ज़रूरी है भीतर की शांति

चुनौती से भरे जीवन में शांति की कल्पना बेमानी सी लगती है। लेकिन जिस क्षण हम यह समझ जाते हैं कि शांति के लिए हमें अपने भीतर ही झांकना होगा, उसी क्षण हम शांति के पथ पर पहला कदम बढ़ा देते हैं।

वर्षों पुरानी बात है एक राजा ने अपने राज्य के कलाकारों को शांति का बेहतरीन तस्वीर बनाने का आदेश दिया। सर्वश्रेष्ठ तस्वीर बनाने वाले को उचित पुरस्कार देने की घोषणा की गई। पूरे राज्य से आए तस्वीरों में से राजा ने दो चित्र चुने।

पहली तस्वीर (Pehli tasveer) की बात करें तो उसमें शांत सरोवर दिख रहा था। उसमें आसपास के सुंदर पहाड़ और नील गगन साफ दिखाई दे रहे थे। यह शांति का सबसे खूबसूरत नज़ारा पेश करने वाली तस्वीर थी। दूसरे में भी शांत सरोवर था, लेकिन उसमें खुरदरे पहाड़ और ऊपर काले बादलों से घिरा आसमान दिखाई दे रहा था। उस तस्वीर में पहाड़ के बगल में एक तेज़ झरना बहता दिखाया गया था। इस तस्वीर में शांति कहीं प्रतीत होती नहीं दिखती थी। लेकिन इस चित्र में एक बात ऐसी थी, जिसने राजा का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। वह यह कि झरने के पीछे एक पेड़ पर चिड़िया का छोटा घोंसला बना हुआ था। उसमें चिड़िया और उसके बच्चे उफनते झरने की ओट में शांति से रह रहे थे। राजा ने इस तस्वीर को विजेता घोषित कर दिया।

राजा के फैसले को लेकर लोग चर्चा करने लगे कि पहाड़ और काले बादल कब से शांति के प्रतीक बन गए। लेकिन राजा ने कहा कि शांति का मतलब यह नहीं है कि यह वह जगह हो जहां कोई शोर-शराबा, कड़ी मेहनत अथवा परेशानी न हो, बल्कि वो जगह है, जहां यह सभी बातें होने के बाद भी हमें भीतर की शांति (Inner peace) मिले।

जैसा कि उपरोक्त कहानी के राजा ने कहा, शांति का अर्थ यह नहीं है कि उस जगह रहना जहां विवाद, उत्पात या शोर न हो, बल्कि खुशी की तरह भीतर की शांति है। हमारे आसपास होने वाले शोर से परेशान होकर हम अपने मन को भीतर की शांति पाने से रोक नहीं सकते। डच दार्शनिक बारूक स्पिनोज़ा ने एक बार लिखा था, शांति का मतलब युद्ध का न होना नहीं है, बल्कि यह तो हमारी मनोदशा है। यह नैतिक गुण है। यह परोपकार की भावना है। यह आत्मविश्वास है। यह न्याय है।

यह भीतर की शांति ही होती है। अलग-अलग लोगों के लिए इसके मायने भी अलग-अलग होते हैं। किसी के लिए यह दर्द का न होना होता है, तो किसी के लिए यह अकेलापन (Akelapan) होता है। कुछ लोग स्वीकृति को शांति समझते हैं। शांति का मतलब अपनी विफलता और गलती को स्वीकार करना होता है। लाहौर निवासी ग्राफिक आर्टिस्ट दानिया ज़फर के अनुसार जब व्यक्ति खुद को लेकर संतुष्ट होता है, तब ही उसे शांति मिलती है। यह सच भी है। जब हम चीजों को जस का तस स्वीकार करना शुरू कर देते हैं, तब ही हम संतुष्टि का भाव समझने लगते हैं। इसके बाद ही संतुष्टि का भाव हमें भीतर की शांति की दिशा में ले जाता है।

इन सारी बातों, विचारों व कार्यों का न्यायपूर्ण समीक्षा करने के बाद हमें शांति के मायने और उसे पाने के तरीके पता चल गया है। लेकिन यह जितना आसान दिखता है, उतना होता नहीं है। हम या तो अपनी पुरानी गलती के बारे में विचार करने लगते हैं या फिर सुनहरे भविष्य के सपने देखने लगते हैं। लेकिन शांति तो हमारे सामने ही वर्तमान में सजग और सचेत खड़ी होती है। वियतनाम के बौद्ध भिक्षु थिच नहात हन: ने ‘पीस इस एवेरी स्टेप : पाथ ऑफ माइंडफुलनेस इन एवरीडे लाइफ’ में लिखा है कि शांति तो इसी क्षण यही मौजूद है। हमारे भीतर, जो कुछ हम करते हैं या देखते हैं, उसमें भी शांति है। हर सांस जो हम लेते हैं या हर कदम जो हम उठाते हैं, हमको शांति और खुशी से भर सकते हैं। सवाल सिर्फ इतना है कि क्या हम उसके संपर्क में हैं। हमें सिर्फ मौजूदा क्षण में सजग और सचेत रहने की ज़रूरत है।

शांति का अनुभव हम हर बात में खुशी देखकर भी कर सकते हैं। यदि हम हर बात के लिए शुक्रगुज़ार होने लगे, तो इस अनुभव को कई गुना बढ़ाया जा सकता है। डांसर टोनी पिउस भी यही मानते हैं। उनके अनुसार शांति का मतलब छोटी और बड़ी बातों को वे जैसी हैं, उसके लिए उनकी सराहना करना होता है। यह आपके आसपास की चीज़ों को तहे दिल से सराहने से ही मिल सकती है।

चुनौती से भरे जीवन में शांति की कल्पना बेमानी-सी लगती है। लेकिन जिस क्षण हम यह समझ जाते हैं कि शांति के लिए हमें अपने भीतर ही झांकना होगा, उसी क्षण हम शांति के पथ पर पहला कदम बढ़ा देते हैं। दानिया ने इसे स्वीकृति के रूप में पाया, जबकि टोनी ने इसे सराहना के रूप में हासिल किया। चाहे जो हो, हम सभी इसे पाना चाहते हैं। एक बात साफ है कि शांति जन्मजात होती है। यदि चिड़िया और उसके बच्चे उफनते झरने के साथ अपने जीवन को शांति से बसर कर सकते हैं, तो हम भी खुद को बाहरी शोर से बचाकर भीतर से शांति प्राप्त कर सकते हैं।

अमेरिकी गायक और गीतकार मिर्वन गाए के अनुसार “यदि आप भीतर की शांति का अनुभव नहीं कर सकते हैं, तो आपको यह कहीं नहीं मिल सकती।”