कहां से आए दिनों के नाम?

कहां से आए दिनों के नाम?

ऐसा माना जाता है कि सात दिन के सप्ताह की यह धारणा यवनों से शुरू हुई थी।

लोग सप्ताह में अलग-अलग दिन व्रत रखते हैं- जैसे सोमवार के दिन शिव के लिए व्रत, मंगलवार के दिन हनुमान की पूजा, शुक्रवार के दिन संतोषी मां के लिए व्रत, शनिवार के दिन शनि देव के लिए व्रत इत्यादि। लेकिन सप्ताह का उल्लेख ना वेदों में, ना शास्त्रों में, ना रामायण में और ना ही महाभारत में किया गया है। इन ग्रंथों में समय की गणना, दिनों को मापने के लिए तिथि और शुक्ल व कृष्ण पक्ष की बातें तो की गई हैं, लेकिन सप्ताह की कोई चर्चा नहीं है। सात दिन के सप्ताह के बारे में भारत में पहली बार उल्लेख गुप्त काल में मिलता है। इस प्रकार भारत में सप्ताह की शुरुआत करीब 1500 वर्ष पहले हुई, लेकिन यह बात आई कहां से?

ऐसा माना जाता है कि सात दिन के सप्ताह की यह धारणा यवनों से शुरू हुई थी। यवन लोग यूनान के रहने वाले थे। कहा जाता है कि इन्हें यह बात बेबीलोन से सूझी। बेबीलोन, मेसोपोटामिया (आज का इराक) में स्थित था। मेसोपोटामिया में चांद पर आधारित महीने को सात-सात दिनों के चार भागों में विभाजित किया गया था। इन सात दिनों में से सभी दिन एक-एक देवता के साथ जोड़े गए। यह देवता वे आकाशीय पिंड थे, जो धरती से दिखाई देते थे अर्थात सूरज, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि। इस तरह केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व भर में रविवार को सूर्य के साथ, सोमवार को चांद के साथ और मंगलवार को मंगल ग्रह के साथ जोड़ा गया है।

अंग्रेज़ी में ट्यूसडे नाम ‘तिउ’ (Tiw) नामक उत्तर यूरोपीय देवता स्कैंडिनैवियन (Scandinavian) से जुड़ा हुआ है। यह वाइकिंग देवता हैं, जिन्हें वहां के लोग ईसाई धर्म के आने से पहले पूजते थे। अंग्रेज़ी में वेडनेसडे नाम यूनान के युद्ध के देवता ‘वोटन’ के साथ जोड़ा गया है, जो बुध ग्रह से मिलते हैं। थर्सडे नाम ‘थॉर’ नामक देवता के साथ जुड़ा हुआ है। थॉर गुरु ग्रह से जुड़े हुए हैं और भारत में भी गुरुवार नाम गुरु ग्रह से जुड़ा हुआ है। फ्राइडे नाम ‘वीनस’ ग्रह से जुड़ा हुआ है। वीनस ग्रह की देवी का नाम फ़्रेया है, जिससे फ्राइडे नाम आया। भारत में शुक्रवार नाम शुक्राचार्य या शुक्र ग्रह से जुड़ा हुआ है। अंग्रेज़ी में सैटरडे नाम सैटर्न के साथ जुड़ा हुआ है, जबकि भारत में शनिवार शनि ग्रह के साथ जुड़ा हुआ है।

इस तरह पूरे विश्व में सात दिन का सप्ताह प्रचलित है और सभी दिन किसी न किसी ग्रह/तारे के साथ जुड़े हुए हैं। लेकिन जब यह धारणा यहूदियों के राज्य जुदेआ पहुंची, तब उन्होंने इन सात दिनों को देवताओं और ग्रहों से जुड़े नाम ना देते हुए उन्हें 1,2,3,4,5,6 के नाम दिए। उन्होंने सातवें दिन को शबथ (Sabbath) का नाम दिया, वह दिन जब भगवान विश्राम करते हैं, क्योंकि बाइबिल के अनुसार भगवान ने दुनिया को छह दिन में रचा था और एक दिन विश्राम किया था। यहूदियों का मानना है कि भगवान ने छठे दिन विश्राम किया था। इसलिए इज़राइल में शनिवार के दिन छुट्टी होती है।

वीकेंड का निर्माण कैसे हुआ, इसकी भी कहानी मज़ेदार है। इसका निर्माण सौ वर्ष पहले अमेरिका में हुआ था। वहां के यहूदी लोग शनिवार के दिन काम नहीं करना चाहते थे और ईसाई रविवार के दिन काम नहीं करना चाहते थे। इसलिए शनिवार और रविवार दोनों दिनों को छुट्टी मानकर वीकेंड की अवधारणा सामने आई।

साल 1929 और 1940 के बीच पूर्वी सोवियत यूनियन में किसानों के अलावा फैक्ट्री और कारोबार में काम करने वाले अधिकतर लोग पांच या छह दिन के हफ्ते के आधार पर काम करते थे। फ्रांस में अक्टूबर 1793 से अप्रैल 1802 तक साढ़े नौ वर्षों के लिए 10 दिन का प्रयोग किया गया। इसे ‘डेकेड’ कहा गया।

देवदत्त पटनायक पेशे से एक डॉक्टर, लीडरशिप कंसल्टेंट, मायथोलॉजिस्ट, राइटर और कम्युनिकेटर हैं। उन्होंने मिथक, धर्म, पौराणिक कथाओं और प्रबंधन के क्षेत्र मे काफी काम किया है।

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