शीर्षासन के अलावा 5 सबसे कठिन मगर असरदार योगासन

शीर्षासन के अलावा 5 सबसे कठिन मगर असरदार योगासन

शीर्षासन सभी योगासनों का राजा कहा जाता है, क्योंकि इसे करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। इस आसन में व्यक्ति को अपने हाथों के सहारे पर सिर के बल सीधा खड़ा होना पड़ता है। ये आसन करने में बहुत मुश्किल है, पर इससे शरीर और दिमाग पर बहुत अच्छे प्रभाव पड़ते हैं।

आज से नहीं बल्कि सदियों से योग हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बना हुआ है। योग का महत्व हमारे लिए इसलिए ज़्यादा है, क्योंकि योगासनों के हमारे शरीर पर बहुत से सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। शीर्षासन सभी योगासनों का राजा कहा जाता है, क्योंकि इसे करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। इस आसन में व्यक्ति को अपने हाथों के सहारे पर सिर के बल सीधा खड़ा होना पड़ता है। ये आसन करने में बहुत मुश्किल है, पर इससे शरीर और दिमाग पर बहुत अच्छे प्रभाव पड़ते हैं। शीर्षासन जितने कठिन और भी योगासन होते हैं, जिन्हें करना थोड़ा मुश्किल तो होता है, पर उनके अनगिनत फायदे होते हैं। तो फिर चलिए सोलवेदा के साथ मिलकर मैं आपको ऐसे ही 5 आसनों के बारे में बताती हूं जिन्हें करना मुश्किल है, पर ये आसन बहुत असरदार भी हैं।

शीर्षासन कैसे करते हैं? (Shirshasana kaise karte hain?)

शीर्षासन योग के आसनों में सबसे मुश्किल आसन माना जाता है। इस आसन में व्यक्ति के पैर हवा में झूलते हुए सीधे होते है और सिर जमीन पर हाथों की हथेलियों के ऊपर टिका रहता है। इस योगासन को करने के लिए बहुत संयम और कोशिश की ज़रूरत होती है। इसमें हमारे शरीर का पूरा भार सिर और हथेलियों पर होता है, इससे रीढ़, कमर और कंधों पर खिंचाव महसूस होता है। यह आसन जितना कठिन होता है, इसके फायदे भी उतने ही ज़्यादा होते हैं। इस आसन को रोज़ करने से डिप्रेशन कम होता है और दिल के रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। इस एक आसन के और भी कई फायदे हैं।

योगासन है ज़रूरी (Yogasana hai zaroori)

‘योगा से ही होगा!’ ये कहावत तो आपने भी ज़रूर सुनी होगी, इस बात में बहुत हद तक सच्चाई है। योग हमारे जीवन का एक ज़रूरी हिस्सा है, जिसके शरीर पर बहुत से सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। अगर हम रोज़ मात्र आधे घंटे के लिए भी योग को अपने जीवन का हिस्सा बना लें तो, योग के लाभ हमें मिल सकते हैं। योग हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।

योग से बहुत-सी शारीरिक बीमारियां जैसे- उच्च रक्तचाप, पेट के लोग, दिल की बीमारियां, ठीक हो जाती हैं। योग के लाभों में मानसिक स्वास्थ्य (Mental wellbeing) पर सकारात्मक असर भी आते हैं। योग से मानसिक तनाव में कमी, एकाग्रता बढ़ाने में मदद और चिंता से मुक्ति मिलती है। योग का महत्व समझने के लिए हमें अपनी दिनचर्या में इसको शामिल कर लेना चाहिए।

5 सबसे कठिन और फायदेमंद योगासन (5 sabse kathin aur fayademand yogasana)

शीर्षासन के आसन की तरह ही और भी कुछ आसन हैं, जिन्हें करना थोड़ा मुश्किल तो होता है, पर ये हमारे लिए बहुत फायदेमंद भी होते हैं। इनसे न केवल शारीरिक और मानसिक लाभ होते हैं बल्कि ये हमारी एकाग्रता बढ़ाने में भी मददगार होते हैं, तो चलिए जानते हैं इन्हीं 5 योगासनों के बारे में।

वृश्चिकासन (Vrischikasana)

