दैनिक दिनचर्या

दैनिक दिनचर्या में कुछ स्टेप्स बदलकर ला सकते हैं बड़ा बदलाव

ज़िंदगी को बेहतर बनाने और खुद को फिट रखने के लिए आपको सबकुछ बदलने की ज़रुरत नहीं है। आप अपने दैनिक दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव से भी बेहतर रिजल्ट हासिल कर सकते हैं।

आप अपना दिन कैसे गुजारते हैं? क्या आप सुबह की शुरुआत किसी मकसद या उद्देश्य के साथ करते हैं। या फिर उठते हैं और हड़बड़ाहट में दिन की शुरुआत करते हैं? क्या आप डाइट समय पर लेते हैं या फिर खाने की कोई डेडलाइन नहीं है। आप ठीक से सोते हैं या बेड पर नींद के लिए परेशान रहते हैं और करवटें बदलते रहते हैं। जब आप जिम्मेदारी, काम व घर के बारे में सोचते हैं, तो अक्सर इन सवालों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। हालांकि, ये छोटी-छोटी चीज़ें बहुत बदलाव लाती हैं। दैनिक दिनचर्या में थोड़ा सा बदलाव लाकर आप खुशहाल रहने साथ-साथ हेल्दी लाइफ जीते हैं।

जब स्वास्थ्य और ज़िंदगी में सुधार की बात आती है, तो आपको अपने दैनिक दिनचर्या में ज्यादा पहल करने की जरूरत नहीं है। हर दिन छोटे-छोटे बदलाव करके भी आप लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। छोटे परिवर्तन, बड़े परिणाम बेहतर जीवन के लिए 12 वीक एक्शन के लेखक एली क्रेगर कहते हैं कि जब परिवर्तन बहुत बड़े होते हैं, तो वे बहुत प्रभावी हो सकते हैं। कई बार लोग शुरुआत ही नहीं करना चाहते हैं या फिर वे यह नहीं जानते हैं कि कहां से शुरू करें। इसलिए घबराते हैं।

खाना, एक्टिविटी और ज़िंदगी जीने के तरीके में छोटे लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव लाकर आप अपने जीवन को बदल सकते हैं। यदि आप बदलाव चाहते हैं। इसके लिए यदि आप खुद को संघर्ष और मशक्कत करते हुए पाते हैं, तो यह तय कर लें कि इसके बदले आपको क्या मिलेगा। उस छोटे से स्टेप का पता लगाने का प्रयास करें, जिससे आप बदलाव की ओर जा सकें। यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि छोटे-छोटे बदलाव कैसे आपको बड़े बदलाव की ओर ले जाते हैं।

आपको यदि इन बदलाव के लिए प्रेरणा की जरूरत है, तो यहां 7 छोटे लेकिन प्रभावी उपाय दिए जा रहे हैं। जिनको आप दैनिक दिनचर्या में शामिल करके पॉजिटिव रिजल्ट पा सकते हैं।

हेल्दी और अच्छा खाएं 

न्यूट्रिशन डाइट एनर्जी बढ़ाने के साथ ही आपको हेल्दी भी रखते हैं। डाइट प्लान आसान होना चाहिए, जिसका पालन आप लंबे समय तक कर पाएं। अगर आप पसंदीदा खाना खा रहे हैं, तो काफी दिनों तक डाइट प्लान का पालन कर सकते हैं। खाना को धीरे-धीरे और शांत मन से खाएं। माइंडफुल इटिंग का मतलब है अलर्ट रहना और यह जानना कि जब आप कुछ खाते हैं, तो वो आपको कैसा लगता है। इसका मतलब है कि हर बाइट का स्वाद लेते हुए भोजन पर पूरा ध्यान दें। टीवी या फोन देखते हुए न खाएं। इस तरह के छोटे बदलाव, कम खाने, बेहतर तरीके से डाइजेस्ट करने, वज़न कम करने और यहां तक कि डिप्रेशन कम करने में भी मददगार होंगे। दैनिक दिनचर्या में यह बदलाव लाकर आप स्वस्थ रह सकते हैं।

खूब पानी पीएं

शरीर को हेल्दी रखने में पानी की बड़ी भूमिका है। हमारे शरीर से सांस, पसीने और पाचन के जरिए काफी मात्रा में पानी निकलता है। हम जब सुबह में उठते हैं, तो हमें पानी की कमी महसूस होती है। इसलिए सुबह-सुबह शरीर में पानी की कमी और संतुलित मात्रा को पूरा करना जरूरी होता है। एक स्टडी में पाया गया है कि यदि 30 मिनट से ज्यादा समय तक शरीर में पानी की कमी रहे, तो वो आपके दैनिक दिनचर्या पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। पर्याप्त मात्रा में पानी से आपका मूड बेहतर रहता है और इससे आप दिनभर एनर्जी से भरपूर रहते हैं।

