सुकून पाना है, तो देवदार के पेड़ों-पहाड़ों से घिरे शिमला में आइए

देवदार के घने जंगल, कॉलोनिय आर्किटेक्चरल बिल्डिंग, अमेजिंग सनसेट व्यू और बहुत से खूबसूरत नज़ारों से बना है शिमला। आपका ये लेखक सोलवेदा के सफरनामा सीरीज को आगे बढ़ाते हुए पहुंच चुका है हिमाचल की राजधानी शिमला, जिसे क्वीन्स ऑफ हिल्स भी कहा जाता है। तो चलिए मैं और आप मिलकर इस ट्रिप को इंज्वॉय करते हैं।

कुछ तो राबता है इन वादियों से हमें, वरना यूं ही नहीं सुकून मिलता, यहां इन पहाड़ों में आकर हमें। शिमला (Shimla) एक ऐसी जगह है जो ब्रिटिश को इतनी पसंद आई थी कि इंडिया में ब्रिटिश रूल के समय उन्होंने इसे भारत का समर कैपिटल बना दिया था। देवदार के घने जंगल, कॉलोनिय आर्किटेक्चरल बिल्डिंग, अमेजिंग सनसेट व्यू और बहुत से खूबसूरत नज़ारों से बना है शिमला। आपका ये लेखक सोलवेदा के सफरनामा सीरीज को आगे बढ़ाते हुए पहुंच चुका है हिमाचल की राजधानी शिमला, जिसे क्वीन्स ऑफ हिल्स भी कहा जाता है। तो चलिए मैं और आप मिलकर इस ट्रिप को इंज्वॉय करते हैं।

शिमला पहुंचने के लिए तो वैसे बहुत से साधन हैं, लेकिन टॉय ट्रेन (Toy Train) से शिमला जाने का मज़ा ही कुछ और है। तो मैं पहुंच चुका था कालका रेलवे स्टेशन, जहां से शिमला के लिए टॉय ट्रेन (नैरो गेज ट्रेन) चलती है। स्टेशन पहुंचते ही मैंने 30 रुपए में जनरल डिब्बे का टिकट कटवा लिया और पैसेंजर ट्रेन से अपने यात्रा की शुरुआत कर दी। हालांकि ट्रेन में भीड़ नहीं थी, लेकिन सभी सीटें भरी हुई थी। ट्रेन में चढ़ते ही मुझे खिड़की वाली सीट मिल गई, जो कि इस सफर को आनंद दायक बनाने में काफी सहायक सिद्ध हुआ। इस रेलवे लाइन की सबसे मुख्य आकर्षण सुरंगे हैं साथ ही रेलवे लाइन के किनारे खड़े देवदार के पेड़ हैं। जो इस सफर को और सुहाना बना देते हैं। कालका-शिमला रेलवे को वर्ल्ड हेरिटेज साइट (World Heritage Site) में भी यूनेस्को ने शामिल कर रखा है।

कालका-शिमला रेलवे लाइन (Kalka-Shimla Railway Line) का इस पर बने सुरंग, जिसमें सबसे फेमस है बडोग सुरंग, जो कि एक किलोमीटर लंबा है और एक सिरे से इसका दूसरा सिरा दिखता है। बडोग में ट्रेन 10 से 15 मिनट रुकती है। यहां आपको खाने-पीने का सामान मिल जाएगा। वहीं, इस रास्ते में कुछ पुल भी हैं, जो कि काफी आकर्षक हैं। एक पुल तो चार मंजिला है। जहां से गुजरते हुए आपको एहसास होता है कि टॉय ट्रेन लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र क्यों बना हुआ है।

इस सफर का आंनद लेते हुए मैं पहुंच चुका था शिमला रेलवे स्टेशन, जो कि मॉल रोड के पास ही स्थित है। स्टेशन से निकलते ही आपको एहसास हो जाएगा कि आखिरकार शिमला को क्वीन्स ऑफ हिल्स क्यों कहा जाता है। शिमला शहर के चारों ओर ऊंचे-ऊंचे पहाड़ हैं और उसपर देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़ जो कि शिमला की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं।

