महात्मा गांधी के अनमोल विचार

महात्मा गांधी के ये 7 अनमोल विचार आज भी हैं प्रासंगिक

स्वतंत्रता दिवस पर देशभर में लोग जश्न मना रहे हैं। राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। ऐसे में हम आपके लिए लाए हैं महात्मा गांधी के अनमोल विचार, जो हमें एक नेक इंसान बनने की दिशा में मोटिवेट कर सकते हैं।

मोहन दास करमचंद गांधी या यूं कहे महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को हुआ था। वे ना सिर्फ हमारे देश के राष्ट्रपिता थे, बल्कि वे दुनिया भर के सबसे पसंद किए जाने वाले शख्सियत में शुमार थे। देश की आज़ादी के लिए गांधी जी ने कई आंदोलनों की अगुवाई की। इसके लिए उन्होंने बकायदा सविनय अवज्ञा और अहिंसा के मार्ग को अपनाया और दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रेरित किया। गांधी जी द्वारा शुरू किए गए अहिंसा आंदोलनों का प्रभाव इतना अधिक था कि नेल्सन मंडेला और मार्टिन लूथर किंग जूनियर समेत दुनिया भर के कई प्रभावशाली नेता भी उनसे काफी प्रभावित हुए। महात्मा गांधी के अनमोल विचार ही थे, जिससे पूरी दुनिया इतनी प्रभावित हुई।

इसलिए तो कहा गया है कि गांधी जी का प्रभाव सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक गलियारे तक ही सीमित नहीं था। महात्मा गांधी के अनमोल विचार से हमें सार्थक जीवन जीने के तरीके पर चिंतन-मनन करने के लिए पर्याप्त खुराक भी दिया। महात्मा गांधी के अनमोल विचार आज भी हमें जीवन के हर मोड़ पर प्रभावित करते हैं। बापू ने जीवन में हमें शांति, सादा जीवन, दया और करुणा के बारे में जो सीख दी है, वे आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने कि पहले हुआ करते थे। स्वतंत्रता दिवस पर देशभर में लोग जश्न मना रहे हैं। राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। ऐसे में हम आपके लिए लाए हैं महात्मा गांधी के अनमोल विचार, जो हमें एक नेक इंसान बनने की दिशा में मोटिवेट कर सकते हैं। पेश है महात्मा गांधी के अनमोल विचार … 

शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती, बल्कि यह एक अदम्य इच्छा शक्ति से आती है।

हम लोगों में से अधिकतर खुद के अंदर सुधार लाने की ज़रूरतों के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ होंगे। हालांकि, आमतौर पर अधिकांश लोगों का बाहरी पहलूओं जैसे फिजिकल फिटनेस और नए-नए स्किल हासिल करने पर ही जोर रहता है। ऐसे में हम लोग इस बात को भूल जाते हैं कि एक मज़बूत इच्छाशक्ति के बिना हम कुछ भी हासिल नहीं कर सकते हैं, जो हम चाहते हैं। गांधी जी इसके साक्षात उदाहरण थे। महात्मा गांधी के अनमोल विचार में से एक – “शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती, बल्कि यह एक अदम्य इच्छा शक्ति से आती है।” वे आत्मिक रूप से काफी मज़बूत थे। इसी की बदौलत शारीरिक रूप से कमज़ोर होने के बावजूद उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लोहा लिया। कुछ हद तक शारीरिक रूप से मज़बूत होने से मदद मिल सकती है, लेकिन सिर्फ इसी के दम पर आप जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ सकते हैं, विशेष रूप से किसी विपरीत परिस्थिति के वक्त। यदि आपके भीतर मज़बूत इच्छाशक्ति है, तो आप किसी भी चुनौतीपूर्ण स्थिति का बखूबी सामना कर सकते हैं।

खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद को दूसरों की सेवा में लगा दें।

महात्मा गांधी के अनमोल विचार इस बात का समर्थन है कि खुद को खोजने और जीवन में खुशी के पल पाने का सबसे बेहतर तरीका है कि आप दूसरों की मदद करें। अपने व्यक्तिगत ज़रूरतों का ख्याल रखते हुए भी हम दूसरे लोगों की सेवा करके अपने जीवन को काफी हद तक सार्थक बना सकते हैं। छोटे-छोटे दयाभाव वाले काम भी आपकी ज़िंदगी में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने में कारगर साबित हो सकते हैं। अपनी हैसियत के मुताबिक किसी एक ज़रूरतमंद इंसान की मदद करके भी आप अपने जीवन को समृद्ध बना सकते हैं और इससे आपके जीवन के उद्देश्यों में भी बढ़ोतरी हो सकती है। यहां तक कि कुछ अध्ययन से भी इस बात की पुष्टि होती है कि देने की खुशी लंबे समय तक बरकार रहती है, जबकि कुछ लेने की खुशी क्षण भर के लिए भी नहीं टिक पाती है। महात्मा गांधी के अनमोल विचार हमें काफी कुछ सीख देते हैं।

