जानें घूमना कैसे रखता है डिप्रेशन और एंग्जायटी को दूर

घूमने के मानसिक स्वास्थ्य पर काफी सकारात्मक असर पड़ते हैं। घूमना फिरना कई मानसिक समस्याओं को जड़ से खत्म कर सकता है।

मैं घूमने की बड़ी शौकीन हूं। मुझे घूमना अपने लिए एक थेरेपी जैसा लगता है, और शायद यही कारण है कि जब भी मुझे घूमने पर कुछ लिखने के लिए मिलता है तो मेरे चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान और हाथों में एक नई जान सी आ जाती है।

मेरे लिए घूमना सिर्फ मज़ा नहीं, बल्कि नई चीज़ें सीखने और ज़िंदगी को बेहतर तरीके से समझने का एक शानदार तरीका है। मेरी तरह आप में से भी बहुत लोग ऐसे होंगे जिन्हें घूमना बेहद पसंद होगा। और जब कभी भी मौका मिलता होगा तो आप भी मेरी तरह, यादों की डायरी में नये अनुभव भरने चल देते होंगे। है न?

लेकिन क्या आप जानते हैं घूमने के मानसिक स्वास्थ्य पर काफी सकारात्मक असर पड़ते हैं। घूमना फिरना कई मानसिक समस्याओं को जड़ से खत्म कर सकता है। जनवरी का महीना आ गया और साथ ही राष्ट्रीय पर्यटन दिवस भी नज़दीक है। तो चलिए इस राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर मैं आपको बताती हूं कि घूमना फिरना हमारे मेन्टल हेल्थ के लिए कितना ज़रूरी है और घूमने से एंग्जायटी और डिप्रेशन कैसे होते हैं दूर।

कब है राष्ट्रीय पर्यटन दिवस? (Kab hai Rashtriya Paryatan Divas?)

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। इसको मनाने का मकसद, लोगों को घूमने-फिरने की अहमियत समझाना और भारत की खूबसूरती, संस्कृति और विरासत से मिलवाना है। इस दिन कई कार्यक्रम, सेमिनार और इवेंट भी रखे जाते हैं, जो सभी लोगों को ट्रैवल के फायदे और अलग-अलग जगहों की जानकारी देते हैं। इस दिन सरकार और स्थानीय संस्थाएं यात्रियों को यात्रा के टिप्स और ज़रूरी जानकारी देती हैं। यह दिन पर्यावरण के बचाव और टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी मनाया जाता है। भारत की विविधता में एकता और सुंदरता को करीब से जानने के लिए यह दिन सभी को मानना चाहिए और घूमने के फायदों का मज़ा लेना चाहिए।

घूमना फिरना देता है खूब सारे फायदे (Ghoomna firna deta hai khoob sare fayde) 

घूमना हमें बहुत कुछ सिखाता है और हमारे व्यक्तित्व के विकास के लिए भी ज़रूरी होता है। इसके अलावा घूमने से बहुत से लाभ हमें मिलते हैं। तो चलिए इस अंतराष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर जाने घूमने के फायदे।

घूमना-फिरना सेहत का अनमोल तोहफा है। घूमना-फिरना केवल मज़ा लेने का ज़रिया नहीं है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। जब हम नई जगहों की सैर करते हैं, तो न केवल तनाव कम होता है, बल्कि सकारात्मक शक्ति भी मिलती है।

प्रकृति के करीब जाने का असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक होता है। जब हम किसी शांत जगह पर जाते हैं, जैसे पहाड़, जंगल, या समुद्र किनारा, तो वहां का माहौल, साफ हवा, और प्राकृतिक खूबसूरती हमारे दिमाग को सुकून देते हैं। इससे तनाव कम होता है और नकारात्मक विचारों की जगह सकारात्मक सोच आती है।

नई जगहें देखने और अलग-अलग अनुभव लेने से हमारे सोचने का नज़रिया बदलता है और ज़िम्मेदारियों के बीच से घूमने का वक्त निकालने पर मानसिक शांति मिलती है।

इसके अलावा, घूमना फिरना रोमांच हमारा बढ़ाता है और नई जगहों की खोज हमारे मूड में सुधार करती है, जिससे उदासी या बोरियत दूर होती है।

नई जगहें देखने और नए अनुभव लेने से हमारे दिमाग को नई जानकारियां और अनुभव मिलते हैं। जब हम किसी अलग संस्कृति, भाषा, या परंपरा को देखते हैं, तो हमारा दिमाग इसे समझने और याद रखने की कोशिश करता है। इससे हमारी याददाश्त तेज होती है।

अलग-अलग वातावरण के एहसास हमारी रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं, क्योंकि हमारा दिमाग नए और अनोखे तरीकों से सोचने लगता है। सफर के दौरान हमें कई बार ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो हमें अपनी ताकतों पर भरोसा करना सिखाती हैं। जैसे, नई जगह पर खुद का ख्याल रखना, रास्ते ढूंढना, या भाषा की बाधा पार करना। ये अनुभव हमें आत्मनिर्भर बनाते हैं। हर बार जब हम किसी चुनौती को अच्छे से पार करते हैं, हमारा आत्मविश्वास और भी मजबूत हो जाता है, जिससे हमें खुद पर गर्व महसूस होता है।

नई जगहें देखने और नए अनुभवों से दिमाग को एक नई उम्मीद मिलती है, जिससे सकारात्मक सोच बढ़ती है। साथ ही, यात्रा हमें खुद को समझने और दूसरों से जुड़ने का मौका देती है। यह आत्मविश्वास को बढ़ाने और नए दृष्टिकोण से जीवन को देखने में मदद करती है।

नई जगहों पर घूमने से हमें नए लोगों से मिलने और उनकी संस्कृति को समझने का अवसर मिलता है। दूसरों के अनुभवों को सुनना और उनकी परंपराओं को जानना न केवल हमारे ज्ञान को बढ़ाता है, बल्कि हमारे सामाजिक कौशल को भी मजबूत करता है। यह जुड़ाव हमें महसूस कराता है कि हम एक बड़े और अलग-अलग संस्कृतियों से मिलकर बनी दुनिया के हिस्से हैं।

घूमने से होगी डिप्रेशन और एंग्जायटी दूर (Ghumne se hogi depression aur anxiety door )

घूमना सिर्फ एक शौक नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक बेहतरीन दवा है। जब हम नई जगहों पर घूमने जाते हैं, तो हमारा मन रोज़मर्रा की चिंताओं और तनावों से दूर हो जाता है।

यात्रा के दौरान चलना, घूमना, और नए स्थानों का आनंद लेना शरीर को फुर्तीला बनाता है। ये शारीरिक एक्टिविटी हमारे शरीर में एंडोर्फिन और डोपामिन जैसे हैप्पी हार्मोन्स का स्तर बढ़ाती है। ये हार्मोन्स हमें खुशी और सुकून का एहसास कराते हैं और डिप्रेशन ओर एंग्जायटी को कम करते हैं। प्रकृति के करीब जाने से हमें सुकून का एहसास होता है, जिससे भी डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी परेशानियों को कम करने में मदद मिलती है।

अगर आप डिप्रेशन या एंग्जायटी महसूस कर रहे हैं, तो घूमने की प्लानिंग करें। यह न केवल आपको ताज़गी देगा, बल्कि आपकी मानसिक सेहत के लिए भी फायदेमंद रहेगा।

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