सांत्वना

टूटे दिल को जोड़ने की शक्ति होती है सांत्वना में

जब दिल उदास हो, और कोई अपना साथ हो, तो उसे सब कुछ बताकर, बहुत सुकून मिलता है, और उसके बदले उनकी सांत्वना हमारे ज़ख्मों को भर देती है।

ज़िंदगी में ऐसे बहुत से मोड़ आ जाते हैं, जब हमारा दिल पूरी तरह टूट जाता है, और हममें संभलने की शक्ति नहीं बचती। दिल टूटने के बाद हर तरफ सिर्फ नकारात्मकता दिखती है, कोई उम्मीद कोई अपनापन नज़र नहीं आता, तब ऐसे हालातों में किसी का साथ और सांत्वना एक दवा की तरह काम करती है, जिससे हमारे अंदर एक सकारात्मक उम्मीद पैदा होती है कि हम अकेले नहीं हैं, और यह उम्मीद हमारे टूटे दिल को दोबारा जोड़ने की हिम्मत देती है।

जब दिल उदास हो, और कोई अपना साथ हो, तो उसे सब कुछ बताकर, बहुत सुकून मिलता है, और उसके बदले उनकी सांत्वना हमारे ज़ख्मों को भर देती है। हमारे आस-पास कभी हमारे अपनों को सांत्वना की ज़रूरत होती है, तो कभी हमें खुद ऐसा लगता है कि हम अकेले हैं कोई हमारे साथ नहीं है और किसी को हमारी ज़रूरत नहीं है, तब हमें भी हमारे कंधे पर एक आश्वासन भरे हाथ की ज़रूरत होती है, जो हमें दुख के गहरे बादलों से निकलने में मदद कर सकें।

तो चलिए सांत्वना के बारे में और जानते हैं और मैं आपको बताती हूं कि सांत्वना हमें कैसे हील करती है और हम कैसे किसी को सांत्वना दे सकते हैं।

सांत्वना कैसे दें? (Santwana kaise dein?) 

हम अपनों को तकलीफ में नहीं देख सकते, हम उन्हें सांत्वना देना चाहते हैं। दुख की घड़ी में हम असहाय महसूस करते हैं। समझ में नहीं आता कि आखिर ऐसा क्या कहें कि उन्हें राहत मिले? ऐसी कौन-सी बात है जिसे कहने से उनका दर्द कम हो सके? मैं अपनी बात करूं तो मैं हमेशा ऐसी स्थिति में नर्वस हो जाती थी कि कैसे हम किसी को सांत्वना दे सकते हैं? यह बात न तो कोई किताब सिखाती हैं न ही किसी स्कूल में पढ़ाई जाती है। पर कहते हैं न कि वक्त सब कुछ सीखा देता है, मैंने अपने आस-पास के लोगों को देखकर सांत्वना देना सीखा है। मेरी ज़िंदगी में एक वक्त ऐसा भी रहा है, जब मुझे दूसरों की सांत्वना की ज़रूरत थी और मुझे सांत्वना मिली भी। मानसिक तौर पर मुश्किल समय में मेरे दोस्तों ने मेरी खूब मदद की और मेरे टूटे दिल को सांत्वना देकर फिर से मजबूत बना दिया।

तो चलिए मैं अपने अनुभव के आधार पर कुछ ऐसे बातें आपको बताती हूं जिन्हें आप सांत्वना देने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, और दुखी इंसान को हील होने में मदद कर सकते हैं।

परेशानी को समझते हुए कुछ इस तरह दें सांत्वना:

जब भी कोई परेशान हो तो उससे कभी नकारात्मक बातें न कहें। लोग जानते हैं कि परिस्थिति को बदला नहीं जा सकता और उन्हें यह भी पता होता है कि उनकी तकलीफ उन्हें अकेले ही झेलनी पड़ेगी, इसलिए आपको ऐसी बातें कहने की ज़रूरत नहीं, जिससे वो और परेशान हो जाएं।

आप सांत्वना देने के लिए उनके पास बैठ जाइए। उन्हें रोने के लिए अपना कंधा दीजिए। उनके पास रो लीजिए।

उन्हें बताइए आप उनके साथ हैं, और वो दुनिया के सबसे मजबूत इंसान हैं, पर उन्हें हर वक्त मजबूत बनने की ज़रूरत नहीं।

उन्हें यह महसूस कराए कि आप उनकी तकलीफ समझते हैं, उनसे कहें कि हां उनका दर्द सच में बहुत बड़ा है। हर हाल में आप उनके साथ हैं। अगर आपके हाथ में होता तो आप उनके लिए सब कुछ सही कर देते।

उन्हें जताएं कि वो खास हैं, उनकी मेंटल हेल्थ आपके लिए ज़रूरी है। आप उनकी परवाह करते हैं, और दुनिया में ऐसे और भी बहुत लोग हैं, जिन्हें उनकी परवाह है।

उन्हें खुद पर ध्यान देने के लिए कहिए और ज़रूरत पड़े तो एक जादू की झप्पी देने से भी न चूकें।

यकीन मानिए, सांत्वना देने के लिए कहें गये आपके ये शब्द उन्हें बहुत राहत देंगे।

सांत्वना जोड़ देती है टूटे हुए दिलों को (Santwana jod deti hai toote huye dilon ko)

हम जब किसी अपने को दुखी देखते हैं, तो मन में बस एक ही ख्याल आता है कि कैसे भी उनकी तकलीफ कम हो जाए। हम उनके दर्द को समझने के लिए खुद को बार-बार उसकी जगह रख कर सोचते हैं। मन में बार-बार यह भी ख्याल आता है कि काश कि हम उनकी तकलीफों को अपने ऊपर ले सकते। किसी दूसरे के दर्द और तकलीफों को खुद पर लेना तो संभव नहीं है, पर हम उसके साथ खड़े रहकर और उनके मन को पॉजिटिव रखने के लिए अच्छी बातें बोलकर, उन्हें इन परेशानियों से बाहर निकलने में मदद ज़रूर कर सकते हैं।

वैसे तो किसी दुखी इंसान के पास जाकर बैठ जाना या उसके कंधे पर हाथ रखना भी किसी सांत्वना से कम नहीं होता। पर हमारा उन्हें यह एहसास कराना कि वो अपनी तकलीफों में अकेले नहीं हैं, हम उनके साथ हैं, और वो बहादुर हैं, ऐसी सांत्वना देना उन्हें हील करने में मदद करता है। वे मानसिक तौर पर जिस परेशानी से गुज़र रहे होते हैं, उन्हें उसमें आराम मिलता है, और उनका टूटा हुआ दिल हमारी सांत्वना से, वक्त के साथ फिर से जुड़ने लग जाता है।

आर्टिकल पर अपना फीडबैक कमेंट में ज़रूर दें। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़े रहें।

टिप्पणी

टिप्पणी

X

आनंदमय और स्वस्थ जीवन आपसे कुछ ही क्लिक्स दूर है

सकारात्मकता, सुखी जीवन और प्रेरणा के अपने दैनिक फीड के लिए सदस्यता लें।