मेडिटेशन की शुरुआत अक्सर मुश्किल क्यों लगती है? ऐसा इसलिए क्योंकि पहली बार जब हम चुप बैठते हैं, तब हमें अपना ही शोर सुनाई देने लगता है। हर दिन हम भाग रहे होते हैं, फोन की घंटी, काम की डेडलाइन, घर की ज़िम्मेदारियां और मन में अलग–अलग तरह की विचार। ऐसे में जब आप आंखें बंद करके शांति से बैठते हैं, तो दिमाग और बेचैन हो उठता है।
शुरुआत में ध्यान करते वक्त हमें लगता है कि दिमाग बहुत भटक रहा है और शायद यह हमारे बस की बात नहीं है। लेकिन, ऐसा सोचना सही नहीं है। मेडिटेशन का मतलब ये नहीं कि आपका मन बिल्कुल शांत हो जाए। मेडिटेशन का मतलब है, जो कुछ भी मन में चल रहा है, उसे आने जाने देना। शुरुआत में मन का भटकना बिल्कुल सामान्य है। लेकिन हर दिन अगर आप बस कुछ मिनट खुद के साथ बैठते हैं, तो धीरे-धीरे मन खुद शांत होना सीखता है।
तो चलिए विश्व ध्यान दिवस (World Meditation Day) के अवसर पर हम आपको सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको मेडिटेशन की शुरुआत करने में मुश्किल क्यों होती है और हम इसे कैस आसान बना सकते हैं, इसके बारे में जानकारी देंगे।
विश्व ध्यान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? (Vishwa Dhyan Divas kab aur kyu manaya jata hai?)
विश्व ध्यान दिवस हर साल 21 मई को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की ज़रूरत पड़ी, क्योंकि जिस तरह हमारी ज़िंदगी तेज़ होती जा रही है, उसी रफ्तार से तनाव, बेचैनी, थकान और मानसिक उलझनें भी बढ़ती जा रही हैं। ऐसे माहौल में ध्यान हमें फिर से खुद से जोड़ता है और थोड़ी राहत, थोड़ी शांति और एक सुकून की सांस लेने का मौका देता है। इस दिन का मकसद यही है कि लोग ध्यान को सिर्फ योग का एक हिस्सा या धार्मिक क्रिया मानने की बजाय एक ज़रूरी मानसिक व्यायाम की तरह अपनाएं।
मेडिटेशन कैसे करें? (Meditation kaise karein?)
मेडिटेशन करना बहुत ही आसान है, बस थोड़ा समय और धैर्य चाहिए। सबसे पहले एक शांत जगह चुनिए, जहां कुछ देर बिना डिस्टर्ब हुए बैठ सकें। आराम से बैठिए, चाहे ज़मीन पर हों या कुर्सी पर, बस आपकी पीठ सीधी होनी चाहिए। अब आंखें बंद कीजिए और अपनी सांसों पर ध्यान दीजिए। महसूस कीजिए कि सांस अंदर जा रही है, फिर बाहर आ रही है। ध्यान सिर्फ इसी आने-जाने की प्रक्रिया पर रखिए। थोड़ी देर में दिमाग भटकेगा, लेकिन कोई बात नहीं। कोई पुरानी याद, चिंता या प्लानिंग मन में आ सकती है, उसे रोकने की कोशिश मत कीजिए। बस धीरे से, बिना गुस्से के, ध्यान फिर से अपनी सांस पर ले आइए। शुरुआत में 5 से 10 मिनट के लिए करें। ध्यान रहे, इस क्रिया में ‘परफेक्ट’ कुछ नहीं होता।
मेडिटेशन को कैसे बनाएं आसान? (Meditation ko kaise banayein aasan?)
छोटे-छोटे सेशन्स से शुरुआत करें
शुरुआत में 2-3 मिनट का ध्यान करें। ज़्यादा देर तक ध्यान करने की कोशिश मत करें, क्योंकि उससे मन जल्दी घबराता है। धीरे-धीरे जैसे-जैसे मन लगेगा, टाइम बढ़ा सकते हैं।
आरामदायक जगह चुनें
जहां आप बैठ रहे हैं, वहां शोर-शराबा कम हो और आप आराम महसूस करें। अपना कोई ऐसा कोना बनाएं, जो ध्यान के लिए खास हो, इससे दिमाग को पता चलेगा कि अब ध्यान का टाइम है।
सीधी, लेकिन आरामदायक मुद्रा अपनाएं
किसी भी ऐसी मुद्रा में बैठें, जिसमें पीठ सीधी हो, लेकिन शरीर आरामदायक हो। ज़रूरी नहीं कि पूरी तरह पद्मासन में ही बैठें, कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं, बस पीठ सीधी हो।
सांस पर ध्यान केंद्रित करें
ध्यान का सबसे आसान तरीका है, सांसों को महसूस करना। धीरे-धीरे सांस अंदर- बाहर लेते हुए, सिर्फ अपनी सांस पर ध्यान लगाएं। जब भी मन भटक जाए, बस धीरे से सांस पर वापस आ जाएं।
खुद पर दबाव मत डालें
ध्यान करते समय अगर मन भटकता है, तो खुद से नाराज़ न हों, ये बिल्कुल सामान्य है। इसे धीरे-धीरे सुधारने का प्रोसेस समझें। खुद को ज़्यादा टेंशन मत दें, बस प्रैक्टिस करते रहें।
गाइडेड मेडिटेशन का सहारा लें
अगर खुद से ध्यान करना मुश्किल लग रहा है, तो गाइडेड मेडिटेशन सुन या देख सकते हैं। ये आपकी मदद करते हैं, ध्यान को सही दिशा में बनाए रखने में।
मेडिटेशन पेन किलर की तरह काम करता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
आर्टिकल पर फीडबैक ज़रूर दें। योग के बारे में अधिक जानने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़े रहें।