हॅप्पीनेस ऑफिसर, हॅप्पीनेस कोशंट

खुद के जीवन का ‘चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर’ कैसे बनें?

जीवन के प्रति आपका नज़रिया, आप मुश्किलों से कैसे निपटते हैं और आपका खुद के साथ रिश्ता कैसा है, इन सारी बातों से ही आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि आप कितने खुश हैं। आपका ‘खुशी का अनुपात (हैप्पीनेस कोशंट)’ कितना है यह तय किया जा सकता है।

इस परिदृश्य की कल्पना करें। आपको अभी-अभी यह पता चला है कि आपकी फाइनल एग्जाम स्थगित कर दिया है और आप नहीं जानते की आगे क्या करना है। आपके मन का एक हिस्सा सोच रहा है, ‘ऐसा क्यों हो रहा है?’ लेकिन आपके मन का दूसरा हिस्सा इसे एक चुनौती के रूप में लेते हुए सोच रहा है, ‘मुझे जो अतिरिक्त समय मिला है, उसमें मैं यह सुनिश्चित करने जा रहा हूं कि मैं इसकी अच्छी तरह से तैयारी करूं और इस परीक्षा में अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकूं’। हर स्थिति में ग्लास आधा भरा या आधा खाली हो सकता है। आप असफलताओं या समस्याओं पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं, यही बात आपको यह निर्धारित करने में मदद करती है कि आप जीवन में खुशी पा सकते हैं या नहीं। जैसे किसी संगठन का प्रसन्नता प्रमुख (चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर) संगठन में खुशी (Happiness in organization) के स्तर को बेहतर बनाने के लिए जिम्मेदार होता है, उसी तरह आप जीवन में अपनी खुशी पैदा करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

इसके लिए आपको अपने भीतर खुशी की वह चिंगारी (स्पार्क) खोजनी होगी। आप इसके लिए सोशल स्टेटस, जॉब या फिर दोस्तों जैसे बाहरी कारकों (फैक्टर) पर निर्भर नहीं रह सकते। 14वें दलाई लामा ने अपनी किताब, ‘द आर्ट ऑफ हैप्पीनेस’ में कहा है कि ‘खुशी बाहरी घटनाओं की तुलना में किसी की मन:स्थिति से ज्यादा निर्धारित होती है’। जीवन के प्रति आपका नज़रिया, आप मुश्किलों से कैसे निपटते हैं और आपका खुद के साथ रिश्ता कैसा है इन सारी बातों पर ही आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि आप कितने खुश हैं।

यहां कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं जो आपको अपने जीवन का ‘प्रसन्नता प्रमुख (चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर)’ बनने में मदद कर सकते हैं।

आप जैसे हैं उसे स्वीकार करें (Aap jaise hain use swikar karen)

एक कॉर्पोरेट सेटअप में एक प्रसन्नता प्रमुख (चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर) की जिम्मेदारी होती है कि वह कर्मचारियों में यह भावना बढ़ाएं कि उनके काम की यहां कदर होती है और उन पर भरोसा किया जाता है। लेकिन काम से बाहर आप अपनी खुशी के लिए खुद जिम्मेदार होते हैं। आप जैसे हैं वैसा ही खुद को स्वीकार कर इसकी शुरुआत कर सकते हैं। आत्म-स्वीकृति से आपको आत्म-सम्मान और शरीर की छवि के मुद्दों से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है। उन चीज़ों को स्वीकार करना जिन्हें आप बदल नहीं सकते, उदाहरणार्थ आपका व्यक्तित्व या आपका चरित्र ही आपके आत्म सुधार की शुरुआत का बिंदू हो सकता है। इससे आपको अपने भीतर की खुशी खोजने का मौका मिलेगा।

नकारात्मक विचारों को पनपने से पहले रोकें (Nakaratamk vicharon ko panpne se roken)

आप दुनिया को किस अंदाज़ से देखते हैं इसमें अहम भूमिका आपका मानसिक नज़रिया ही अदा करता है। यदि आपका रवैया ज्यादातर नकारात्मक है तो यह आपके स्वास्थ्य, कैरियर और परिवार को प्रभावित कर सकता है। यद्यपि आपके लिए, ‘मैं उतना अच्छा नहीं हूं’ या ‘मैं बहुत अयोग्य हूं’ जैसे नकारात्मक विचारों को अपने दिमाग में आने से रोकना काफी मुश्किल हो सकता है। इसके लिए ऐसी सरल तकनीक है जो आपको शुरुआत में ही नकारात्मक विचारों को पनपने से रोकने में सहायता कर सकती है। आप अपने नकारात्मक विचारों के पैटर्न को स्वीकार कर इन्हें सकारात्मक पैटर्न के साथ बदलने का प्रयास करें। चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर की चाह में अपने विचारों को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल काम है, लेकिन आप अपने कार्य और व्यवहार को नियंत्रित तो कर ही सकते हैं। जब आप अपना ध्यान उन चीज़ों पर केंद्रित करते हैं जिनको लेकर आप जोशीले हैं तो आप ज्यादा सकारात्मक और प्रेरित महसूस करते हैं। चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर बनने की चाह में जब आपके जीवन में सकारात्मकता आती है तो फिर खुशियां ज्यादा दूर नहीं रह जाती।

खुशी की कार्यनीति बनाएं (Khushi ki karyaniti banaye)

