शिक्षक दिवस

Teacher’s day: शिक्षक और छात्र को शिक्षा की डोर से बांधता एक दिन

एक शिक्षक हमें सिर्फ अक्षर ज्ञान ही नहीं सिखाते बल्कि समय-समय पर ज़िंदगी की सच्चाइयों से भी रु-ब-रु कराते हैं। छात्र शिक्षक के ज्ञान पर पूरा विश्वास करता है और जैसा शिक्षक उसे सिखाते हैं, वो वही सब सीख लेता है।

गुरूगोविंद दोनों खड़े काके लागूं पाय,

 बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए

हर व्यक्ति के जीवन में मां के बाद कोई आता है जो उसको शिक्षा देता है तो वो गुरु है। एक गुरु या शिक्षक बिना किसी स्वार्थ के छात्रों को शिक्षा देते हैं और उन्हें आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं।

 “गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु,गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः” 

इस मंत्र का अर्थ है कि हमारे शास्त्रों में भी गुरु को सबसे ऊपर माना गया है। एक शिक्षक हमें सिर्फ अक्षर ज्ञान ही नहीं सिखाते बल्कि समय-समय पर ज़िंदगी की सच्चाइयों से भी रु-ब-रु कराते हैं। छात्र शिक्षक के ज्ञान पर पूरा विश्वास करता है और जैसा शिक्षक उसे सिखाते हैं, वो वही सब सीख लेता है।

शिक्षक और छात्र का रिश्ता बहुत पुराना है। गुरु द्रोणाचार्य ने अर्जुन को धनुष विद्या सिखाई और अर्जुन धनुष विद्या में माहिर हो गया। अंगुलिमाल जैसे खूंखार डाकू पर बुद्ध ने अपने ज्ञान का प्रकाश डाला और उसे संत बना दिया।

हर बुराई और कमी को मिटाने के लिए शिक्षक की अहम भूमिका होती है। इसी अनमोल और अनोखे रिश्ते को मनाने के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाता है, ताकि शिक्षक और छात्र के बीच मौजूद ज्ञान की ये डोर और भी मजबूत होती रहे। आइए जानते हैं शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाते हैं और साथ ही डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में भी ज़रा विस्तार से जानते हैं।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? (Shikshak Divas kyon manaya jata hai?)

भारत के पहले उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक दार्शनिक, शिक्षक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। उनके जन्मदिवस को, शिक्षकों के उनके छात्रों के प्रति योगदान और ईमानदारी को समर्पित किया गया है।

ऐसा कहा जाता है कि एक बार उनके छात्रों ने उनसे उनके जन्मदिन को मनाने‌ की आज्ञा मांगी। तब राधाकृष्णन ने कहा कि वो अपना जन्मदिन ऐसे नहीं मनाना चाहते, वो अपना जन्मदिन सारे शिक्षकों को समर्पित करना चाहते हैं, ताकि देश का हर युवा अपने जीवन में मौजूद शिक्षक की अहमियत समझ पाएं और शिक्षक भी छात्रों के प्रति अपने कर्तव्यों को याद रख सकें। तभी से हर साल 5 सितंबर को यानी उनके जन्मदिवस को, शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है? (Shikshak Divas kab manaya jaata hai?)

भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है‌। यह कई अलग-अलग तरीकों से भारत के स्कूल और कॉलेज में सेलिब्रेट किया जाता है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन कौन थे? (Dr. Sarvpalli Radhakrishnan kaun the?)

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक दार्शनिक और शिक्षक थे। उन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष से ज़्यादा बच्चों को शिक्षित करने में गुज़ार दिये। उन्होंने अपने जन्मदिवस को भी शिक्षकों के सम्मान में समर्पित कर दिया।

1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ, डॉ राधाकृष्णन ने यूनेस्को में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 1949 से 1952 तक वह सोवियत संघ में भारत के राजदूत रहे। वह भारत की संविधान सभा के लिए चुने गए और बाद में 1962-67 तक पहले उपराष्ट्रपति और फिर में भारत के राष्ट्रपति बनें। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था और उनकी याद में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने ‘राधाकृष्णन शेवनिंग स्कॉलरशिप’ और ‘राधाकृष्णन मेमोरियल अवार्ड’ की स्थापना की। उन्हें 1961 में ‘जर्मन बुक ट्रेड का शांति पुरस्कार’ भी मिला था। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे। इस शिक्षक दिवस के मौके पर उनकी प्रतिभा और कौशल को हम प्रणाम करते हैं।

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