वृश्चिक का मतलब होता है बिच्छू। इस आसन को करने में व्यक्ति की आकृति भी किसी बिच्छू के जैसी हो जाती है। इन आसन में हमारे शरीर का पूरा भार हाथों पर होता है, क्योंकि हाथों के सहारे ही हमें अपने पैरो को पीछे से मोड़ते हुए किसी बिच्छू के ढंको की तरह आगे लाना होता है, इस आसन को सुबह खाली पेट करना चाहिए। इसको करने के लिए रीढ़, कंधों और कूल्हों में बहुत लचीलेपन की ज़रूरत होती है। ये आसान करने में बहुत प्रयासों की ज़रूरत होती है, पर यह पेट के रोगों को दूर रखने और चेहरे की सुंदरता बनाए रखने में भी लाभदायक होता है।

अष्टवक्रासन (Astavakrasana)

अष्टवक्रासन करने से शरीर के आठ हिस्सों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, पर इसको करना थोड़ा मुश्किल होता है। इस आसन में सबसे पहले ज़मीन पर सीधे लेट जाएं। फिर दोनों पैरों के अंगूठे को आपस में जोड़ दें। फिर बाएं हाथ की हथेली को जमीन पर कंधों के बराबरी में रखें, और अब हथेलियों पर ज़ोर देकर दोनों कंधों को ऊपर उठाएं। ऐसा करने से आपका पूरा शरीर हवा में होना चाहिए। इस आसन को खाली पेट करें और धीरे-धीरे तीन-चार बार इस आसन को गहरी सांस लेते हुए दोहराएं। इस आसन से भूख न लगने की परेशानी दूर होती है। तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है, और पेट से संबंधित बहुत-सी परेशानियों से राहत मिलती है।

पादहस्तासन (Padahastasana)

यह आसन खड़े होकर किया जाता है। इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और सांस खींचते हुए दोनों हाथों को सीधा करें, फिर सांस छोड़ते हुए, दोनों हाथों को अपने पैर के पंजों तक ले जाएं। इस आसन में आपका पूरा शरीर सीधा होना चाहिए, बस कमर ही बीच से मुड़ी होनी चाहिए। थोड़ी देर बाद अपनी पहले की अवस्था में लौट आएं और यह क्रिया चार या पांच बार दोहराएं। यह आसन मूत्राशय और गर्भाशय की नसों के लिए अच्छा होता है। इससे कब्ज की बीमारी से राहत मिलती है। यह पीठ और रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है और जांघों और पिंडलियों की मांसपेशियों को मजबूत करता है।

शलभासन (Shalabhasana)

यह आसन करने में मुश्किल होता है, पर बहुत से प्रयासों के बाद ये बेहतर हो जाता है। इसके लिए ज़मीन पर पेट के बल लेट जाएं। दोनों हाथों को कमर की तरफ सीधा रखें। हथेलियां ज़मीन पर टिकी हुई होनी चाहिए। अब अपने पैरों को धीरे-धीरे उठाने की कोशिश करें। अपने पैरों के साथ कोशिश करें कि कमर तक का सारा हिस्सा हवा में आ जाए। अब अपने पैरो को जितना ज़्यादा ऊपर उठा सकें, उठा लें। इस आसन को करने से चीनी की बीमारी यानी शुगर या डायबिटीज और पेट की समस्याएं कम होती हैं।

पूर्ण चक्रासन (Purna Chakrasana)

इस आसन को पूर्ण चक्रासन इसलिए कहते हैं क्योंकि इस आसन में शरीर पूरी तरह गोले के आकार का बन जाता है। सबसे पहले ज़मीन पर कमर के बल लेट जाएं। अब पैरो को कूल्हों के बराबर खोलकर घुटने मोड़ लें और तलवों को जमीन पर रख लें। इसके बाद दोनों हाथों को कानों के साइड में इस तरह रखें कि उंगलियां पैरो की तरफ आएं। इसके बाद सांस लें और कूल्हों को जितना हो सके आसमान की तरफ उठाएं। इससे आपके दोनों हाथ और पैर छोड़ कर पूरा धड़ हवा में होगा। फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए नीचे आ जाएं। ये आसान आंखों के लिए फायदेमंद होता है। इससे सिर दर्द से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं और शरीर में लचीलापन आता है।

ये कुछ योगासन हैं, जो शुरुआत में आपको मुश्किल लगेंगे, पर करते-करते आपकी आदत में आ जाएंगे। एक बार आपने इन योगासनों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया तो आपको कई स्वास्थ्य लाभ मिलेंगे।

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