यदि आप अपने जीवन के प्रसन्नता प्रमुख (चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर) बनना चाहते हैं तो आपको एक कार्यनीति बनानी होगी, जो आपको अपने भीतर इस भावना को विकसित करने में मदद करे। उदाहरण के लिए अवकाश के दिन अपने आपको उन गतिविधियों में व्यस्त करें जो आपके चेहरे पर मुस्कान ला सकती हैं। फिर चाहे वह कुछ ऐसा हो जो आप अकेले करते हैं जैसे पढ़ना, पसंदीदा संगीत सुनना या ध्यान करना या कुछ ऐसा जो आप दूसरों के साथ करते हैं, जैसे कि फिल्म देखना या कॉफी पीना या सामाजिक गतिविधियां जैसे स्वयंसेवा करना, किसी पड़ोसी या दोस्त की मदद करना। चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर बनने की चाह में ये सभी काम आपको खुशी देता है

दूसरों की सहायता करें (Dusron ki sahayata karen)

एक चीनी कहावत है, ‘यदि आप एक घंटे की खुशियां चाहते हैं, तो नींद की एक झपकी लें। अगर आप एक दिन के लिए खुशी चाहते हैं, तो मछली पकड़ने चले जाएं। यदि आप एक वर्ष के लिए सुख चाहते हैं तो करोड़ों की विरासत हासिल करें। अगर आप जीवन की खुशी चाहते हैं तो दूसरों की सहायता करें’।

शोधकर्ताओं ने पाया है कि चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर बनने व नि:स्वार्थ भाव (सेल्फलेस एक्ट) से किए गए कामों के बीच एक संबंध होता है। कुछ अन्य स्टडीज में देखा गया है कि उदारता के कारण ब्रेन का एक क्षेत्र सक्रिय हो जाता है जो संतुष्टि और प्रतिफल चक्र(रिवार्ड साइकिल) से जुड़ा होता है। यह आपको उन लोगों से जोड़ता है जिन लोगों की आप सहायता कर रहे होते हैं। ऐसे में एक ऐसी गतिविधि चुनें जहां आप अपनी उदारता के प्राप्तकर्ताओं के साथ अधिक समय बिता सकें। यह किसी मित्र को जीवन में आगे बढ़ने या फिर सूप किचन (मुफ्त रसोई) में सहायता करना हो सकता है। सुनिश्चित करें कि आप ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आप ऐसा करना चाहते हैं। इसलिए नहीं कि आप पर कोई दबाव या बंधन है। ऐसा करके आप अपने जीवन में खुशी और आनंद के भंडार को खोल देंगे।

क्षमाशील बनें (Chamashil banen)

आपकी माफ करने की क्षमता आपके खुशी के अनुपात को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है। यह आपको चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर बनने की चाह को आसान कर सकती है। जो लोग ऐसा करते हैं वे आमतौर पर अधिक खुश, स्वस्थ व अधिक सहानुभूति रखने वाले होते हैं। ‘साइकोलॉजी टुडे’ के रिसर्च के अनुसार, ‘फॉरगिवनेस ट्रेनिंग (माफी देने का प्रशिक्षण) उन लोगों के आत्मसम्मान और आशा को बढ़ाता है। जो आहत हुए है और ऐसा करने से इन लोगों के तनाव को भी कम किया जा सकता है’।

छोटे कदमों से शुरुआत करें। उदाहरण के लिए किसी ऐसे समय को याद करें जब आपने किसी को जाने-अनजाने में आहत किया हो, फिर सोचें कि क्या आप उस अपराध के लिए खुद को माफ कर सकते हैं या नहीं। अपने आप से पूछें कि माफी मिल जाने के बाद आप कैसा महसूस कर रहे थे? उस व्यक्ति के साथ आपका संबंध कैसा है? आपने इस घटना से क्या सीखा? जब एक बार आप इन सवालों के जवाब पा लेंगे तो आप अपने दिल में क्षमा को जगह दें सकेंगे।

अपने कार्यों और विचारों को नियंत्रण में रखें (Apne karya aur vicharon ko niyantran mein rakhen)

आपका जीवन आपके विचारों और कार्यों की अभिव्यक्ति है। आईने देखें। उसमें दिखाई देने वाला व्यक्ति या तो आपका सबसे अच्छा मित्र है या फिर सबसे बड़ा दुश्मन। आप वही हैं, जैसा आप अपने बारे में सोचते हैं। जब आप यह जानते हैं कि आपके विचार और विश्वास कैसे आपकी सोच को संचालित करते हैं, आपके कार्यों और निर्णय को प्रभावित करते हैं, तो आप अधिक आत्मविश्वास के साथ चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे। इस तरह आप अपने जीवन के प्रसन्नता प्रमुख (चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर) बनने की दिशा में एक कदम बढ़ा लेंगे। उदाहरण के लिए, अगली बार जब आप किसी बात को लेकर नाराज़ या दुखी हो तो भावनाओं को अपने आप स्वीकार न करें। इसकी बजाय रुकें और उसपर विचार करें। अपने आप से पूछें, ‘मैं ऐसा क्यों महसूस कर रहा हूं?’ शांत होकर अपनी मांसपेशियों में पैदा हो रहे तनाव को दूर करने की कोशिश करें। ऐसा करने से आप अधिक राहत महसूस करेंगे और अधिक आत्म-जागरूक बनेंगे। चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर बनने की चाह में आप जो महसूस करते हैं और सोचते हैं उसे संभालने में सक्षम होंगे।

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