बच्चों को मोबाईल से दूर रखें

कहीं मोबाइल के साथ न बीत जाए बच्चों की गर्मी छुट्टियां

आजकल बच्चों को मोबाइल की लत इतनी ज़्यादा लग गई है कि मोबाइल के सामने, न तो उन्हें भूख लगती है और न ही प्यास। बहुत डांटने और समझाने के बाद भी बच्चे मोबाइल से दूर नहीं रह पाते।

जब से गर्मियों की शुरुआत हुई है और बच्चों की गर्मियों की छुट्टियां पड़ी हैं, तब से हर घर में बच्चों की एक ही बात सुनाई देती है कि “फोन दो! पोयम लगाओ! कार्टून देखना है!” और इसके बाद ज़रा सी देर के लिए लिया गया फोन, उसके हाथ में पूरे दिन लगा रहता है। ऐसे हालातों में हर पेरेंट्स को बस एक ही डर लगा रहता है कि कहीं मोबाइल के साथ न बीत जाए बच्चों की गर्मी छुट्टियां। आजकल बच्चों को मोबाइल की लत इतनी ज़्यादा लग गई है कि मोबाइल के सामने, न तो उन्हें भूख लगती है और न ही प्यास। बहुत डांटने और समझाने के बाद भी बच्चे मोबाइल से दूर नहीं रह पाते।

हमारी डांट का असर उनके ऊपर बस थोड़ी देर रहता है और उसके बाद वो फिर से मोबाइल को हाथ में लिए बैठे दिख जाते हैं। एक तो उनके स्कूल की छुट्टियां ऊपर से इतनी तेज़ धूप की बाहर खेलने भी नहीं भेज सकते। ऐसे में आखिर बच्चों को मोबाइल से कैसे दूर रखें? यह सवाल हर उन मां-बाप को परेशान करता है, जिनके बच्चों को मोबाइल की लत गई हुई है। पर क्या आप लोग जानते हैं कि किसी भी बच्चे को कभी भी गुस्सा दिखा कर या डांट कर कुछ भी सिखाना बहुत मुश्किल होता है। अगर आप भी अपने बच्चों की मोबाइल की लत दूर करना चाहते हैं तो चलिए मैं आपको बताती हूं कुछ तरीके, जिन्हें अपना कर आप अपने बच्चों को बहुत हद तक मोबाइल से दूर कर सकते हैं।

बच्चों के विकास में बाधा है मोबाइल (Bachhon ke vikas mein badha hai mobile)

यह तो हम सब ही जानते हैं कि मोबाइल की लत बच्चों के लिए कितनी नुकसानदेह है। मोबाइल के ज़्यादा इस्तेमाल से आंखों पर नकारात्मक असर तो पड़ता ही है, साथ ही यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी बहुत से नकारात्मक प्रभाव डालता है। मोबाइल की लत से बच्चे बचपन के खेल-कूद, मौज-मस्ती और शरारतें करना भूल जाते हैं। उनका सारा समय बस स्क्रीन के साथ गुज़रता है, जिसकी वजह से वो नये-नये रचनात्मक कामों में भी कोई रूचि नहीं लेते। उनका बाल मन मोबाइल की वजह से इतना प्रभावित होता है कि उनमें सब्र की कमी हो जाती है, जिसके चलते बच्चे ज़िद्दी बन जाते हैं। पूरे दिन एक जगह बैठकर सिर्फ मोबाइल चलाने के नकारात्मक असर उनके शरीर पर भी पड़ते हैं।‌ शरीर में फुर्ती की जगह आलस ले लेता है। दिमाग को स्क्रीन की बहुत ज़्यादा आदत लग जाने से उनके बाल विकास पर गहरा प्रभाव पड़ता है। समय-समय पर अपने बच्चों को डिजिटल डिटॉक्स के बारे में भी बताएं।

बच्चों को मोबाइल से कैसे दूर रखें? (Baccho ko mobile se kaise door rakhein?)

आज-कल जहां हर घर में बहुत सारे गैजेट्स और मोबाइल फोन हैं, ऐसे में बच्चों को मोबाइल से दूर रखना आसान तो नहीं है। हालांकि, कुछ तरीकों को अपनाकर बहुत हद तक हम बच्चों को मोबाइल की लत से छुटकारा दिला सकते हैं।

बच्चों को फोन से कुछ इस तरह रखें दूर:

फन करें बच्चों के संग

पूरी साल भारी बस्ता और किताबों में व्यस्त रहने के बाद, बच्चों को जब खुल कर अपनी मनमानी करने का मौका मिला है तो उनकी पहली पसंद मोबाइल फोन ही होती है। हमारे बच्चे अक्सर मोबाइल पर कोई कार्टून या बच्चों की कविता देखकर अपना मनोरंजन करना पसंद करते हैं। पर हम पेरेंट्स बच्चों के इस मनोरंजन के तरीके को बदल कर उनके मोबाइल की लत हटा सकते हैं।

बच्चों का मनोरंजन करने के लिए हम उनके साथ कोई भी फन गेम खेल सकते हैं। उनके साथ बैठकर कैरमबोर्ड खेलिए या रोज़ घर में ही एक पेंटिंग कॉम्पटिशन कीजिए। चित्रों में रंग भरने के बहाने उन्हें कुछ नया सीखने को भी मिलेगा और वो फोन से भी दूर रहेंगे। कैरमबोर्ड या कोई भी क्रिएटिव खेल खेलते वक्त उन्हें भी जीतने का मौका दें और जीतने पर, उनकी तारीफ करें, ऐसा ही पेंटिंग्स बनाने के बाद करें। इससे आपका बच्चा तारीफ पाने के बहाने उस खेल या पेंटिंग में दिलचस्पी लेगा।

बाहर निकलना भी है ज़रूरी 

अब जब बच्चों की छुट्टियां चल ही रहीं हैं तो फिर आप भी कुछ दिन अपने ऑफिस से छुट्टी लीजिए और बच्चों के साथ नेचर को एक्सप्लोर करने निकल पड़िए। किसी हिल स्टेशन या झील के किनारे कुछ दिन सुकून से अपने बच्चों के साथ गुज़ारें। उन्हें प्रकृति से जोड़े और जहां गये हैं वहां की नई-नई जगहों और बातों में व्यस्त रखें। बाहर घूमने जाने से बच्चों को खुशी (Happiness) तो मिलेगी ही, साथ ही उन्हें फोन से दूर रहकर, कुछ नया करने और सीखने का मौका भी मिलेगा।

मोबाइल बच्चों के सामने न चलाएं

‘बच्चे जैसा देखते हैं, वैसा ही सीखते हैं।’ ये बात तो आपने भी सुनी होगी और इस बार को मानते ही होंगे। जब हम बड़े ही हर वक्त फोन पर लगे रहेंगे, तो हम कैसे बच्चों को मोबाइल चलाने से रोक पाएंगे। इसलिए उनके सामने जितना हो सके उतना कम मोबाइल का उपयोग करें। मोबाइल के अलावा आप उन्हें कोई कहानी पढ़कर सुनाइये, किचन में छोटे-मोटे काम उनसे करवाइए, जैसे- कोई बर्तन उठा कर देना, फ्रिज में बोतल रखना इत्यादि, उन्हें सुबह योगा करना सिखाइए या अपनी ज़िंदगी के पुराने किस्से अपने बच्चों से साझा कीजिए। यकीन मानिए बच्चों को ऐसे किस्से सुनने में बहुत मज़ा आता है और इससे बच्चों व्यस्त भी रहेंगे और मोबाइल की लत भी धीरे-धीरे कम होने लगेगी।

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