चिल्लाने से क्या होता है?

जब आप पर कोई चिल्ला रहा हो तो स्थिति को कैसे संभालें?

किसी और के हम पर चिल्लाने से हमारा दिल पूरी तरह टूट जाता है। हम दोबारा उस इंसान की शक्ल भी देखना नहीं चाहते या उस इंसान पर उससे भी ज़्यादा तेज़ चिल्लाने लगते हैं, पर किसी के चिल्लाने पर हमारा भी उसी की तरह बर्ताव करना ठीक नहीं है।

अपनी बात मनवाने या अपना गुस्सा दिखाने के लिए आवाज़ को तेज और कड़क कर लेना, चिल्लाना है। हम सब ही कभी न कभी, किसी न किसी बात पर अपना गुस्सा दिखाने के लिए चिल्लाते हैं। हालांकि, चिल्लाने से हमें कोई फ़ायदा नहीं होता बल्कि बहुत से नुकसान ही होते हैं। फिर भी चिल्लाना हमारे आक्रोश और गुस्से को साबित करने का तरीका बना हुआ है।

जब हम बहुत गुस्से में होते हैं, तो अपनी बात को मनवाने या समझाने के लिए दूसरों पर झल्लाने या चिल्लाने लगते हैं, और जब कुछ देर बाद हमारा गुस्सा शांत होता है, तो हम यह भी महसूस कर पाते हैं कि बात इतनी बड़ी थी नहीं, जितना हमने अपने गुस्से और चिल्लाने से उसे बड़ा बना दिया। अपनी गलती का एहसास होना अच्छी बात है, और हमें अपने गुस्से को नियंत्रित करने की कोशिश भी करनी चाहिए, पर क्या आपको यह पता है कि जब कोई और आप पर चिल्ला दें तब क्या करें?

किसी और के हम पर चिल्लाने से हमारा दिल पूरी तरह टूट जाता है। हम दोबारा उस इंसान की शक्ल भी देखना नहीं चाहते या उस इंसान पर उससे भी ज़्यादा तेज़ चिल्लाने लगते हैं, पर किसी के चिल्लाने पर हमारा भी उसी की तरह बर्ताव करना ठीक नहीं है। चलिए मैं आपको बताती हूं कि जब कोई हम पर चिल्ला दें, तब क्या करना चाहिए और चिल्लाने के क्या नुकसान हैं या चिल्लाने से क्या होता है?

चिल्लाने पर रिएक्शन कैसे दें? (Chillane ka reaction kaise dein?)

अपनी झुंझलाहट या गुस्सा दिखाने के लिए अक्सर लोग एक-दूसरे पर चीखते-चिल्लाते हैं। कोई हम पर चिल्ला देता है, तो हमें बहुत बुरा लगता है। उसके चिल्लाने का जवाब हम या तो तेज़ चिल्ला कर देते हैं, या उस इंसान से बात करना छोड़ देते हैं।

पर ऐसी स्थिति में अगर हम सामने वाले को समझने की कोशिश करें तो बहुत कुछ ठीक हो सकता है। अगर आप पर कोई चिल्ला रहा है, तो उस वक्त आपका शांत होना और अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना बहुत ज़रूरी होता है। ऐसे हालातों में अगर हम लगातार बोलते रहेंगे और उस इंसान को अपनी बात समझाने की कोशिश करेंगे तो इससे वो हमारी बात समझने की बजाय, और गुस्से से भर जाएगा और पहले से तेज़ चीखने-चिल्लाने लगेगा।

इसलिए जब भी कोई चिल्ला रहा हो, तो हमें शांत हो जाना चाहिए, क्योंकि सामने वाला व्यक्ति ऐसे स्थिति में हमारी किसी भी बात को समझने की हालत में नहीं होता है। ध्यान रखिए जब भी कोई चिल्ला रहा है तो इसका मतलब है कि वो व्यक्ति खुद भी किसी मानसिक उलझन से जूझ रहा है। या तो वो अपनी कोई बात हमसे कह नहीं पा रहा या उसे किसी और बात ने परेशान कर रखा है।

कोई अगर आप पर चिल्लाए तो कोशिश करें कि उस वक्त उसके सामने से हट जाएं और उससे थोड़ी दूरी बना लें, ताकि उसे खुद ही संभलने का समय मिले। किसी के चिल्लाने पर उस व्यक्ति को हमेशा के लिए बुरा न समझें, हो सकता है जब वो शांत हो जाए और उसे अपनी गलती का एहसास हो तो वो आपसे अपने किए पर माफी मांग ले। इसलिए हालातों के सुधरने का इंतज़ार करें, और खुद हिम्मत से काम लें।

चिल्लाने से होने वाले नुकसान (Chillane se kya hota hai?)

आइए जानते हैं कि जब कोई बहुत चिल्लाता है, तो उस वक्त चिल्लाने से क्या होता है?

चीखना-चिल्लाना एक नकारात्मक प्रक्रिया है, जिससे न केवल चिल्लाने वाले व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, बल्कि जिस पर चिल्लाया जा रहा है, उस व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य (Mental Wellbeing) पर भी असर पड़ता है।

चिल्लाने से हमारी मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, मन में नकारात्मकता घर कर जाती है, और सिर दर्द, हाई ब्लडप्रेशर तथा दिल की बीमारियां तक होने का खतरा रहता है।

वहीं जिस व्यक्ति पर चिल्लाया गया है, वो हमारे ऐसे बर्ताव से पूरी तरह टूट जाता है। उसके दिल को हमारे चिल्लाने से ठेस पहुंचती है। वो हम पर भरोसा नहीं कर पाता, जिससे हमारे आपसी संबंधों में दरार आ सकती है।

अगर आप एक खुशनुमा और शांत जीवन जीना चाहते हैं तो चिल्लाएं नहीं। अपने गुस्से को नियंत्रित करना सीख लीजिए, जिससे न केवल आपको फायदा मिलेगा बल्कि आपके रिश्तों में भी प्यार बना रहेगा।

आर्टिकल पर अपना फीडबैक कमेंट में ज़रूर दें। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़े रहें।

टिप्पणी

टिप्पणी

X

आनंदमय और स्वस्थ जीवन आपसे कुछ ही क्लिक्स दूर है

सकारात्मकता, सुखी जीवन और प्रेरणा के अपने दैनिक फीड के लिए सदस्यता लें।