शिमला रेलवे स्टेशन पहुंचते ही मुझे ठंड का एहसास होने लगा था, तो मैं पहुंच गया चाय की दुकान पर और एक कप चाय पी। वैसे तो इस चाय से ठंडक कम नहीं हुई, लेकिन खुद को लगा कि हां, चाय पीने से ठंड कुछ कम हो गई है। यहां से मैं पहुंचा होटल, जो मैंने पहले ही बुक करावा लिया था। फिर खाना खाने के बाद मैं निकल पड़ा शिमला को महसूस करते हुए इसे अपनी यादों में समटने। होटल से निकलते ही मैं सोचने लगा कि कहां जाऊं, फिर मेरे दिमाग में घूमा जो शिमला को महसूस करने के लिए मॉल रोड से बेहतर और कोई जगह नहीं हो सकती है। मैंने आसपास के लोगों से पूछा जो मॉल रोड कितनी दूर है उन्होंने बताया बस पास में ही है। मुझे भी लगा जब पास में ही है, तो पैदल ही चला जाए, इस बहाने भी शहर को समझने और देखने का मौका मिल जाएगा। अपने आसपास की चीज़ों को निहारते और महसूस करते-करते मैं कब मॉल रोड पहुंच गया पता ही नहीं चला।

मॉल रोड पहुंचते ही आपको एहसास होगा कि क्यों इसे क्वीन्स ऑफ हिल्स (Queens of Hills) कहा जाता है और अंग्रेजों ने इसे समर कैपिटल क्यों बनाया था। यहां की खूबसूरती देखते ही बनती है। यहां चारों ओर अंग्रेजों के ज़माने की इमारतें हैं, जो हमें भारत में कुछ अलग ही तरह का फील करवाता है।

यहां आकर एक और चीज़ पता चला कि आखिरकार शिमला का नाम शिमला क्यों पड़ा। स्थानीय लोगों के अनुसार इसका नाम श्यामला माता से मिलता है, जो काली देवी का एक अवतार है और देवी को समर्पित एक मंदिर है, जिसे रिज के पास स्थित काली बाड़ी मंदिर के नाम से जाना जाता है।

मॉल रोड से सबसे फेमस इमारत क्राइस्ट चर्च है, जिसे 1857 में बनाया गया था। यह चर्च नॉर्थ इंडिया का दूसरा सबसे पुराना चर्च है। चर्च अंदर से जितना खूबसूरत है बाहर से भी उतना की खूबसूरत है। यह चर्च शिमला के सबसे प्रमुख स्थानों में से एक है। वहीं, इसके पास ही विशाल तिरंगा झंडा लगा हुआ है, जो कि टूरिस्ट को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां पहुंचने वाले लोग इस झंडे के पास फोटो खिंचवाने से खुद को नहीं रोक पाते हैं। सूर्यास्त के समय इस जगह का नज़ारा देखने लायक रहता है। आप यहां पर प्रकृतिक सुंदरता और लोगों की गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।

रिज से दो किमी की दूरी पर स्थित है जाखू पहाड़ी। यह शिमला का सबसे ऊंचा स्थान है, जहां से आप पूरे शहर का शानदार दृश्य देख सकते हैं। यहां हनुमान जी का मंदिर बना है। यह मंदिर 8000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसके अलाव में शिमला में घूमने के लिए काफी जगह हैं, जैसे काली मंदिर, वाइसरीगल लॉज आदि। तो इस बार जब भी ऑफिस में छुट्टी मिले, तो निकल चलिए शिमला के लिए। आपको मेरे साथ इस यात्रा पर कैसा लगा कमेंट करके हमें ज़रूर बताएं और मेरे साथ इस तरह की और यात्रा पर चलने के लिए पढ़ते रहे सोलवेदा