कभी-कभी आपको महसूस होता होगा कि बिना किसी वजह के मूड अचानक खराब हो गया.. या किसी जगह जाकर मन भारी लगने लगा? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारी आभा जो हमारी एनर्जी की परत होती है, हर वक्त हमारे आस-पास के माहौल से प्रभावित होती रहती है। ये आभा हमारे विचारों, भावनाओं और अनुभवों से बनी होती है। अगर हम पॉजिटिव सोचते हैं, सच्चे दिल से काम करते हैं और खुद से खुश रहते हैं, तो हमारी आभा उजली और मजबूत होती है। लेकिन, अगर हम लगातार नेगेटिविटी, गुस्से या तनाव में रहते हैं, तो ये आभा कमजोर पड़ जाती है और उसी का असर हमारे मूड, सेहत और किस्मत तक पर दिखने लगता है।
आजकल की भाग–दौड़ भरी ज़िंदगी में लोग अपनी बॉडी का ख्याल तो रख लेते हैं, लेकिन अपनी एनर्जी का नहीं। जबकि सच्चाई ये है कि आपकी आभा ही वो अदृश्य कवच है जो आपको बुरी नज़र, नकारात्मक सोच और दूसरों की ईर्ष्या से बचाती है। इसलिए ज़रूरी है कि हम इसे न सिर्फ पहचानें, बल्कि इसे सकारात्मक और सुरक्षित भी रखें। थोड़ा मेडिटेशन को दें, रोज़ खुद से बात करें, साफ-सुथरे विचार रखें और ऐसे लोगों के साथ रहें जो दिल से अच्छे हों। यही छोटी-छोटी बातें आपकी आभा को सुरक्षित बनाए रखती हैं।
तो चलिए सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम इन्हीं चीज़ों के बारे में बताएंगे। साथ ही औरा (Aura) क्या होता है और औरा को मजबूत करने के उपाय के बारे में भी बताएंगे।
आभा को सुरक्षित और सकारात्मक रखने के तरीके (Aabha ko surakshit aur sakartmak rakhne ke tareeke)
खुद से ईमानदार रहिए
आभा तभी कमजोर होती है जब हम अपने भीतर किसी झूठ को जीने लगते हैं खुद के कारण, दूसरों के कारण या अपने हालातों के कारण। अपनी भावनाओं को दबाने की बजाय उन्हें स्वीकारिए। गुस्सा, दुख या डर कुछ भी महसूस हो तो उसे पहचानिए और धीरे-धीरे छोड़िए। सच में जीना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
रोज़ थोड़ी देर ध्यान करें
जैसे नहाने से शरीर साफ होता है, वैसे ही कुछ देर मेडिटेशन, गहरी सांसें या हल्का संगीत सुनना आपकी आभा को साफ करता है। रोज़ 10-15 मिनट आंखें बंद करके गहरी सांस लें और सोचें कि हर सांस के साथ नकारात्मकता बाहर जा रही है और हर सांस के साथ रोशनी भीतर आ रही है।
प्रकृति से जुड़िए
धरती, पानी, सूरज, पेड़ ये सब हमारी एनर्जी के स्रोत हैं। नंगे पैर घास पर चलना, पानी में कुछ देर पैर रखना या सूरज की हल्की रोशनी में बैठना ये सब आपकी आभा को तुरंत रिचार्ज करते हैं।
सकारात्मक लोगों के साथ रहिए
एनर्जी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत जल्दी ट्रांसफर होती है। अगर आप शिकायत करने वाले, गुस्से में रहने वाले लोग या हमेशा दुखी लोगों के बीच हैं, तो उनकी नकारात्मकता आपकी आभा को भी प्रभावित करती है। कोशिश कीजिए कि ऐसे लोगों के साथ समय बिताएं जो आपको प्रेरित करें, हंसी दें और अच्छा महसूस कराएं।
नमक और पानी का प्रयोग करें
एक बेहद सरल घरेलू उपाय है एक बाल्टी पानी में थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर नहाना। नमक नकारात्मक एनर्जी को सोख लेता है। अगर समय न हो, तो बस अपने हाथ-पांव नमक मिले पानी से धो लें, बहुत फर्क महसूस होगा।
धन्यवाद कहना सीखिए
कृतज्ञता सबसे शक्तिशाली एनर्जी है। जब आप धन्यवाद कहना सीख लेते हैं, तो लोगों को, परिस्थितियों को, खुद को तो आपकी आभा खुद-ब-खुद चमकने लगती है।
खुद को प्यार की नजर से देखिए
कभी-कभी हमारी आभा को सबसे ज़्यादा नुकसान हम खुद पहुंचाते हैं, आत्मग्लानि, तुलना या आत्म-संदेह से। याद रखिए, आपकी आभा तब सबसे मजबूत होती है, जब आप खुद को पूरी तरह स्वीकार करते हैं, जैसे हैं वैसे ही।
इस आर्टिकल में हमने आभा की बात की और इसके बारे में बताया। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।