मालशेज घाट झरना

पक्षियों की विशाल शृंखला का अद्भुत घर है मालशेज घाट

हर मौसम में खूबसूरत दिखने वाला मालशेज घाट प्रकृति से प्यार करने वाले और ट्रैकर्स के लिए पसंदीदा जगह है। शहर की भाग-दौड़ से दूर यहां ऐसा सुकून मिलता है, जैसे आपने खुद को खुद में ढूंढ लिया हो।

एक ऐसा पर्वतीय स्थल, जहां किसी भी मौसम में चले जाइए आप प्रकृति के अनेक रूप और रंग देखकर बिना मुग्ध हुए नहीं रह पाएंगे। यहां की खूबसूरती में आप ऐसा खो जाएंगे कि यहां से लौटने का मन नहीं करेगा। अगर यहां मॉनसून में चले गए, तोआपको यहजगह किसी जन्नत से कम नहीं लगेगी। यहां की सुंदरता ऐसी है कि आप इसे पूरे दिन निहारते रहेंगे और बादल आपके साथ कदम से कदम मिला कर चलते हुए नज़र आएंगे। हम बात कर रहे हैं मालशेज घाट (Malshej Ghat)की, जो महाराष्ट्र के पुणे के पास स्थित है।

यहां की खूबसूरती की कई कहानियां सुनने और पढ़ने के बाद, मैं भी यहां जाने के लिए निकल पड़ा। पुणे से साढ़े तीन घंटे का सफर करके जब मैं यहां पहुंचा, तोखुद कोप्राकृतिक सुंदरता के बीच पाकर एक अलग तरह का सुकून महसूस हुआ। हर मौसम में खूबसूरत दिखने वाला मालशेज घाट प्रकृति से प्यार करने वाले और ट्रैकर्स के लिए पसंदीदा जगह है। शहर की भाग-दौड़ से दूर यहां ऐसा सुकून मिलता है, जैसे आपने खुद को खुद में ढूंढ लिया हो।

तो चलिए सोलवेदा हिंदी के इस सफरनामा में हम आपको मालशेज घाट की सुंदरता से रूबरू करानेके साथयहजगह पक्षियों की विशाल शृंखला कैसे है,इसके बारे में भी बताएंगे। इसके अलावा यहां आसपास में कौन सी जगह घूमने लायक है, इसके जानकारी भी आपको आगे मिलेगी।

पैदल यात्रा और ट्रैकिंग ट्रेल्स (Paidal Yatra aur Trekking Trails)

मालशेज घाट तो वैसे प्रकृति से प्यार करने वाले लोगों के लिए बहुत सुंदर जगह है। साथ ही हाइकिंग और ट्रैकिंग पसंद करनेवाले लोगों के लिए भी यहां कई रास्ते हैं, जो काफी सुंदर होने के साथ ही शानदार दृश्य पेश करते हैं,जिन्हें देख कर आप खो जाएंगे। वहीं, पक्षियों से प्यार करने वाले लोगों के लिए भी ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है।

मालशेज घाट कई प्रजातियों के पक्षियों का घर है। इसमें साल में कुछ समय के लिए यहां आने वाले फ्लेमिंगो भी शामिल हैं। हरी-भरी पहाड़ियों के बीच इन खूबसूरत पक्षियों को देखना अलग ही आनंद की अनुभूति कराता है। यहां की खूबसूरती, कैंपिंग के लिए भी आदर्श है। यहां कई कैंप साइट भी हैं, जहां रात में रुक कर आप यहां की खूबसूरती और भी करीब से देख पाएंगे। यहां आप शहर से दूर प्राकृतिक नज़ारोंके बीच आसमान में तारों को निहारने का आनंद ले सकते हैं।

कालू जलप्रपात (Kalu Jalprapat)

मालशेज घाट में सबसे खूबसूरत और बेहतरीन जगह अगर कोई है, तो वो है कालू जलप्रपात जिसे मालशेज घाट झरनाके नाम से भी जाना जाता है।यह मालशेज घाट का सबसे ऊंचा और सबसे बड़ा जलप्रपात है। यह करीब 300 मीटर की ऊंचाई से गिरता है और बहुत ही मनोरम दृश्य बनाता है। यह इतना खूबसूरत है आप सिर्फ इसको देखने के बहाने, यहां जा सकते हैं। हालांकि, इसकी भव्यता जुलाई से अक्टूबर तक ज़्यादा दिखती है, क्योंकि यह मॉनसूनी जलप्रपात है। इसके अलावा भी यहां अगर आप बारिश के समय में जाएंगे, तो कईऔर जलप्रपात देखने को मिल जाएंगे।

हरिश्चंद्रगढ़ का किला (Harishchandra Ghat)

हरिश्चंद्रगढ़ का किला मालशेज घाट से एकदम सटा हुआ है। यह काफी पुराना किला है, जिससे सटी हुईं कई गुफाएं हैं। इन गुफाओं में सबसे ज़्यादा दर्शनीय केदारेश्वर गुफा है। हालांकि, यहां का शिवलिंग ज़्यादातर समय पानी डूबा रहता है। इसलिए शिवलिंग तक पहुंचना बहुत ही मुश्किल काम होता है।

शिवनेरी का किला (Shivneri ka Kila)

शिवनेरी का किला महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि भारतीय इतिहास में भी विशष महत्वरखता है। यह वो जगह है, जहां महाराज शिवाजी का जन्म हुआ था। सैकड़ों खड़ी चट्टानी सीढ़ियों पर चढ़ने के बाद आप यहां पहुंच सकते हैं। यहां एक छोटा सा कमरा है, जहां शिवाजी का जन्म हुआ था। यहां पर उनका पालना सुरक्षित रखा गया है। इसके लोग शिवाजी का मंदिर मानते हैं। शिवनेरी की बौद्ध गुफाएं तीसरी सदी की हैं।

पक्षी प्रेमियों के लिए पिपलगांव जोगा बांध (Pakshi premiyon ke liyePimpalgaon Joga Bandh)

कुकड़ी नदी की सहायक नदी पुष्पावती नदी पर बना यह बांध मालशेज घाट से 18 किलोमीटर दूर है। यह स्थान पक्षी देखने के लिए काफी फेमस है, खासकर फ्लेमिंगो। यहां हरियाली के पीछे चमकते पहाड़ और उनके पीछे ढलता सूरज आपका मन मोह लेगा। वहीं, डैम का शांत पानी और आसपास की हरियाली एक अलग ही अनुभव देगी। यहां बांध के पास एक मंदिर भी है, जो भगवान शिव को समर्पित है।

अजोबा हिल किला (Ajoba Hill Kila)

यह किला 1100 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ की चोटी पर बना हुआ है। यह पहाड़ धार्मिक मान्यता और प्राकृतिक सुंदरता के लिए तीर्थयात्रियों और ट्रैकर्स के बीच काफी लोकप्रिय है। पहाड़ पर किला के साथ-साथ कई मंदिर और गुफाएं हैं। इस गुफा की कहानीदिलचस्प है। यहां एक ऐसी गुफा है, जिसके बारे में बताया जाता है कि वनवास के समय में सीता माता ने यहां आराम किया था। इसलिए पूरे भारत से यहां लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। यहां घने कोहरे के पीछे कई पहाड़ियां दिखती हैं।

इसके अलावा भी मालशेज घाट में घूमने के लिए काफी कुछ है। तो सोलेवदा हिंदी की यह यात्रा आपको कैसी लगी, हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। इसी तरह के और भी सफर पर चलने के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।

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