योग और आयुर्वेद की शुरुआत बहुत साल पहले ही हो चुकी थी। ऋषि मुनियों ने इनकी खोज की और इनके फायदों को जाना। आज से करीब सौ साल पहले जब भी कोई व्यक्ति बीमार होता था, तो वो योग और आयुर्वेद के नुस्खों को आज़माता था। ये नुस्खे उन्हें जल्दी ठीक होने में मदद करते थे, और योग के लाभ लोगों को तन-मन से स्वस्थ बनाते थे।
लेकिन, अब हम उस वक्त से 100 साल आगे आ चुके हैं। इतने लम्बे वक्त में बहुत से अविष्कार हुए, और आधुनिकता के हिसाब से जीवनशैली में लगातार बदलाव होते रहे।
इस बदलाव का यह नतीजा है कि हम बिना बॉडी एक्टिविटी के भी अपने कमरे में दिन भर रह लेते हैं और आयुर्वेद की जगह ऐलोपैथिक दवाइओं ने ले ली है। हर छोटी से छोटी तकलीफ के लिए हम झट से एक टेबलेट खा लेते हैं, जो हमें हाल-फिलहाल का आराम तो दे देती हैं, मगर इनके कारण भविष्य में कई बीमारियां और साइड-इफेक्ट होने का खतरा भी होता है।
ऐसी ही बहुत सी बीमारियों से बचने के लिए हमें अपने जीवन में योग और आयुर्वेद को 100 साल पहले की तरह शामिल कर लेना चाहिए, ताकि हमारा स्वास्थ्य बेहतर रह सकें।
योग और आयुर्वेद से 100 साल पहले की तरह कैसे रहें स्वस्थ? (Yoga aur Ayurveda se 100 saal pahle ki tarah kaise rahein swasth?)
इतिहास की मानें तो आयुर्वेद का सफर बहुत लम्बा है। आयुर्वेद और योग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, दोनों ही बिना किसी साइड-इफेक्ट के हमें आराम पहुंचाते हैं और हील करते हैं।
तनाव हो या कोई शारीरिक बीमारी, योग और आयुर्वेद मिलकर, हर समस्या को जड़ से खत्म करने की ताकत रखते हैं। योग के फायदे और आयुर्वेद के लाभ इतने हैं कि अगर हम गिनती करने बैठें, तो सुबह से शाम हो जाए।
लेकिन, योग के फायदे होने के बाद भी हम योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने में इतना क्यों सोचते हैं? कोई भी शारीरिक या मानसिक तकलीफ होने पर अब मंहगी और कड़वी दवाइयां खाने से बचें, और 100 साल पहले के लोगों की तरह स्वस्थ और चुस्त रहने के लिए रोज़ योगासन का अभ्यास करें और एलोपैथिक दवाओं की जगह आयुर्वेदिक इलाज को महत्व दें।
आयुर्वेद के फायदे (Ayurveda ke fayde)
हम अक्सर आयुर्वेद के धीमे उपचार से बचने के लिए अंग्रेजी दवाओं को खाना पसंद करते हैं। क्या आप जानते हैं आयुर्वेदिक उपचार भले ही धीरे-धीरे असर करता हो, पर समस्या को जड़ से खत्म करने में माहिर हैं।
आइए जानते हैं आयुर्वेदिक इलाज के कुछ फायदे:
गठिया रोग का इलाज
जहां बड़े से बड़े डॉक्टर गठिया की बीमारी का इलाज़ नहीं कर पाते, वहीं आयुर्वेद में वो शक्ति है, जो कितने भी पुराने गठिया रोग को ठीक कर सकता है।
दिल की बीमारियों में असरदार
अगर अपने दिल का ख्याल रखना चाहते हैं, तो आयुर्वेद और योग को अपना लीजिए। आयुर्वेदिक उपचार दिल और लिवर दोनों को ही स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।
नींद और तनाव की परेशानियों में फायदेमंद
हम अक्सर तनाव और चिंता को बहुत हल्के में लेते हैं या इनके लिए दवाइयां लेने से कतराते हैं। हालांकि, आयुर्वेदिक दवाइयां तनाव और चिंता से बचने में बहुत फायदेमंद होती हैं, और इन्हें खाने से हमें कोई नुकसान भी नहीं होता। नींद ना आना या नींद पूरी ना होने पर भी हम आयुर्वेदिक इलाज का सहारा ले सकते हैं।
जानें योग के लाभ (Janein Yoga ke laabh)
‘योगा से ही होगा’ स्लोगन तो हम बचपन से ही सुनते आ रहे हैं। पर फिर भी अक्सर खुद योग के लाभ लेने के लिए मेहनत नहीं करते।
चलिए अब जानते हैं कुछ योग के लाभ जो हमें खुद-ब-खुद अपने जीवन में योग को शामिल करने के लिए प्रेरणा देंगे:
मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी
अगर आप हर वक्त चिंता और मानसिक तनाव महसूस करते हैं, तो आज से ही अपनी दिनचर्या से योगा के लिए समय निकाल लीजिए। योग के लाभ एंग्जाइटी कम करना भी शामिल है।
शारीरिक स्वास्थ्य रहता है दुरुस्त
मानसिक स्वास्थ्य के अलावा योग के कुछ शारीरिक लाभ भी हैं। रोज़ कुछ मिनट योगाभ्यास करने से शरीर की बहुत सी बीमारियां, जैसे- शुगर, हाइब्लडप्रेशर, पाचनतंत्र की बीमारियां और दिल की बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ती है।
खूबसूरत दिखते हैं
योग को अपने जीवन में शामिल करने से वजन नियंत्रित रहता है। योग हमारे खून को सही से बहने में मदद करता है, जिससे हमारी त्वचा जवान और खूबसूरत दिखती है। योग करने से सांस से संबंधित बीमारियां भी दूर रहती हैं।
एकाग्रता बढ़ती है
ध्यान और योग का लगातार अभ्यास हमारी एकाग्रता बढ़ाता है, सोचने-समझने की शक्ति बढ़ती है, और विचारों में खुलापन आता है।
उम्र बढ़ती है
अगर ज़्यादा लम्बी उम्र और स्वस्थ ज़िंदगी चाहते हैं तो आज से ही योग और आयुर्वेद को अपना लीजिए। रोज़ सुबह या शाम कम से कम आधे घंटे योग करने की आदत डालना आपको दीर्घायु बनाता है।
अगर आपको योगा और आयुर्वेद से कुछ लाभ हुए हैं तो हमें कमेंट में लिखकर ज़रूर बताएं। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़े रहें।