हर दिन एक्सरसाइज करें 

किसी जिम ट्रेनर से पूछिए कि वो वर्कआउट क्यों करता है, तो इसके अलग-अलग जवाब मिलेंगे। कोई कहेगा कि इससे वेट कंट्रोल होता है। कोई कहेगा कि हम हेल्दी रहते हैं। कोई जवाब देगा कि यह हमें दिन भर एनर्जेटिक बनाए रखता है। लेकिन एक सामान्य सी बात है कि एक्सरसाइज हमें अच्छा महसूस कराता है। जब आपका शरीर अच्छे शेप में होता है यानि, पेट न निकला हो, चौड़े कंधे, कसा बदन, तो आप पॉजिटिव सोचते हैं। आप दिन भर बहुत एनर्जेटिक होकर हर काम करते हैं। एक्सरसाइज मतलब सिर्फ जिम जाना नहीं है, वाकिंग, स्विमिंग व योग भी इसके पहलू हैं। आप अपने हिसाब से इनमें से किसी को भी दैनिक दिनचर्या में अपना सकते हैं। रेगुलर एक्सरसाइज आपके इम्यून सिस्टम को मज़बूत करता है। इससे आपकी हड्डियां और मसल्स मज़बूत होती है। दैनिक दिनचर्या में वर्कआउट करने से न सिर्फ आपका मूड ठीक रहेगा, बल्कि डिप्रेशन भी पास नहीं फटकेगा।

पर्याप्त नींद लें

आप अपने स्लीपिंग पैटर्न में बदलाव लाकर बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। अच्छी नींद का मतलब सिर्फ 7 या 8 घंटे सोना नहीं है। ज़रूरी है कि आपने कितने अच्छे तरीके से नींद ली, यानि साउंड स्लीपिंग। कुछ लोगों की नींद 10 घंटे में भी पूरी नहीं होती, क्योंकि उनकी नींद बार-बार टूटती है। जबकि कुछ लोग 6 घंटे सोकर भी फ्रेश महसूस करते हैं। दैनिक दिनचर्या में अच्छी नींद की कमी से मेंटल और फिजिकल हेल्थ बिगड़ सकता है। वहीं, इससे गंभीर बीमारी तक हो सकती है। सोने का समय तय करें और हर दिन एक ही समय पर सोने और उठने की आदत डालें। ऐसा करने से आपका बॉडी क्लॉक ठीक रहेगा। मसल्स रिपेयर होगा, मेमोरी पावर बढ़ेगी और भूख को कंट्रोल करने वाले हार्मोन भी रिलीज होंगे।

बाहर घूमने जाएं, समय बिताएं 

घर में ज्यादा वक्त गुजारना आपके फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदायक है। कोलोराडो यूनिवर्सिटी में स्लीप एंड क्रोनोबायोलॉजी लेबोरेटरी के रिसर्च से पता चला है कि ज्यादा समय तक आर्टिफिशियल लाइट में रहने और नेचुरल लाइट न होने से सर्कैडियन क्लॉक (बॉडी की आंतरिक घड़ी) बाधित हो सकती है। जो आपके सोने-जागने के चक्र को नियंत्रित करती है। रोचेस्टर यूनिवर्सिटी के एक दूसरे अध्ययन में पाया गया कि प्राकृतिक वातावरण में बाहर रहने से आपकी जीवन शक्ति लगभग 40% तक बढ़ सकती है। इसके अलावा बाहर खुली हवा, प्राकृतिक रोशनी में रहना आपके विटामिन डी के स्तर को सक्रिय करता है, रक्तचाप को कम करता है, तनाव को कम करता है और आपके मूड और फोकस में सुधार करता है।

सकारात्मक सोच अपनाएं

चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां और असफलताएं आपके जीवन में आशावाद की भावना को पटरी से उतार सकती हैं। ऐसी परिस्थिति में आपकी सकारात्मक सोच आपको अप्रिय स्थिति से न केवल उबरने में मदद करती है, बल्कि आपकी उत्पादकता को भी बढ़ाती। जब भी आप कभी अवसादग्रस्त होते हैं या आप पर नकारात्मक भावनाएं हावी होती हैं। ऐसी परिस्थिति में सकारात्मक सोच आपको क्या गलत हुआ है पर चिंतन-मंथन करते रहने की बजाय चीजों को बेहतर बनाने के लिए क्या किया जा सकता है, जैसे रास्ते पर चलने में मदद करती हैं। दूसरों का आभार जताकर, जीवन में अच्छी चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करके, सकारात्मक लोगों के साथ समय बिताकर और असफलताओं को सबक में बदलकर आप सकारात्मक मानसिकता विकसित कर सकते हैं। सकारात्मक सोच से आपकी उम्र बढ़ेगी, इम्यून सिस्टम मज़बूत होगा, आपको तनाव से राहत मिलेगी और आप दैनिक दिनचर्या में बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं।

अपने तनाव को नियंत्रित करें 

किसी भी इंसान के लिए तनावपूर्ण स्थितियों से पूरी तरह बचना असंभव है। लेकिन तनाव को नियंत्रण में रखना संभव है। लंबे समय तक तनाव का आपके घर के माहौल और कामकाजी जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। जब आप तनावग्रस्त होते हैं, तो सही सोचने और तर्कसंगत निर्णय लेने की क्षमता खो देते हैं। जब कोई स्थिति आपके नियंत्रण से बाहर हो, तो उसे स्वीकार करना, अपने करीबी लोगों के साथ बातें करना और जीवन या व्यक्ति से सही, तर्कसंगत अपेक्षाएं रखना तनाव को दूर रखने में मदद कर सकता है। इन स्वस्थ जीवनशैली विकल्पों के अलावा आप तनाव से निपटने और अपने दिमाग को फ्रेश करने के लिए योग, ध्यान और गहरी सांस लेने जैसी विश्राम तकनीकों का भी प्रयास कर सकते हैं। ये प्रयास और तकनीक निश्चित रूप से आपको दैनिक दिनचर्या में तनावमुक्त रखने में सहायक सिद्ध होंगे

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