विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस

पर्यावरण के लिए काम कर रहे इन 5 अनोखे लोगों के बारे में जानें

पर्यावरण संरक्षण को लेकर दुनिया में बहुत से लोग काम कर रहे हैं। कोई घरों में पेड़-पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान कर रहा है, तो कोई नदियों और समंदर को साफ करके पर्यावरण संरक्षण कर रहा है।

हमारे चारों का वातावरण ही हमारा पर्यावरण है। हमारा पर्यावरण और हम एक-दूसरे पर निर्भर हैं। इसलिए पर्यावरण संरक्षण करना हमारी ही ज़िम्मेदारी है। पेड़-पौधे, नदियां, समंदर और जीव-जंतु सब मिलकर पर्यावरण बनाते हैं, और इन सबका संरक्षण ही ‘पर्यावरण संरक्षण’ कहलाता है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर दुनिया में बहुत से लोग काम कर रहे हैं। कोई घर में पेड़-पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहा है, तो कोई नदियों और समंदर को साफ करके पर्यावरण संरक्षण कर रहा है। हमें भी ऐसे लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए और पर्यावरण संरक्षण करना सीखना चाहिए। 

तो चलिए इस विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस (World Environment Health Day) पर ऐसे ही कुछ लोगों के बारे में जानते हैं, जो पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं और उनसे प्रेरणा लेकर हम भी पर्यावरण का स्वास्थ्य दुरुस्त रखने की कोशिश करते हैं।

विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस कब है? (Vishv Paryavaran Divas kab hai?)

पर्यावरण स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण की ओर सभी का ध्यान करने के लिए इस दिन की स्थापना हुई थी। साल 2011 से हर साल 26 सितंबर को विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।

पर्यावरण संरक्षण कैसे करें? (Paryavaran sanrakshan kaise karein?)

पर्यावरण संरक्षण करना कोई पहाड़ चढ़ने जैसा मुश्किल काम नहीं है, जिसे हम नहीं कर सकते। पर्यावरण संरक्षण तो हम अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में भी कर सकते हैं। और ये तो सबसे अच्छी बात है कि हम पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत घर से करें। ज़्यादा धुएं वाले वाहनों का इस्तेमाल न करके, हम वायु प्रदूषण रोक सकते हैं। अपने घर के आस-पास ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगा सकते हैं। जैसे हम अपने घर में साफ-सफाई रखना पसंद करते हैं, वैसे ही बाहर भी गंदगी फैलाने से बचें। पानी की जितनी ज़रूरत हो उतना ही इस्तेमाल करें, ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल या फिजूल बर्बादी न करें। जीव-जंतुओं का संरक्षण करें और रिसाइक्लिंग पर‌ ध्यान दें। इसके अलावा प्लास्टिक के इस्तेमाल को बंद करने की कोशिश करें।

पर्यावरण के लिए काम कर रहे इन 5 अनोखे लोगों के बारे में जानें (Paryavaran ke liye kaam kar rahe in 5 anokhe logon ke bare mein jaanein)

आइए जानें ऐसे महान लोगों के बारे में जिन्होंने अपना सारा जीवन पर्यावरण संरक्षण के नाम करके, दूसरों को शुद्ध हवा और पानी देने की अटूट कोशिश की। 

सुनिता नारायण (Sunita Narayan)

सुनीता नारायण 1982 से नई दिल्ली स्थित अनुसंधान और वकालत केंद्र, विज्ञान और पर्यावरण केंद्र (सीएसई) में काम कर रही हैं। वह वर्तमान में केंद्र की कार्यकारी निदेशक, पर्यावरण संचार सोसायटी की कोषाध्यक्ष और दो मह में एक बार आने वाली पत्रिका “डाउन टू अर्थ” की संपादक हैं।

