कोई भी deal sign करते समय ध्यान रखें इन बातों का

सौदा करना कोई आसान बात नहीं

डील कर्मचारियों और शेयरधारकों के लिए बेशक बहुत पैसा कमाने में मदद करें, लेकिन अगर यह पर्यावरण, पारिस्थितिकी या प्रकृति में समस्या पैदा करती है, तो आपको दो बार ज़रूर सोचना चाहिए।

सौदा करना किसी भी व्यवसाय के लिए सबसे ज़रूरी पहलुओं में से एक है। कोई भी कर्मचारी और शेयरधारक सौदा कर के बहुत पैसा कमा सकते हैं। लेकिन, सौदा करते समय हमें पर्यावरण, पारिस्थितिकी या प्रकृति आदि का ध्यान रखना ज़रूरी है। सिर्फ अपने स्वार्थ मात्र से हम दूसरों के जीवन को संकट में नहीं डाल सकते हैं। इसलिए कोई भी सौदा करने से पहले दो बार ज़रूर सोचना चाहिए।

कोई भी लीडर या व्यवसायी को अपने जीवन में ज़रूर कोई बड़ी डील पर साइन करना पड़ता है, जिसके लिए उसे कई ज़रूरी फैसले लेने पड़ते हैं। कभी-कभी उन्हें डील साइन करते समय कई पहलुओं का ध्यान रखना पड़ता है, जैसे- वित्तीय प्रभाव, नैतिकता और भविष्य में उसके वर्तमान बाजार पर पड़ने प्रभाव आदि।

इस तरह की कठिन स्थिति में जब लीडर को वर्तमान और भविष्य के बीच फैसला करना होता है, तब चाणक्य का यह सुझाव बेहद मददगार हो सकता है, लीडर को पहले सुरक्षा बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए।

चाणक्य सुझाव देते हैं कि, “लीडर को उस नीति के हिसाब से कभी भी काम नहीं करना चाहिए, जो उसे गर्त की तरफ लेकर जाएं और उसकी बर्बादी का कारण बने। साथ ही दूसरों के बारे में भी सोचना चाहिए।”

चाणक्य की एक नीति को अपनाने के साथ आप किसी भी डील को साइन करते समय निम्न पहलुओं का ध्यान रखें:

वित्तीय पहलू

धन सृजन, धन का विस्तार और धन प्रबंधन का समागम ही व्यवसाय है। एक लीडर के रूप में आपको इस समागम का ध्यान रखना चाहिए। अपने द्वारा सृजित धन को सुरक्षित करें, इशके बाद मौजूदा धन के प्रबंधन पर ध्यान दें और अंत में भविष्य में किए जाने वाले धन विस्तार के उपायों पर ध्यान केंद्रित करें। इन तीनों पहलुओं पर अमल करते वक्त भावनाओं को थोड़ा परे रख दें। लेकिन, हकीकत तो यह है कि आप हमेशा भावनाओं को दरकिनार नहीं कर सकते हैं। इसलिए कुछ सौदों के लिए मानवीय पहलू भी देखना चाहिए।

मानवीय पहलू

किसी भी व्यवसाय के लिए सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति मानव यानी कि उसके कर्मचारी हैं। कोई भी व्यवसाय कर्मचारियों के मेहनत से ही फूलता-फलता है। इसलिए बतौर लीडर आपको न सिर्फ उनकी भलाई और विकास की ओर ध्यान देना चाहिए, बल्कि आपको कार्यों के कारण उनके मनोबल पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में भी सोचना चाहिए।

कितनी भी बड़ी टीम क्यों ना हो, बिना उत्साह के वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं। वहीं, छोटी से छोटी टीम भी बड़े-बड़े काम कर जाती है, क्योंकि उनमें उत्साह भरा जाता है। यही उत्साह किसी भी बड़ी उपलब्धि का कारण बनता है।

सामाजिक पहलू

वित्तीय और मानवीय पहलू के साथ सामाजिक पहलू भी बहुत महत्वपूर्ण है। यहां तक ​​कि अगर आप किसी डील को फाइनल करने के लिए ऊपर के दोनों पहलुओं का ध्यान रखते हैं, तो भी इससे पड़ने वाले सामाजिक प्रभाव के बारे में आपको सोचना ही पड़ेगा। डील कर्मचारियों और शेयरधारकों के लिए बेशक बहुत पैसा कमाने में मदद करें, लेकिन अगर यह पर्यावरण, पारिस्थितिकी या प्रकृति में समस्या पैदा करती है, तो आपको दो बार ज़रूर सोचना चाहिए।

इन पहलुओं का एक बेहतर उदाहरण गॉडफादर से प्रेरित ‘सरकार’ फिल्म के एक दृश्य में स्पष्ट झलकता है।

फिल्म में एक ड्रग डीलर, डॉन के पास जाता है। वह ड्रग शिपमेंट के नए बाजार के लिए एक बड़ा सौदे की पेशकश करता है।

ड्रग की खेप बेचने के लिए एक बड़ी रकम भी देने की बात होती है, लेकिन डॉन साफ इनकार कर देता है, क्योंकि यह ऊपर बताए गए तीनों पहलुओं के बारे में सोचता है। वह इस बात को भी समझता है कि उसकी टीम भले ही ज्यादा पैसा कमा ले, लेकिन ड्रग युवाओं और आने वाली पीढ़ियों का भविष्य बर्बाद कर देगी।

हालांकि, वास्तविक जीवन में बातचीत करना आसान ना हो, लेकिन किसी भी समस्या का हल बात करने से ही निकलता है। डील साइन करते समय जो ‘विचार’, ‘अध्ययन’ और ‘शोध’ पर ध्यान दिया जाता है, इन सभी का प्रभाव अंतिम परिणाम पर पड़ता है।

तो इस तरह से आप अपने स्वविवेक पर ध्यान दें, दिमाग के साथ-साथ दिल की भी सुनें और परिपक्वता के साथ डील साइन करें।

डॉ राधाकृष्णन पिल्लई एक भारतीय मैनेजमेंट थिंकर है, लेखक और आत्म-दर्शन और चाणक्य आंविक्षिकी के संस्थापक हैं। डॉ पिल्लई ने तीसरी सदी ईसा पूर्व के ग्रंथ कौटिल्य के अर्थशास्त्र पर रिसर्च की है और इसे माॉडर्न मैनेजमेंट में शामिल किया है ।

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