काम के बोझ तले दब रहे हैं, अपनाएं ये 6 तरीकें

व्यस्त रहना अच्छी बात है, लेकिन काम के बोझ तले दब जाना अच्छा नहीं है। आप पूरी कोशिश करने के बाद भी अगर काम को समय पर खत्म नहीं कर पाते हैं, तो आपको कुछ तरीकों को अपनाकर स्वयं में सुधार करने की जरूरत है। इससे आपकी उत्पादकता तो बढ़ेगी, साथ ही काम भी समय पर खत्म होगा।

हम सभी आदत से मजबूर हैं, हम अपनी योग्यता से अधिक कामों को एक वक्त पर करने की कोशिश करते हैं। हम अपने रोज़मर्रा के कामों की ऐसी लंबी लिस्ट बनाते हैं, जैसे शॉपिंग की लिस्ट में सामान जोड़ना। फिर अंत में जब हम कामों की लिस्ट देखते हैं, तब हमें समझ आता है कि इन सभी कामों को कर पाना आसान नहीं है। बिना किसी प्लान के ज्यादा काम को एक साथ करने से हमारा स्वास्थ्य, उत्पादकता और स्वयं का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।

स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क 7 बच्चों के पिता हैं, वह अपने समय को काम और परिवार के बीच बांटते हैं। जैसा कि आप यह बात जानते होंगे कि एक सीईओ का जीवन कितना व्यस्त होता है, इन सबके बावजूद वे अपने काम को पूरा करते हैं और अपने परिवार के साथ समय भी बिताते हैं। अगर, मस्क कर सकते हैं, तो हम क्यों नहीं कर सकते?

ऐसा ज़रूरी नहीं है कि ज्यादा उत्पादकता, ज्यादा व्यस्त जीवन से आती है। जब हम किसी काम को करने के लिए समय सीमा में बंधे होते हैं, तब जल्दबाजी में काम को खत्म करते हैं, जिसका प्रभाव कार्य की गुणवत्ता पर भी पड़ता है। इनके बीच में सबसे बुरी बात है कभी न खत्म होने वाली टू-डू लिस्ट में उलझना, जिससे हम दूसरे ज़रूरी कामों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं और कभी-कभी तो भूल जाते हैं, फिर वह कभी भी समय पर पूरे नहीं होते हैं।

अब तक आपको एक आइडिया मिल गया होगा कि प्लानिंग के साथ ही आप अपने सभी कामों की लिस्ट को खत्म कर सकते हैं। लेकिन, वह प्लानिंग कुछ और नहीं, बल्कि मैनेजमेंट है, जिससे आप काम को समय पर पूरा कर सकते हैं। सोलवेदा के इस लेख को अंत तक पढ़ें, जिसमें आपको कम समय में काम खत्म करने और अपनी उत्पादकता बढ़ाने के तरीके के बारे में बात की गई है।

ब्रेक ज़रूर लें (Break jarur len)

जब आपके पास ज्यादा काम होता है, तो आप क्या करते हैं? अपनी उत्पादकता बढ़ाने और कई सारे कामों को एक वक्त पर करने की कोशिश करते हैं? क्या फिर भी आप काम को समय पर पूरा नहीं कर पाते हैं? अगर आपका जवाब ‘हां’ है, तो आपको ब्रेक की ज़रूरत है।

अब आप सोचेंगे कि इतना सारा काम पड़ा है और ब्रेक क्यों लेना! ब्रेक आपको रिफ्रेश करने के लिए है। लेकिन, ब्रेक लेने का मतलब यह नहीं है कि आप काम को बीच में ही छोड़ रहे हैं। ब्रेक लेने का मतलब है कि आपको किसी काम को नई ऊर्जा और नए तरीके से शुरू करेंगे। मानसिक संतुलन और शांति को अपने अंदर बनाए रखने के लिए ब्रेक लें और काम करने के लिए प्लानिंग करें। एक स्टडी में पाया गया कि काम के समय थोड़ा ब्रेक लेने से आपकी एकाग्रता और उत्पादकता में बढ़ोतरी होती है।

जब आप अपने दिमाग को काम में और हाथ को कीबोर्ड से हटा कर पांच मिनट का एक छोटा ब्रेक लेते हैं, तो आपका दिमाग रिस्टार्ट हो जाता है और आप बेहतर महसूस करते हैं।

काम की प्राथमिकता सेट करें (Kaam ki prathmikta set karen)

व्यस्त जीवन के नॉन-स्टॉप ईमेल, डेडलाइन और काम में से यह निर्धारित कर पाना कि क्या बहुत जरूरी है या कौन-सा काम पहले या बाद में करना चाहिए, थोड़ा मुश्किल है। जब हमें यह पता होगा कि कौन सा काम हमारे लिए कितना ज़रूरी है, तब हमारा जीवन संतुलित रहेगा। साथ ही काम में कुशलता भी बढ़ेगी। एक बार जब आप अपने प्राथमिकताओं की लिस्ट तैयार कर लेते हैं, तो आप स्वयं से ही समय का बंटवारा और निर्धारण भी कर लेते हैं, जिससे आपको काम खत्म करने में आसानी होती है।

