कैसे आएगी ज़िंदगी में सुख, शांति और सद्भावना की तरंगें?

ज़िंदगी पर ठीक से गौर करें तो हम देखेंगे कि ज़िंदगी में ज़्यादा पाने का लालच कभी खत्म नहीं होता। हम आज कोई चीज़ खरीदना चाहते हैं और जब वो मिल जाए तो किसी अगली चीज़ को खरीदना चाहते हैं। इन चीज़ों से मिलने वाली खुशी भी ज़्यादा दिन नहीं टिकती।

उलझनों से भरी ज़िंदगी में कुछ पल सुकून के मिल पाना आसान तो नहीं है, पर इसकी चाहत सब रखते हैं। सच कहूं तो ज़िंदगी में सुख शांति पाना इतना भी मुश्किल नहीं है कि हम उसे पा न पाएं। ज़िंदगी में सुख, शांति और सद्भावना लाने के लिए मन को शांत और सोच को सकारात्मक बनाना ज़रूरी है। 

सुख शांति पाने के लिए ध्यान और योग से काम बन सकता है, क्योंकि इससे तनाव कम होता है और मन शांत रहता है। साथ ही, प्रकृति के करीब रहने और छोटी-छोटी खुशियों में सुकून ढूंढने से भी सुखी रहा जा सकता है। इस छोटे-छोटे उपायों के अलावा भी बहुत से तरीके हैं, जिन्हें अपनाकर हम सुख शांति से रह सकते हैं।

सुख शांति से रहने का एक खास दिन भी मनाया जाता है, जो है विश्व शांति ध्यान दिवस (World Peace Meditation Day)। तो चलिए सोलवेदा के साथ सुख, शांति और सुकून से रहने के तरीकों को जानें और विश्व शांति ध्यान दिवस के महत्व को समझें।

विश्व शांति ध्यान दिवस का महत्व (Vishva Shanti Dhyan Divas ka mahatv)

विश्व शांति ध्यान दिवस सभी लोगों के लिए शांति और एकता के भाव पर ध्यान देना है। यह दिन ध्यान और आत्मचिंतन के ज़रिये अंदुरुनी शांति पाने और इस बात को पूरी दुनिया में फैलाने पर ज़ोर देता है। ध्यान न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य (Wellbeing) में सुधार करता है, बल्कि यह सकारात्मक शक्ति प्रदान करता है और मन को शांत भी रखता है। 

जब कोई व्यक्ति अपने अंदर सुख शांति महसूस करता है, तो वह अपने आस-पास के वातावरण में शांति और प्यार को बढ़ावा देता है। इसी उद्देश्य से विश्व शांति ध्यान दिवस मनाया जाता है। यह दिन सभी संस्कृतियों और धर्मों के लोगों को एक साथ लाने और उनके बीच अपनेपन और सुकून का पुल बनाने का काम करता है।

कब है विश्व शांति ध्यान दिवस? (Kab hai Vishva Shanti Dhyan Divas?)

विश्व शांति ध्यान दिवस हर साल 21 दिसंबर को मनाया जाता है।

ज़िंदगी में लाएं सुख, शांति और सद्भावना की बहार (Zindagi mein laayein sukh, shanti aur sadbhawna ki bahaar)

ज़िंदगी में सुख शांति छोटे-छोटे बदलावों करके लाई जा सकती है। आइये जानें उन बदलावों के बारे में:

जो है उसमे खुश रहें 

ज़िंदगी पर ठीक से गौर करें तो हम देखेंगे कि ज़िंदगी में ज़्यादा पाने का लालच कभी खत्म नहीं होता। हम आज कोई चीज़ खरीदना चाहते हैं और जब वो मिल जाए तो कल किसी दूसरी चीज़ को खरीदना चाहते हैं। इन चीज़ों से मिलने वाली खुशी भी ज़्यादा दिन नहीं टिकती। इसलिए भौतिक चीज़ों की लालसा कम करें और जो आपके पास है, उसमें खुशी ढूंढें।

रिश्तों को महत्त्व दें 

अपने आप पास के लोगों, करीबियों और दोस्तों से अच्छे संबंध बना कर रखें। उनको वक्त देना और साथ में अच्छी यादें बनाना आपको खुशी देगा। ज़िंदगी में कई बार एक लंबा वक्त बिता देने के बाद समझ आता है कि सब पाने की होर में हमारे अपने ही पीछे छूट गए। जबकि अपनों के बीच रहकर जो शांति और सुकून मिलता है, वो कहीं और नहीं मिलता। 

समय की कद्र 

सुख और शांति से रहना चाहते हैं तो समय का महत्व समझ कर उसकी कद्र करें। अपने कामों को कल पर न टालें। काम और परिवार के बीच संतुलन बनाएं। अक्सर आपने ऐसा महसूस किया होगा कि जब आप काम को कल पर टालते हैं तो अजीब सी बेचैनी मन में लगी रहती है। वहीं, जब सारे काम समय पर खत्म हो जाते हैं तो एक सुकून का एहसास होता है। लंबे दौर में समय की कद्र करना और समय पर काम खत्म करना, आपको कई मानसिक बीमारियों से भी बचा सकता है। 

प्रकृति से जुड़ाव

अपने आसपास के वातावरण और प्रकृति का सम्मान करें। प्रकृति की गोद में समय बिताएं। पर्यावरण को साफ रखें और ताज़ी हवा में सांस लें। हम चाहे लाख बड़ी-बड़ी बिल्डिंग में रह लें, लेकिन सुकून तो पेड़ों और खेतों के आस-पास ही मिलता है। प्रकृति से ही हम हैं और हमारा पहला घर प्रकृति ही है। यही कारण है कि हमें प्रकृति के बीच रहकर आराम और सुकून महसूस होता है। 

दया भाव 

दूसरों को प्यार और दया भाव से देखें। किसी से नफरत या बुरा व्यवहार न करके सुख, शांति का अनुभव किया जा सकता है। जब हम किसी के साथ बुरा बर्ताव करते हैं तो मन में ग्लानि रह जाती है। लेकिन किसी की मदद करके जो खुशी मिलती है, उसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती है। दया भाव से आप दूसरों की मदद तो करते ही हैं और साथ ही खुद भी सुकून और शांति महसूस करते हैं। 

खुद का ख्याल 

सुखी रहने के लिए खुद का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है। अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। अच्छा खाएं और चिंता से दूर रहें। जब भी हम अपने आस-पास सफाई नहीं रखते, खुद की सेहत का ख्याल नहीं रखते, अच्छा नहीं खाते और बेमतलब की चीज़ों में वक्त बिता देते हैं तो मन बेचैन रहता है। लेकिन, जब हम इसका उल्टा करते हैं अपने आस-पास सफाई रखते हैं, खुद को तंदुरुस्त रखने के लिए एक्सरसाइज या योग करते हैं और हर तरह से अपना ख्याल रखते हैं तो अपने आप ही हम सुकून और शांति महसूस करते हैं। 

इन छोटे-छोटे कदमों से आप न केवल अपने जीवन में सुख शांति पाएंगे, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनेंगे। आपको शांति और सुकून कैसे महसूस होता है, हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़े रहें।

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