वर्क स्ट्रेस से बचने के लिए उठाएं ये 7 कदम

कुछ लोग खुद ही काम का इतना ज़्यादा भार उठा लेते हैं कि न उन्हें खाने का समय ढंग से मिल पाता है और न ही सोने का। एक दिन का स्ट्रेस भले ही हमें बड़ी बात नहीं लगती, मगर लंबे समय में यह कई बीमारियों का कारण बन सकता है।

बढ़ती ज़िम्मेदारियां और वक्त की कमी हमारे वर्क लाइफ का बैलेंस बिगाड़ देती हैं, जिससे हमारे सिर पर काम का तनाव खड़ा हो जाता है। मैंने अपने ऑफिस के बहुत से सहकर्मियों को कार्य तनाव से जूझते देखा है। काम को समय पर ख़त्म करने की हड़बड़ी और काम वक्त पर खत्म न कर पाने का डर उनका वर्क स्ट्रेस या काम का तनाव बढ़ा देता है। जिसके चलते वो अपने काम को सही से नहीं कर पाते या कार्य तनाव से इतने ज़्यादा परेशान हो जाते हैं, जिससे उनकी मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ता है।

कुछ लोग खुद ही काम का इतना ज़्यादा भार उठालेते हैं कि न उन्हें खाने का समय ढंग से मिल पाता है और न ही सोने का। एक दिन का स्ट्रेस भले ही हमें बड़ी बात नहीं लगती, मगर लंबे समय में यह कई बीमारियों का कारण बन सकता है। समय पर काम के स्ट्रेस को समझना और इसे मैनेज करना बहुत ही ज़रूरी है ताकि हम अपने काम को भी अच्छे ढंग से कर पाएं और स्ट्रेस को भी कंट्रोल में रख पाएं।

आइए काम से जुड़े स्ट्रेस के बारे में और इसे मैनेज करने केबारे मेंविस्तार से जानते हैं।

वर्क स्ट्रेस की क्या वजह है? (Work stress ki kya wajah hai?)

काम का तनाव बहुत सारी वजहों से हो सकता है। जैसे, जब काम का दबाव बहुत ज़्यादा होता है और वक्त बेहद कम होता है, तो तनाव महसूस होना स्वाभाविक है।

कभी-कभी जब व्यक्ति को ये सही तरह से समझ नहीं आता कि उसे असल में करना क्या है, तो वो एक ही काम को बार-बार करने लगता है। इससे कन्फ्यूजन, थकान और निराशा बढ़ जाती है, जो धीरे-धीरे तनाव का रूप ले लेती है। इसके अलावा, अगर काम के दौरान सहयोग की कमी महसूस हो, जैसे टीम मेंबर्स या सीनियर्स से मदद नहीं मिलती, तो व्यक्ति परेशान हो जाता है और काम का तनाव बढ़ जाता है।

काम का तनाव करियर ग्रोथ का न दिखने से भी होता है। अगर किसी को लंबे समय तक काम करते हुए यह लगे कि आगे बढ़ने का कोई मौका नहीं है, तो यह भी तनाव का कारण बन सकता है। जब किसी को लगे कि उसके करियर में कोई प्रगति नहीं हो रही, तो वह मानसिक रूप से निराश हो सकता है।

इसके साथ ही, वर्क-लाइफ बैलेंस की कमी भी एक बड़ी वजह है। जब लोग काम में इतना उलझ जाते हैं कि उनकी व्यक्तिगत ज़िंदगी के लिए समय ही नहीं मिलता, तो काम का तनाव बढ़ जाता है।

काम का तनाव कम करने के 7 आसान तरीके (Kaam ka tanav kam karne ke 6 asaan tareeke)

स्ट्रेस या तनाव को कम करने के लिए ज़रूरी है कि व्यक्ति अपनी ज़िम्मेदारियों को अच्छी तरह से मैनेज करे, अपने काम और पर्सनल जीवन में संतुलन बनाए, और ज़रूरत पड़ने पर अपने साथियों या सीनियर्स से खुलकर बात करे।

तो चलिए जानते हैं, काम का तनाव कम करने के 7 आसान तरीके:

ब्रेक लेना है ज़रूरी                                    

काम का तनाव कम करना चाहते हैं तो, लगातार काम करने से बचें। थोड़ी-थोड़ी देर में छोटे ब्रेक लेना ज़रूरी है। लगातार बैठे रहने से और लगातार अपनी आंखें स्क्रीन पर गड़ाएं रहने से स्ट्रेस होने लगता है, जिससे थकान भी महसूस होती है।

काम को टालें नहीं

अक्सर हमें काम के एक डेडलाइन मिलती है। लेकिन, काम को खत्म करने के लिए अगर आप डेडलाइन तक का इंतज़ार करेंगे तो वर्क स्ट्रेस होगा। शुरुआत से ही थोड़ा-थोड़ा काम करने लगें। जो काम ज़्यादा जल्दी खत्म करके देना हो, उसे पहले करें। इससे डेडलाइन तक आपके दिमाग में शांति रहेगी।

अपने डेस्क को सजाएं

आपको ज़रूर ये लग रहा होगा कि तनाव का सफाई से क्या लेना-देना? पर क्या आप जानते हैं? साफ और व्यवस्थित जगह में काम करने से मन के अंदर की शांति मिलती हैऔर काम का बोझ कम महसूस होता है। इसलिए अपनी डेस्क को साफ और व्यवस्थित रखें।

वॉक और वर्क एक्सरसाइज

काम के दौरान या बाद में थोड़ी देर वॉक करने या थोड़ी वर्क प्लेस एक्सरसाइज करने से दिमाग को ताज़गी मिलती है और स्ट्रेस कम होता है।

मदद लेना सीखें 

ज़रूरत पड़ने पर सहकर्मियों या सीनियर्स से मदद लें। सहयोग से काम आसान हो जाता है और अकेलेपन का भी एहसास नहीं होता।

वर्कलाइफ बैलेंस रखें                                       

ऑफिस के बाहर अपनी निजी ज़िंदगी के लिए समय निकालें। ऑफिस की टेंशन को घर तक लेकर न जाएं। दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं जिससे मन को शांति मिल सके।

माइंडफुलनेस प्रैक्टिस सीखें 

मेडिटेशन या डीप ब्रीदिंग जैसी तकनीकें अपनाकर मन को रिलैक्स किया जा सकता है, जिससे तनाव में कमी महसूस होती है।

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