युवाओं में बढ़ता डिप्रेशन: कैसे रखें युवा मेंटल हेल्थ का ध्यान?

पढ़ाई और नौकरी में होड़, परिवार और समाज की उम्मीदों का बोझ और दूसरों से हमेशा खुद की तुलना करने की आदत युवाओं को अंदर से कमज़ोर कर रही है।

किसी भी देश के युवा उस देश का भविष्य होते हैं। इसलिए देश के युवाओं का स्वस्थ होना बहुत ज़रूरी है। युवाओं में सोशल मीडिया का बढ़ता चलन और बात-बात पर एक-दूसरे से बढ़िया दिखने की होड़ के चलते युवाओं का बिगड़ता मानसिक स्वास्थ्य चिंता की वजह है। पढ़ाई और नौकरी में होड़, परिवार और समाज की उम्मीदों का बोझ और दूसरों से हमेशा खुद की तुलना करने की आदत युवाओं को अंदर से कमज़ोर कर रही है।

ऐसे में अपनी मेंटल हेल्थ को नज़रअंदाज़ करना युवाओं के आत्मविश्वास को कम कर सकता है और उनकी तरक्की को रोक सकता है। स्वामी विवेकानंद ने अपने विचारों में हमेशा युवाओं को सकारात्मक राह दिखाने की कोशिश की और युवा मेंटल हेल्थ को महत्व दिया। युवा उनकी बात से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें, इसके लिए स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को युवा दिवस (National Youth Day) के रूप में मनाया जाता है।

आइये, सोलवेदा के साथ जानें इस युवा दिवस पर कैसे युवा अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान रख सकते हैं।

युवाओं में बढ़ते डिप्रेशन के कारण (Yuvaon mein badhte depression ke karan)

रिसर्च की मानें तो युवाओं में डिप्रेशन के मामले दिन प्रति दिन तेजी से बढ़ रहे हैं। युवा के मेंटल हेल्थ के बिगड़ने की बहुत सी वजह हो सकती हैं। पढ़ाई और करियर के प्रेशर से युवाओं में तनाव, युवा के मेंटल हेल्थ खराब होने की सबसे बड़ी वजह है। आज के समय में एक युवा को स्कूल, कॉलेज, ऑफिस यहां तक की परिवार में भी काफी मानसिक दबाब होता है, और जब चीज़ें उम्मीद के अनुसार नहीं चलती तब वो खुद को कमज़ोर और हारा हुआ महसूस करने लगते हैं। सोशल मीडिया पर दूसरों की सफलता और लाइफस्टाइल देखकर खुद से तुलना करना भी उनके आत्मविश्वास को कमज़ोर कर सकता है।

जब घर में या दोस्तों में ऐसा माहौल नहीं मिलता जिससे कि वो अपने अंदर की बात कह सकें, तो अकेलेपन और खुलकर बात न कर पाने की वजह से वे अपनी भावनाओं को दबा लेते हैं, जो धीरे-धीरे डिप्रेशन का रूप ले लेता है। बहुत सी बेमतलब की चिंताओं और सोशल मीडिया के देर रात तक इस्तेमाल से नींद की कमी होना, बाहर का खराब खानपान और एक्सरसाइज जैसी अच्छी आदतों को न अपनाना, उनके मानसिक स्वास्थ्य को और बिगाड़ देता है।

इसके अलावा, युवाओं में हार का डर और भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में सोचकर चिंता करना भी युवा के मेंटल हेल्थ खराब होने की सबसे बड़ी वजह है। समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर ज्ञान की कमी है और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर होने वाली शर्मिंदगी के चलते कई युवा प्रोफेशनल मदद लेने से हिचकिचाने हैं, जो युवा मेंटल हेल्थ को बिगाड़ रही है।

कब है युवा दिवस (Kab hai Yuva Divas?)

युवा दिवस हर साल 12 जनवरी को मनाया जाता है। युवा दिवस स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के दिन मनाया जाता है।

युवा मेंटल हेल्थ को बढ़ावा देता युवा दिवस (Yuva mental health ko badhava deta Yuva Divas)

युवा दिवस न केवल स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं को याद करने का दिन है, बल्कि यह युवाओं की समस्याओं और उनके समाधानों पर ध्यान देने का भी दिन है। आज के समय में, जब मेंटल हेल्थ एक ज़रूरी और सीरियस मुद्दा बन गया है, तो युवा दिवस इसे बढ़ावा देने का सही मौका है।

इस दिन युवाओं को मेंटल हेल्थ के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सकता है, और मेंटल हेल्थ का ध्यान रखने के लिए उन्हें प्रोत्साहित भी किया जा सकता है। हम अपने देश के युवाओं को कॉलेज और वर्कप्लेसेस पर काउंसलिंग सेशन्स या बातचीत जैसे कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें अपनी भावनाओं को खुलकर ज़ाहिर करने का मंच दे सकते हैं।

हमें अपने देश के युवाओं को यह समझाने की ज़रूरत है कि अपने मानसिक स्वास्थ्य (Wellbeing) का ध्यान रखना और इसे समझना बहुत ज़रूरी है, जिससे कि वो अपने जीवन के हर हिस्से में आगे बढ़ सकते हैं।

स्वामी विवेकानंद के विचार “उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य हासिल न हो” को मेंटल हेल्थ पर लागू करते हुए, युवाओं को सिखाया जा सकता है कि मानसिक शांति और आत्मबल ही उनके जीवन का आधार हैं।

इन तारीकों को अपनाकर युवा रख सकते हैं अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल (In tareekon ko apnakar yuva rakh sakte hain apni mental health ka khyal)

खुद से जुड़ें

युवाओं को रोज़ाना 10-15 मिनट खुद के साथ बिताने की आदत डालनी चाहिए। खुद के साथ समय बिताने का मतलब है, एकांत में बैठकर आत्मचिंतन या ध्यान करना। युवा अपने विचारों को समझें और गहरी सांस लेने की प्रैक्टिस करें।

सोशल मीडिया से थोड़ी दूरी बनाएं 

युवा सोशल मीडिया पर दूसरों से अपनी तुलना करने की बजाय इससे प्रेरणा ले सकते हैं, और खुद को बेहतर बनाने पर ध्यान दे सकते हैं। एक तय समय तक ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके युवा अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान रख सकते हैं।

खुद का ख्याल रखें 

खुद का ख्याल रखने की शुरुआत पूरी नींद लेने से करें। पौष्टिक अच्छा खाना खाएं और एक्सरसाइज को रूटीन का हिस्सा बनाएं। ये तीनों काम मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी हैं।

भावनाओं को बाहर लाएं 

मेंटल हेल्थ सुधारनी है तो किसी करीबी से अपनी परेशानियों और भावनाओं के बारे में बात करना शुरू करें। अगर ज़रूरत हो, तो काउंसलिंग लेने से न हिचकिचाएं।

सकारात्मक सोच अपनाएं

हर दिन अपने लिए एक सकारात्मक अफर्मेशन लिखें या सोचें, और खुद को पॉजिटिव बनाये रखें।

शौक को समय दें

पढ़ाई या काम के साथ अपने पसंदीदा शौक को समय देना तनाव को कम करता है, युवा अपने शौक को अहमियत देकर अपनी मेंटल हेल्थ ठीक कर सकते हैं।

समाज से जुड़े रहें

परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं। सकारात्मक बातचीत और अच्छे रिश्ते मानसिक शांति लाते हैं।

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