कमज़ोर कभी माफ नहीं कर सकते, जबकि क्षमा ताकतवर की विशेषता है।

जब हमें कोई नुकसान पहुंचाता है या कोई धोखा देता है, तो ऐसी स्थिति में हम काफी गुस्से हो जाते हैं और हमारे भीतर द्वेष का भाव पैदा होता है। इसकी वजह से मन में बदला लेने का ख्याल आने लगता है। लेकिन, द्वेष और आक्रोश को लंबे समय तक थामे रहने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य और व्यक्तित्व पर बुरा असर डालते हैं। गांधी जी के अनमोल वचन हमें काफी कुछ सीख देते हैं। वहीं, दूसरी तरफ दूसरों को क्षमा करने की आदतें हमारी आंतरिक शांति को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। इसके अलावा किसी को माफ करने का मतलब यह कतई नहीं होता कि आप एक कमज़ोर इंसान हैं। अगर आप किसी इंसान को उसकी पुरानी गलतियों के लिए माफ कर देते हैं, तो यह आपका बड़प्पन है। इससे यह लगाता है कि आपका दिल बहुत बड़ा है। अगर आप ईर्ष्या भाव का त्याग कर सकते हैं, तो इस दुनिया को एक बेहतरीन और खूबसूरत जगह बनाने में काफी मदद करेगा।

खुद में वो बदलाव लाएं, जो आप दुनिया में देखना चाहते हो।

हममें से कई लोग अक्सर दुनिया में बदलाव लाने की बात करते हैं। मगर, बहुत कम ही लोगों को यह मालूम है कि इसे किस तरीके से हासिल करना है। महात्मा गांधी के अनमोल विचार हमें सीख देते हैं कि अगर हम कुछ बदलाव करना चाहते हैं, तो सबसे पहले इसकी शुरुआत हमें खुद से ही करनी होगी। हमें खुद-ब-खुद इस बदलाव के लिए उदहारण पेश करना होगा, जिससे दूसरे लोग भी ऐसे करने के लिए आपसे प्रेरित हो सकें। यह मायने नहीं रखता है कि हम क्या करते हैं। यह आपके सिद्धांत और विश्वास से ही झलकना चाहिए। मिसाल के तौर पर, जब हम खुद समय के पाबंद होते हैं, तो हम दूसरे लोगों को भी समय की पाबंदी की अहमियत के बारे में बखूबी सिखा सकते हैं।

स्वास्थ्य ही असली धन है ना कि सोने और चांदी के टुकड़े।

हमने अपने स्वास्थ्य पर पहले कभी इतना ध्यान नहीं दिया होगा, जितना कि अब देते हैं। कोविड 19 महामारी ने हमें सिखा दिया है कि अगर ज़िंदगी का सुख भोगने के लिए आपका स्वास्थ्य आपका साथ नहीं दे पा रहा है, तो जीवन में अधिक से अधिक पैसा जुटाने से कुछ मिलने वाला नहीं है। इसके अलावा अगर हम शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रहते हैं, तो हम अंदर से भी काफी बेहतर महसूस करते हैं। इसका तात्पर्य यह है कि हम खुद-ब-खुद अच्छा  और खुशी महसूस करेंगे। अगर आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो आपके पास तमाम सुविधाएं मौजूद रहने के बावजूद इसका कोई मतलब नहीं है। इस स्थिति में हम कभी भी अपनी ज़िंदगी अच्छे ढंग से जी नहीं सकते हैं। महात्मा गांधी के अनमोल विचार से हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता बरतने की सीख मिलती है।

विश्वास कुछ समझने की चीज़ नहीं है, यह विकसित होने की अवस्था है।

विश्वास एक ऐसा भरोसा है, जो हमें किसी चीज़ को समझने के लिए एक मज़बूत धारणा पैदा करता है। यह आस्था धर्म के प्रति हो सकती है। यह खुद के अंदर या दूसरों में एक मज़बूत विश्वास और आत्मविश्वास के रूप में हो सकता है। यह मन की वह अस्वस्था है जो ज़िंदगी के मुश्किल से मुश्किल हालातों में भी एक उम्मीद की रोशनी प्रदान कर सकती है। लेकिन, जो भी हमें विश्वास के पचड़े में नहीं पड़ना चाहिए। इसकी बजाय हमें खुद को इसका अनुभव लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए। धीरे-धीरे हमें यह बात समझ में आ जाएगी कि हमारे जीवन में इसके क्या मायने हैं। यह हमें एक खास मुकाम दिला सकता है और जीवन के उद्देश्यों को निर्धारित करने में भी सहायता कर सकता है। इसके अलावा जीवन में आने वाली तमाम परिस्थितियों से लड़ने में सक्षम बनाने में भी मदद कर सकता है। महात्मा गांधी के अनमोल विचार से हमें यहीं ज्ञान मिलता है।

जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो, तब तक उस आज़ादी का कोई अर्थ नहीं है।

गलती करना इंसान का स्वाभाविक गुण है। अगर हम जीवन में किसी प्रकार की कोई गलती नहीं करेंगे, तो हम कुछ भी नहीं सीख पाएंगे और इस तरह कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। हर इंसान जीवन में कभी न कभी ठोकर ज़रूर खाता है और उस स्थिति का सामना करता है। अगर हम गिरना नहीं सीखते, तो आपको लगता है कि जीवन में यह कभी सीख पाते कि कैसे चलना है? हम अपनी असफलताओं से ही सभी चीज़ें सीखते हैं और जीवन में सुधार लाने की तरफ प्रेरित होते हैं। तभी हम बेहतर बन सकते हैं। महात्मा गांधी के अनमोल विचार इस बात पर ज़ोर देते हैं कि गलतियां जीवन का एक अभिन्न हिस्सा हैं। हमें अपने आपको इस अधिकार का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह से छूट दे देनी चाहिए और बगैर सोचे-समझे परफेक्शनिज्म के पीछे नहीं भागना चाहिए।

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