बचपन में दरवाजे की घंटी बजती थी और हम दौड़कर पहुंच जाते थे दरवाजे के पास …दोनों बाहें फैलाए क्योंकि हमें पता होता था कि कोई अपनी बाहें फैला कर हमारे इंतजार में दरवाजे के उस पार खड़ा होगा। वो और कोई नहीं बल्कि हमारे पापा होते थे। आज हम बड़े हो गए हैं और जब ऑफिस से लौटते हैं तो पापा दरवाजे पर तो नहीं, लेकिन, घर के किसी कोने में हमारा इंतजार जरूर कर रहे होते हैं। मगर जितना समय बचपन में पापा हमें दिया करते थे, क्या उतना ही समय हम आज पापा को दे पाते हैं? अपनी व्यस्त जिंदगी से अपने पापा के लिए थोड़ा-सा वक्त निकालने का ही दूसरा नाम है फादर्स डे।
फादर्स डे (Father’s Day 2023 in hindi) यानि एक ऐसा दिन, जब हमारा पूरा वक्त पिता के लिए हो। हम उनके साथ फिल्म देखें, कहीं बाहर घूमने जाएं, सेलिब्रेट करें, कुक करें या फिर घर पर रहकर खूब सारी बातें करें। इस दिन का मकसद होना चाहिए पापा के चेहरे पर एक लंबी मुस्कान लाना।
हमारे बचपन के दिनों में, उन्होनें हमारे लिए जितना किया है, उसके बदले में थोड़ा-सा उन्हें वापस करना। उनके ढेर सारे प्यार के बदले में, थोड़ा-सा प्यार उन्हें भी देना। ये सिर्फ एक दिन की बात नहीं है, ऐसा होना रोज चाहिए। हालांकि, अगर आप उनके एक दिन को भी खास बना देंगे तो वो उस दिन के लिए पूरे साल खुश रहेंगे और उसके दोबारा आने का इंतजार करेंगे।
फादर्स डे कब है?
हर साल जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है। 2023 में फादर्स डे 18 जून को है। इस दिन को पिता के सम्मान और प्यार में मनाया जाता है।
कैसे बन जाते हैं पापा हमारे बेस्ट फ्रेंड?
बेशक मां की जगह कोई नहीं ले सकता है, लेकिन पापा की जगह भी कोई ले ले, ये भी संभव नहीं है। एक पिता की जिम्मेदारी तो वो निभाते ही हैं और जरूरत पड़ने पर एक मां की भी निभाते हैं। पिता, वक्त पड़ने पर हमारे भाई-बहन भी बन जाते हैं और वक्त पड़ने पर एक दोस्त भी। देखा जाए तो हर बच्चे की जिंदगी में पापा उसके पहले बेस्ट फ्रेंड होते हैं। आइए देखते हैं कि पिता हमारी जिंदगी में बेस्ट फ्रेंड कैसे बन जाते हैं।
हर वक्त देते हैं हमारा साथ
जब कभी भी हमें जरूरत पड़ती है, हमारा कंधा पिता ही बनते हैं। स्कूल में मार्क्स कम आने से लेकर, कोई बड़ा गेम हारने तक, हम जब भी उदास होते हैं, पिता हमारा साथ देते हैं। वो हमारा हौसला बढ़ाते हैं, हमें हार को स्वीकार करते हुए जीना सिखाते हैं।
शेयर करते हैं हमसे अपने सीक्रेट
एक बेस्ट फ्रेंड की तरह पिता भी अपने सीक्रेट हमें बताते हैं। ऐसे सीक्रेट जिन्हें हम मां को नहीं बता सकते। उनके भरोसे को देखकर हम भी अपने राज उनसे बताने लगते हैं। एक अच्छे दोस्त की तरह वो भी हमारे हर राज को राज ही रखते हैं।
वक्त पड़ने पर हमारे लिए लड़ने को रहते हैं तैयार
पापा के रहते किसी की हिम्मत नहीं होती कि वो हमें चोट पहुंचा दे। पापा हमारा सुरक्षा कवच बनते हैं। हमें कोई नुकसान पहुंचाए, इससे पहले वो हमारे लिए लड़ने को तैयार रहते हैं, बिल्कुल हमारे बेस्ट फ्रेंड की तरह। यही नहीं बल्कि वो हमें हिम्मत वाला बनाने की कोशिश सारी उम्र करते हैं।
