभी कर्मचारी बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। बिना कर्मचारी के कंपनी की परिकल्पना ही नहीं की जा सकती है। इसलिए कंपनी या फिर ऑफिस में कर्मचारियों को बहुत ही ज़्यादा वैल्यू दी जाती है। वहीं, कर्मचारी किसी भी कंपनी या फिर संस्था की सबसे बड़ी संपत्ति होते हैं। हर कंपनी अगर सफलता हासिल करती है, तो उस सफलता के पीछे मेहनत करने वाले कर्मचारी ही होते हैं। कई बार बेहतर काम करने वाले पुराने कर्मियों का स्वागत कंपनी दोबारा करती है।

वहीं एक अच्छी कंपनी कर्मचारी के लिए सुनहरा अवसर होती है, जो उसे करियर में आगे लेकर जाती है। कंपनी और कर्मचारी दोनों एक दूसरे पर अपनी अपनी सफलता के लिए निर्भर होते हैं। दोनों में से अगर एक की भी पकड़ कमजोर पड़ती है तो दिक्कत दोनों को आती है।

कर्मचारी सराहना दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? (Karmchari sarahana divas kab aur kyun manaya jata hai?)

कर्मचारियों और मालिक के बीच संबंध को मजबूत करने के लिए हर साल मार्च के पहले सप्ताह के शुक्रवार को कर्मचारी सराहना दिवस (Employee Appreciation Day) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत वर्कमैन पब्लिशिंग की ओर से 1995 में की गई थी। कर्मचारी प्रशंसा दिवस का उद्देश्य था, कंपनियों के प्रबंधकों को यह याद दिलाना कि मालिक और कर्मचारी के बीच अच्छे संबंध किसी भी कंपनी की सफलता की चाबी होती है। कर्मचारी सराहना दिवस के अवसर पर कई कंपनियों में छुट्टी दी जाती है, तो कईयों में उपहार या फिर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस साल कर्मचारी सरहाना दिवस 1 मार्च को मनाया जाएगा।

कंपनी में कर्मचारी का महत्व (Company main karmchari ka mahatv)

कोई भी कंपनी एक ऑफिस ही नहीं बल्कि एक परिवार की तरह होती है। इसमें सभी का रोल अलग-अलग होता है, जैसे परिवार में होता है। कंपनी के मालिक को अपने कर्मचारियों के साथ अच्छी तरह से मिलना चाहिए। एमप्लॉई को सिर्फ ये बताने से कि आप उनके कार्यों की प्रशंसा करते हैं, उन्हें ये समझने में काफी मदद मिलेगी कि वे कंपनी या मालिक के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसलिए ज़रूरी है कि मालिक अपने कर्मचारियों से लगातार बात करता रहे, उनका हौसला बढ़ाए और उन्हें आगे ले जाने में उनकी मदद भी करें। इसके अलावा कंपनी के मालिक को अच्छे कार्य करने वालों की तारीफ करनी चाहिए, साथ ही साथ कर्मचारियों के बारे में जानना भी चाहिए। मालिक और स्टाफ के बीच रिश्ता जितना गहरा होगा, तरक्की उतनी ही अच्छी होगी।

क्या कर्मचारी परिवार का हिस्सा होते हैं? (Kya karmchari parivar ka hissa hote hain?)

जब भी हम किसी भी कंपनी को ज्वाइन करते हैं, तो कंपनी को भी हमसे उम्मीद रहती है और हमें भी कंपनी से उम्मीद रहती है। हम जब कंपनी में नए होते हैं, तो हमें सबसे पहले वहां का वर्क कल्चर सहित अन्य चीज़ों को समझने में समय लगता है। इसके बाद हम अपना काम करना शुरू करते हैं। इस दौरान हम उस ऑफिस या कंपनी का हिस्सा हो जाते हैं। वहीं, जैसे-जैसे हम वहां समय बिताने लगते हैं, वैसे-वैसे कंपनी और हमारा रिश्ता मजबूत होते जाता है। यही रिश्ता हमें मालिक से भी जोड़ता है। किसी भी कंपनी और प्रबंधन के लिए उसमें काम करने वाले कर्मचारी परिवार के सदस्य की तरह होते हैं, क्योंकि वो कहीं न कहीं मालिक के सुख-दुख से जुड़ जाते हैं।

हालांकि, आज के दौर में ऐसा थोड़ा कम देखने को मिलता है। कई बार कंपनी ये कहती तो है कि वो अपने सभी कर्मचारी को परिवार मानती है, मगर उनके द्वारा उठाए गए कदमों से कर्मचारी को ऐसा महसूस नहीं होता। उनके लिए ये बस कहने की बातें रह जाती हैं। ऐसे में कंपनी को कर्मचारियों की तरफ संवेनदशील रहने की ज़रूरत होती है। दूसरी तरफ कंपनी या फिर प्रबंधन के परिवार का हिस्सा बनने के लिए कर्मचारियों के भी कुछ कर्तव्य होते हैं। आप जितनी ही ईमानदारी और अच्छी तरह से काम करेंगे, उस परिवार में आपका महत्व बढ़ते जाएगा। वहीं कंपनी एक मेहनत करने वाले स्टाफ की जितनी सराहना करेगी, स्टाफ के नज़रों में कंपनी का मान उतना ही बढ़ता जाएगा। ये रिश्ता फिर एक मालिक और कर्मचारी ही नहीं रह जाता है। ये महत्व, ईमानदारी और सराहना का भी रिश्ता हो जाता है।

कर्मचारी की सराहना करना क्यों है ज़रूरी? (Karmchari ki sarahna karna kyun hai zaruri?)

जब भी मालिक या सीनियर किसी भी कर्मचारी की प्रशंसा करते हैं, तो उसके अंदर एक पॉजिटिव फीलिंग आती है। वहीं, इससे कर्मचारी यह भी समझता है कि वह कंपनी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। वह सही तरह से काम कर रहा है। इससे कर्मचारी अपने काम को लेकर और भी सीरियस हो जाता है, साथ ही कंपनी से उसका लगाव भी बढ़ जाता है। इससे कर्मचारी की उत्पादकता काफी बढ़ जाती है।

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