खुद से ज्यादा वादा न करें (Khud se jyada wada na karen)

कभी न कभी ऐसा हुआ होगा कि आपके पास पहले से ही करने के लिए कई काम हो। इसके साथ ही बहुत सारी जिम्मेदारियां भी होती हैं। लेकिन, कामों की प्राथमिकता के अनुसार आपके पास ऐसे कई काम ज़रूर हो सकते हैं, जिन्हें आप बाद में भी कर सकते हैं। लेकिन, अगर आप उन्हें अभी ही खत्म करने का वादा कर रहे हैं, तो यह सिर्फ ओवरकमिटमेंट हैं।

कमिटमेंट करना अच्छी बात है। लेकिन, ओवरकमिटमेंट आपके लिए आफत बन सकती है। कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो अपने निर्धारित किए हुए काम को समय पर खत्म करने के लिए 24 घंटे काम कर सकते हैं। लेकिन, कुछ लोग इसके एकदम विपरीत होते हैं, जो 24 घंटे तक काम नहीं कर पाते हैं। आप अपने काम के ओवरकमिटमेंट से बच सकते हैं, सिर्फ आपको ‘नहीं’ शब्द का इस्तेमाल करना है कि आप कुछ गैर-ज़रूरी कामों को अभी नहीं करेंगे।

छोटी उपलब्धियों का जश्न मनाएं (Choti uplabdhiyon ka jashn manaye)

उपलब्धि छोटी या बड़ी नहीं होती, उपलब्धि हर मायने में उपलब्धि ही होती है। उन उपलब्धियों का आनंद लें, उन्हें गले लगाएं। अक्सर लोग छोटी उपलब्धियों को अनदेखा कर देते हैं, लेकिन आप ऐसा न करें। हमेशा याद रखें बूंद-बूंद से सागर बनता है। यही छोटी-छोटी उपलब्धियां हमारे जीत का मार्ग प्रशस्त करती हैं और हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाती हैं। छोटी उपलब्धियां भी किसी बड़ी जीत के तरह ही ज़रूरी है। अगर आप छोटी उपलब्धियों का जश्न नहीं मनाते हैं, तो आपके दिन भर काम करने का कोई अर्थ नहीं है। इसलिए अपनी सराहना हमेशा किसी काम के खत्म होने पर करें।

अधूरे काम को पूरा करें (Adhure kaam ko pura karen)

“काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। 

पल में परलय होएगी, बहुरि करोगे कब।।”

कबीर दास का यह दोहा इतना प्रचलित इसीलिए है, क्योंकि यह हमें समय की महत्ता को समझाता है। अक्सर ऐसा होता है कि हम बड़े काम को पूरा करने के चक्कर में छोटी चीजों को भूल जाते हैं या कल पर टाल देते हैं। कई बार कामों को आधा-अधूरा ही छोड़ देते हैं। फिर वह काम अधूरा रह जाता है, जिससे हम पूरे दिन उस अधूरे काम को लेकर तनाव में रहते हैं और दूसरे काम पर भी ध्यान नहीं दे पाते हैं। इसलिए कोशिश करें कि कभी भी किसी नए काम को शुरू करने से पहले अपने अधूरे कामों को खत्म कर लें।

ध्यान न भटकने दें (Dhyan na bhatakne de)

सुबह उठने के बाद आप पूरे जोश के साथ लैपटॉप खोलते हैं और काम को करने के लिए बैठते हैं। थोड़े समय तक तो काम करते हैं, फिर उसके बाद आपका ध्यान भटक जाता है। ऐसा होना एक आम बात है। देखा गया है कि किसी भी काम को शुरू करते वक्त हम आत्मविश्वास से भरे होते हैं। लेकिन, कुछ ही समय बाद हम अपना फोकस काम पर से खो देते हैं और निकल जाते हैं, ख्यालों की सैर पर। कुछ नहीं तो अपना फोन ही चेक करने लगते हैं या फिर सोशल मीडिया ही देखने लगते हैं। ध्यान भटकाने के लिए बहुत सारी चीजें जिम्मेदार होती हैं। इसलिए खुद को इन सभी चीजों से दूर रखें, क्योंकि ये आपका सिर्फ समय बर्बाद करते हैं।

कई प्रकार के भटकाव के शिकार हम रोजाना होते हैं, इनसे बचना आसान नहीं है; लेकिन नामुमकिन भी नहीं है। खुद से वादा करके आप इससे बच सकते हैं। मन में ठान लें कि कुछ भी हो जाए, आप फोन को तब तक हाथ नहीं लगाएंगे, जब तक आपका काम पूरा न हो जाए। ऐसा करने से आपका मन भी एकाग्र रहेगा और आप काम को समय पर खत्म कर सकेंगे।