करते हैं हमें खूब सारा प्यार, मगर चुपके से
हम सभी के बेस्ट फ्रेंड हमसे बहुत प्यार करते हैं, लेकिन बोलकर कभी नहीं जताते। पापा भी तो बिल्कुल ऐसे ही होते हैं। कभी नहीं कहते कि वो हमसे बहुत प्यार करते हैं, लेकिन हम खाना न खाए तो वो भी नहीं खाते, हम नाराज हो जाए तो हमें मनाते रहते हैं, जब भी बाहर से आते हैं तो हमारे लिए कुछ जरूर लेकर आते हैं। वो बिना बोले ही हमसे खूब प्यार करते हैं।
बनते हैं ट्रैवल पार्टनर
एक दोस्त के साथ जैसे हम पूरी दुनिया घूम सकते हैं, वैसे ही पापा भी हमारे बेस्ट फ्रेंड बनकर हमें ट्रिप पर लेकर जाते हैं। उनका हाथ पकड़कर घूमना बिल्कुल वैसा होता है, जैसे किसी भरोसेमंद दोस्त का हाथ पकड़कर घूमना।
खेलते हैं हमारे साथ गेम्स
जब हम अपने दोस्तों के साथ गेम्स खेलते हैं, वो पल हमें हमेशा याद रहता है। लेकिन क्या हम ये भूल सकते हैं कि हमारे बेस्ट फ्रेंड बनकर पापा ही सबसे पहले हमारे साथ खेलना शुरू करते हैं। जब वो घोड़ा बनकर हमें अपनी पीठ पर पूरे घर में घुमाते थे, जब वो हमारे साथ बैट-बॉल खेलते थे, जब वो हमारे साथ रेस लगाते थे….वो सच में हमारे पहले बेस्ट फ्रेंड होते हैं।
उठाते हैं हमारी हर गलती की जिम्मेदारी
अक्सर घर में हमसे कोई चीज टूट जाती है या हम घर लेट आते हैं या फिर किसी से लड़कर आते हैं, तो पापा हर बार हमें मम्मी की डांट से बचाने की कोशिश करते हैं। वो हमारी नादान गलती को छिपाने की कोशिश करते हैं।
देते हैं सही सलाह
चाहे पापा के प्यार में हम लाख बिगड़ जाए, मगर न जाने कैसे वो हमेशा हमें सही सलाह देते हैं और हमें सही रास्ते पर रखते हैं। जितना वो हमें प्यार करते हैं, हमारी गलतियां छिपाते हैं, उतना ही हमें समझाते हैं और हमें सही और गलत का फर्क बताते हैं।
सिखाते हैं दोस्ती करना और निभाना
हमारी जिंदगी में पापा ही वो पहले इंसान होते हैं जो हमें दोस्ती करना और निभाना सिखाते हैं। जो बिना बोले हमें दोस्ती के उसूल समझा देते हैं। पापा के दोस्त बनने के बाद, बाहरी दुनिया में दोस्ती करना हमारे लिए काफी आसान हो जाता है।
इसलिए बेहद जरूरी है कि हम अपने हजार दोस्तों में खोकर, अपने पहले दोस्त को न भूल जाएं। उनके लिए समय निकालें। बोलें कम और उनकी ज्यादा सुनें। उनका कहा मानें और उनकी इज्जत करें। बड़े होने के बाद पापा हमें पीठ पर लेकर तो नहीं घुमा सकते हैं मगर इन बीते सालों में वो हमें इतना मजबूत बना देते हैं कि हम अपनी दुनिया खुद बना सके। अपने बड़ी-सी दुनिया में एक छोटी-सी जगह, हमें अपने पापा के लिए हमेशा रखनी चाहिए। इस फादर्स डे पर अपने पापा के लिए करिए कुछ खास और बनाइए इस दिन को उनके लिए यादगार।
आज आपने जाना 2023 में फादर्स डे कब और क्या है फादर्स डे की अहमियत। ऐसे ही आर्टिकल पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी पर।