वह एक लेखिका और इनवायरमेंट एक्टिविस्ट हैं। उन्होंने अपना सारा जीवन पर्यावरण संरक्षण में बिताया। जिसके लिए उन्हें कई पदों से भी नवाजा जा चुका है। 2005 में, उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया। उन्होंने जल संरक्षण के साथ-साथ बाघों के संरक्षण पर भी काम किया है। यही नहीं, वो पेड़ों के बचाव के लिए तो काम कर ही रही हैं, साथ ही, जंगली जानवरों के अवैध शिकार पर रोक के लिए भी काम कर रही हैं।

जीडी अग्रवाल (GD Agarwal)

पर्यावरण संरक्षण करने वालों की लिस्ट में जीडी अग्रवाल जी का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा है। जीडी अग्रवाल का पूरा नाम ज्ञान स्वरूप सानंद था। इन्हें गंगा नदी को साफ रखने के लिए जाना जाता है। उन्होंने गंगा की स्वच्छता और साफ-सफाई के लिए बहुत मेहनत की और भूखे-प्यासे रहकर, अनशन भी किये। आईआईटी में प्रोफेसर रह चुके जीडी अग्रवाल गंगा में अवैध खनन और बांधों के खिलाफ थे। वह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य थे। गंगा के लिए उनका प्यार इतना था कि वो कहते थे कि वो खुद मरना पसंद करेंगे पर अपनी गंगा को मरते हुए नहीं देख सकते। उन्होंने अपनी खुशी गंगा की सुरक्षा में ही ढूंढ रखी थी, वो चाहते थे कि सभी लोग इस बात को समझें और गंगा की सफाई पर ध्यान दें। 

अनुपम मिश्र (Anupam Mishr)

अनुपम मिश्र एक लेखक, संपादक, छायाकार और गांधीवादी पर्यावरणविद् (Environmentalist) थे। अनुपम मिश्र ने और भी लोगों में पर्याप्त संरक्षण की भावना पैदा की और लगातार पर्यावरण की रक्षा के लिए काम किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत तब की, जब देश में पर्यावरण रक्षा का कोई विभाग नहीं था। इसलिए उन्होंने सरकार की मदद के बिना ही काम शुरू किया। उन्होंने सूख चुकी अरवरी नदी को फिर से जीवित कर दिया। इसी तरह उत्तराखण्ड और राजस्थान के लापोड़िया में परंपरागत जल स्रोतों को फिर से शुरू करने में भी खूब भागीदारी निभाई।

वंदना शिवा (Vandana Shiva)

वंदना शिवा एक पर्यावरण प्रेमी हैं, जिन्होंने चिपको आंदोलन में शामिल होकर बहुत से पेड़ों को बचाया था। अपने शुरुआती जीवन से ही उन्हें हरियाली और साफ-सफाई का बड़ा शौक है। उन्होंने हमेशा से खेती करने के प्राकृतिक उपायों को अपनाने पर ज़ोर दिया है, और रसायनिक तरीकों पर रोक लगाई है। उनके काम को देखते हुए टाइम मैग्जीन ने उन्हें एन्वायरमेंटल हीरो की उपाधी दी है। साथ ही उन्हें विश्व की सात सबसे शक्तिशाली महिलाओं में भी शामिल किया गया है।

राजेन्द्र सिंह (Rajendra Singh)

जल पुरूष कहे जाने वाले राजेंद्र सिंह एक जाने माने पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। पर्यावरण के लिए उनके काम भुलाए नहीं जा सकते। उन्होंने अपने जीवन के 46 साल जल संरक्षण के काम में लगा दिए। उनकी मेहनत की वजह से ही करीब एक हज़ार गांवों को पानी मिल सका। राजेंद्र सिंह को उनके ऐसे कामों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिल चुका है। उनकी मेहनत और सफल प्रयासों के बल पर ही आज देश के बहुत से लोग पानी की तंगी से बाहर आ सके हैं।

जब हम अपने पर्यावरण का ख्याल रखते हैं, तब हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य (Mental Wellbeing) का भी ख्याल रखते हैं। क्या आप पर्यावरण के संरक्षण के लिए कोई कदम उठा रहें हैं, हमें कमेंट में ज़रूर बताएं। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़े रहें।

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